प्राइवेट सोसाइटी हेतु क्या नियम है इसे कोआपरेटिव सोसाइटी के अधिकारीगण भली भांति जानते होंगे साथ ही सोसाइटी के नियमों को पढ़कर सवालों का जवाब देते होंगे या देते हैं।
विगत एक वर्ष से सड्डू स्थित एक रहवासी कॉलोनी में अस्थाई कमेटी संचालित हो रही है जिन्हें निर्वाचित नहीं किया गया है अपितु रहवासियों द्वारा सेलेक्ट किया गया है। इस हेतु कोआपरेटिव सोसाइटी के वरिष्ठ अधिकारी एवं एक महिला अधिकारी से पूछा गया - अस्थाई कमेटी का समय सीमा कब तक होती या रहती है ? और यदि अस्थाई कमेटी समय सीमा के बाद भी संचालित होती है तो इस पर कोआपरेटिव सोसाइटी के अधिकारी क्या एक्शन लेते हैं ? दूसरा सवाल ये भी किया गया कि क्या अस्थाई कमेटी बिना निर्वाचन के बिल्डर से हैंड ओवर ले सकता है ?
उपरोक्त सवालों का कोई भी जवाब सवालकर्ता को दोनों अधिकारियों द्वारा व्हाट्सएप्प पर नहीं दिया गया जबकि सवालकर्ता ने रिमाइंड भी करवाया तो महिला अधिकारी ने जवाब दिया कि उक्त सवालों का जवाब डिप्टी रजिस्ट्रार ज्यादा अच्छे से दे सकते हैं। दो दिन बीत जाने के बाद भी दोनों अधिकारियों ने प्रश्नकर्ता को किसी भी तरह का जवाब प्रेषित नही किये हैं।
सरकारी दफ्तर के जिम्मेदार अधिकारियों का यदि ऐसा रवैया रहे तो व्यक्ति नियमों को कैसे जान या समझ पायेगा जो बहुत ही बड़ा सवाल है।
प्राइवेट सोसाइटी हेतु क्या नियम है इसे कोआपरेटिव सोसाइटी के अधिकारीगण भली भांति जानते होंगे साथ ही सोसाइटी के नियमों को पढ़कर सवालों का जवाब देते होंगे या देते हैं।
विगत एक वर्ष से सड्डू स्थित एक रहवासी कॉलोनी में अस्थाई कमेटी संचालित हो रही है जिन्हें निर्वाचित नहीं किया गया है अपितु रहवासियों द्वारा सेलेक्ट किया गया है। इस हेतु कोआपरेटिव सोसाइटी के वरिष्ठ अधिकारी एवं एक महिला अधिकारी से पूछा गया - अस्थाई कमेटी का समय सीमा कब तक होती या रहती है ? और यदि अस्थाई कमेटी समय सीमा के बाद भी संचालित होती है तो इस पर कोआपरेटिव सोसाइटी के अधिकारी क्या एक्शन लेते हैं ? दूसरा सवाल ये भी किया गया कि क्या अस्थाई कमेटी बिना निर्वाचन के बिल्डर से हैंड ओवर ले सकता है ?
उपरोक्त सवालों का कोई भी जवाब सवालकर्ता को दोनों अधिकारियों द्वारा व्हाट्सएप्प पर नहीं दिया गया जबकि सवालकर्ता ने रिमाइंड भी करवाया तो महिला अधिकारी ने जवाब दिया कि उक्त सवालों का जवाब डिप्टी रजिस्ट्रार ज्यादा अच्छे से दे सकते हैं। दो दिन बीत जाने के बाद भी दोनों अधिकारियों ने प्रश्नकर्ता को किसी भी तरह का जवाब प्रेषित नही किये हैं।
सरकारी दफ्तर के जिम्मेदार अधिकारियों का यदि ऐसा रवैया रहे तो व्यक्ति नियमों को कैसे जान या समझ पायेगा जो बहुत ही बड़ा सवाल है।