Raipur :: NH MMI एवं RED पर लापरवाही का आरोप, मरीज की गई जान, प्रबंधन ने विज्ञप्ति के माध्यम से अपनी बात रखी:

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NH MMI ने अपनी बात प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से राखी - 49 वर्षीय महिला, श्रीमती भारती देवी खेमा‍नी जी को 2 सितंबर 2024 को एम एम आई नारायणा हॉस्पिटल, रायपुर में भर्ती किया गया। उन्हे 6 दिनों से बुखार और पिछले 3 दिनों से खांसी और सांस लेने में कठिनाई थी| जांच में उन्हें एच1एन1 निमोनिया के साथ तीव्र श्वसन विफलता (AHRF/ARDS) और सेप्टिक शॉक की पुष्टि हुई। उन्हें ICU आइसोलेशन में स्थानांतरित कर NIV थेरेपी, ऑक्सीजन, एंटीवायरल, एंटीबायोटिक और सहायक उपचार शुरू किया गया। प्रारंभिक सुधार के बावजूद, उनकी स्थिति मे सुधार कम था एवं  ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई, बुखार बना रहा और सेप्सिस की स्थिति उत्पन्न हो गई। मरीज की गंभीर स्थिति और सीमित चिकित्सीय सुधार के कारण, परिवार ने उन्हें एक उच्च केंद्र में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया, और 12 सितंबर 2024 को स्थानांतरण के जोखिमों को समझाते हुए उन्हें मेडिकल सलाह के विरुद्ध छुट्टी (DAMA) दी गई |

मरीज के परिवार वालों  ने रेड हेल्थ से तत्काल एयर ट्रांसफर के लिए संपर्क किया, और हालांकि जोखिमों को स्पष्ट रूप से बताया गया था, परिवार ने हाई-रिस्क सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर कर ट्रांसफर कराने का निर्णय लिया। रेड हेल्थ ने तेजी से सभी व्यवस्थाएँ की एवं मरीज को बिना किसी देरी के ट्रांसफर किया गया।

दुर्भाग्यवश, उड़ान के लगभग 15 मिनट बाद, मरीज की स्थिति बिगड़ गई, जिससे कार्डियक अरेस्ट हुआ। 12 सितंबर 2024 को शाम लगभग 4:35 बजे, इमरजेंसी रूम को सूचित किया गया कि मरीज को जटिल परिस्थितियों के कारण एम एम आई नारायणा हॉस्पिटल वापस लाया जा रहा था। इमरजेंसी और आईसीयू टीम को तैयारी किया गया, और वे शाम 4:50 बजे पहुंचे। जांच के दौरान, मरीज की नाड़ी, रक्तचाप, श्वास और ईसीजी लाइन सपाट पाई गई। उन्हें शाम 5 बजे "मृत अवस्था में लाए गए" घोषित कर दिया गया। रिश्तेदारों और पुलिस अधिकारियों को सूचित किया गया, और एक मेडिकल लेगल केस (MLC) दर्ज किया गया। रिश्तेदारों ने आवश्यक दस्तावेजों पर रात 9:30 बजे हस्ताक्षर किए, इसके बाद MLC को आगे की प्रक्रिया के लिए पुलिस स्टेशन भेजा गया।

इस दुखद घटना पर हमें गहरा अफसोस है और हम पूरी तरह से समझते हैं कि इसका परिवार पर कितना गहरा भावनात्मक प्रभाव पड़ा होगा। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के तौर पर, हमने मरीज को बचाने के प्रयासों में परिवार की पूरी मदद की और इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। एक स्वास्थ्य सेवा संस्थान के रूप में, हम सबसे कठिन परिस्थितियों में भी उच्चतम स्तर की देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने इस मामले की पूरी तरह से समीक्षा की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर पहलू को पूरी पेशेवरता के साथ संभाला गया।

ज्ञात हो कि इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तथा छग के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जांच के निर्देश दे दिए हैं।


NH MMI ने अपनी बात प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से राखी - 49 वर्षीय महिला, श्रीमती भारती देवी खेमा‍नी जी को 2 सितंबर 2024 को एम एम आई नारायणा हॉस्पिटल, रायपुर में भर्ती किया गया। उन्हे 6 दिनों से बुखार और पिछले 3 दिनों से खांसी और सांस लेने में कठिनाई थी| जांच में उन्हें एच1एन1 निमोनिया के साथ तीव्र श्वसन विफलता (AHRF/ARDS) और सेप्टिक शॉक की पुष्टि हुई। उन्हें ICU आइसोलेशन में स्थानांतरित कर NIV थेरेपी, ऑक्सीजन, एंटीवायरल, एंटीबायोटिक और सहायक उपचार शुरू किया गया। प्रारंभिक सुधार के बावजूद, उनकी स्थिति मे सुधार कम था एवं  ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई, बुखार बना रहा और सेप्सिस की स्थिति उत्पन्न हो गई। मरीज की गंभीर स्थिति और सीमित चिकित्सीय सुधार के कारण, परिवार ने उन्हें एक उच्च केंद्र में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया, और 12 सितंबर 2024 को स्थानांतरण के जोखिमों को समझाते हुए उन्हें मेडिकल सलाह के विरुद्ध छुट्टी (DAMA) दी गई |

मरीज के परिवार वालों  ने रेड हेल्थ से तत्काल एयर ट्रांसफर के लिए संपर्क किया, और हालांकि जोखिमों को स्पष्ट रूप से बताया गया था, परिवार ने हाई-रिस्क सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर कर ट्रांसफर कराने का निर्णय लिया। रेड हेल्थ ने तेजी से सभी व्यवस्थाएँ की एवं मरीज को बिना किसी देरी के ट्रांसफर किया गया।

दुर्भाग्यवश, उड़ान के लगभग 15 मिनट बाद, मरीज की स्थिति बिगड़ गई, जिससे कार्डियक अरेस्ट हुआ। 12 सितंबर 2024 को शाम लगभग 4:35 बजे, इमरजेंसी रूम को सूचित किया गया कि मरीज को जटिल परिस्थितियों के कारण एम एम आई नारायणा हॉस्पिटल वापस लाया जा रहा था। इमरजेंसी और आईसीयू टीम को तैयारी किया गया, और वे शाम 4:50 बजे पहुंचे। जांच के दौरान, मरीज की नाड़ी, रक्तचाप, श्वास और ईसीजी लाइन सपाट पाई गई। उन्हें शाम 5 बजे "मृत अवस्था में लाए गए" घोषित कर दिया गया। रिश्तेदारों और पुलिस अधिकारियों को सूचित किया गया, और एक मेडिकल लेगल केस (MLC) दर्ज किया गया। रिश्तेदारों ने आवश्यक दस्तावेजों पर रात 9:30 बजे हस्ताक्षर किए, इसके बाद MLC को आगे की प्रक्रिया के लिए पुलिस स्टेशन भेजा गया।

इस दुखद घटना पर हमें गहरा अफसोस है और हम पूरी तरह से समझते हैं कि इसका परिवार पर कितना गहरा भावनात्मक प्रभाव पड़ा होगा। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के तौर पर, हमने मरीज को बचाने के प्रयासों में परिवार की पूरी मदद की और इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। एक स्वास्थ्य सेवा संस्थान के रूप में, हम सबसे कठिन परिस्थितियों में भी उच्चतम स्तर की देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने इस मामले की पूरी तरह से समीक्षा की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर पहलू को पूरी पेशेवरता के साथ संभाला गया।

ज्ञात हो कि इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तथा छग के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जांच के निर्देश दे दिए हैं।


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