होली रंग, उत्साह, उमंग और नई ऊर्जा का पर्व है. हम सभी जानते हैं कि होली (Holi) खेलने से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. ये दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद की रक्षा की थी. होलिका दहन से ना सिर्फ वातावरण शुद्ध बनता है, बल्कि नकारात्मक शक्तियों का भी नाश करता है.
अग्नि की शक्ति बढ़ जाती है
होलिका की पूजा में गोबर के उपले, नारियल, पुष्प समेत अनाज चढ़ाया जाता है. जिससे अग्नि की शक्ति बढ़ जाती है. लेकिन शायद आप नहीं जानते कि इस राख के कई और लाभ भी हैं. होलिका दहन की राख से आपके कष्टों को दूर किया जा सकता है. इसके लिए पंडित सुरेश श्रीमाली के द्वारा बताए नुस्खों को अपनाएं.
क्या और कैसे करें
1. होलिका दहन के दूसरे दिन सुबह-सुबह जाकर होलिका की राख घर ले आएं. इसमें नमक और राई मिलाकर रख लें. जब भी घर में किसी को नजर बाधा हो तो उसके सिर से सात बार ये राख उसार कर बाहर फेंक दे.
2. राहु-केतु और शनि की बुरी दृष्टि से आपके काम बिगाड़ रहे हैं तो होलिका दहन की राख को शिवलिंग पर चढ़ाएं. इस राख को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने से नवग्रह पीड़ा भी शांत होती है.
3. परिवार में कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमार चल रहा है तो होली के अगले दिन होलिका की राख लाकर उस बीमार व्यक्ति के माथे पर तिलक लगाएं. ऐसा आप 21 दिन करें. इससे व्यक्ति जल्द ठीक होगा.
4. होली जलने के अगले दिन सुबह सुबह होलिका की राख (सात चुटकी भरके) घर ले आएं. अब इस राख को तांबे के सात छेद वाले सिक्के के साथ एक लाल कपड़े में बांध लें और तिजोरी में रख दें. इससे घर में बरकत होगी. साथ ही उसे आप अपनी दुकान के मुख्य द्वार पर लटकाएंगे तो दुकान और व्यापार की उन्नति होगी.
5. वास्तु शास्त्र के अनुसार होली जलाने के बाद होली की राख को लाकर घर के आग्नेय कोण, यानी साउथ ईस्ट में रखे. क्योंकि आग्नेय कोण का संबंध अग्नि तत्व से है. घर से नेगेटिविटी दूर होगी. ऐसा करने से आपको बिजनेस में लाभ मिलेगा.
6. छोटे बच्चों को बुरी नजर से दूर रखने के लिए होलिका दहन की राख को चांदी की ताबीज या कपड़े में बांधकर गले या हाथ में पहनाएं.
7. होलिका दहन की भस्म को बहुत ही शुभ होती है. इस भस्म को घर में लाकर हर कोने में छिड़कें.
होली रंग, उत्साह, उमंग और नई ऊर्जा का पर्व है. हम सभी जानते हैं कि होली (Holi) खेलने से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. ये दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद की रक्षा की थी. होलिका दहन से ना सिर्फ वातावरण शुद्ध बनता है, बल्कि नकारात्मक शक्तियों का भी नाश करता है.
अग्नि की शक्ति बढ़ जाती है
होलिका की पूजा में गोबर के उपले, नारियल, पुष्प समेत अनाज चढ़ाया जाता है. जिससे अग्नि की शक्ति बढ़ जाती है. लेकिन शायद आप नहीं जानते कि इस राख के कई और लाभ भी हैं. होलिका दहन की राख से आपके कष्टों को दूर किया जा सकता है. इसके लिए पंडित सुरेश श्रीमाली के द्वारा बताए नुस्खों को अपनाएं.
क्या और कैसे करें
1. होलिका दहन के दूसरे दिन सुबह-सुबह जाकर होलिका की राख घर ले आएं. इसमें नमक और राई मिलाकर रख लें. जब भी घर में किसी को नजर बाधा हो तो उसके सिर से सात बार ये राख उसार कर बाहर फेंक दे.
2. राहु-केतु और शनि की बुरी दृष्टि से आपके काम बिगाड़ रहे हैं तो होलिका दहन की राख को शिवलिंग पर चढ़ाएं. इस राख को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने से नवग्रह पीड़ा भी शांत होती है.
3. परिवार में कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमार चल रहा है तो होली के अगले दिन होलिका की राख लाकर उस बीमार व्यक्ति के माथे पर तिलक लगाएं. ऐसा आप 21 दिन करें. इससे व्यक्ति जल्द ठीक होगा.
4. होली जलने के अगले दिन सुबह सुबह होलिका की राख (सात चुटकी भरके) घर ले आएं. अब इस राख को तांबे के सात छेद वाले सिक्के के साथ एक लाल कपड़े में बांध लें और तिजोरी में रख दें. इससे घर में बरकत होगी. साथ ही उसे आप अपनी दुकान के मुख्य द्वार पर लटकाएंगे तो दुकान और व्यापार की उन्नति होगी.
5. वास्तु शास्त्र के अनुसार होली जलाने के बाद होली की राख को लाकर घर के आग्नेय कोण, यानी साउथ ईस्ट में रखे. क्योंकि आग्नेय कोण का संबंध अग्नि तत्व से है. घर से नेगेटिविटी दूर होगी. ऐसा करने से आपको बिजनेस में लाभ मिलेगा.
6. छोटे बच्चों को बुरी नजर से दूर रखने के लिए होलिका दहन की राख को चांदी की ताबीज या कपड़े में बांधकर गले या हाथ में पहनाएं.
7. होलिका दहन की भस्म को बहुत ही शुभ होती है. इस भस्म को घर में लाकर हर कोने में छिड़कें.