भिलाई की प्रभा ठाकुर हुसैन ने पेश की साहस और जज़्बे की मिसाल।
भिलाई की रहने वाली 57 वर्षीय प्रभा ठाकुर हुसैन ने यह साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है और सपने देखने और उन्हें पूरा करने की कोई सीमा नहीं होती। हाल ही में उन्होंने नीदरलैंड्स के टेक्सेल आइलैंड पर दूसरी बार स्काईडाइविंग की, और इस बार उनके साथ उनके पति, बेटी और बेटा भी शामिल थे।
यह उनका पहला रोमांचक अनुभव नहीं था। इससे पहले, 2022 में उन्होंने दुबई में अपने बेटे के साथ प्लेन से छलांग लगाई थी। प्रभा कहती हैं, “जहां युवा लड़कियां भी इसे करने से डरती हैं, मैंने 57 साल की उम्र में दो बार यह कारनामा किया।”उनका यह साहसिक कदम प्रेरणा देता है कि डर केवल एक मानसिक बाधा है और उसे पार कर लिया जाए तो इंसान कुछ भी कर सकता है। प्रभा का कहना है, “जो उड़ने का शौक रखते हैं, वे डर का खौफ नहीं रखते।”
इस बार का अनुभव उनके लिए और भी खास था, क्योंकि उन्होंने अपने पूरे परिवार के साथ इस रोमांच को साझा किया। उनके पति, बेटी और बेटे के साथ आसमान में छलांग लगाकर उन्होंने यह संदेश दिया कि ज़िंदगी को खुलकर जीने का मौका हर उम्र में लिया जा सकता है। प्रभा का संदेश है: ज़िंदगी को जियो, डर को नहीं। क्योंकि सपने देखने और उन्हें पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती।
भिलाई की प्रभा ठाकुर हुसैन ने पेश की साहस और जज़्बे की मिसाल।
भिलाई की रहने वाली 57 वर्षीय प्रभा ठाकुर हुसैन ने यह साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है और सपने देखने और उन्हें पूरा करने की कोई सीमा नहीं होती। हाल ही में उन्होंने नीदरलैंड्स के टेक्सेल आइलैंड पर दूसरी बार स्काईडाइविंग की, और इस बार उनके साथ उनके पति, बेटी और बेटा भी शामिल थे।
यह उनका पहला रोमांचक अनुभव नहीं था। इससे पहले, 2022 में उन्होंने दुबई में अपने बेटे के साथ प्लेन से छलांग लगाई थी। प्रभा कहती हैं, “जहां युवा लड़कियां भी इसे करने से डरती हैं, मैंने 57 साल की उम्र में दो बार यह कारनामा किया।”उनका यह साहसिक कदम प्रेरणा देता है कि डर केवल एक मानसिक बाधा है और उसे पार कर लिया जाए तो इंसान कुछ भी कर सकता है। प्रभा का कहना है, “जो उड़ने का शौक रखते हैं, वे डर का खौफ नहीं रखते।”
इस बार का अनुभव उनके लिए और भी खास था, क्योंकि उन्होंने अपने पूरे परिवार के साथ इस रोमांच को साझा किया। उनके पति, बेटी और बेटे के साथ आसमान में छलांग लगाकर उन्होंने यह संदेश दिया कि ज़िंदगी को खुलकर जीने का मौका हर उम्र में लिया जा सकता है। प्रभा का संदेश है: ज़िंदगी को जियो, डर को नहीं। क्योंकि सपने देखने और उन्हें पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती।