पंजाब विधानसभा चुनाव में भले ही आप उम्मीदवार लाभ सिंह उगोके ने निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को हरा दिया हो लेकिन उनकी मां सफाईकर्मी की नौकरी छोड़ेंने को तैयार नहीं हैं। लाभ सिंह की मां बलदेव कौर एक सरकारी स्कूल में संविदा सफाई कर्मचारी हैं। बलदेव ने उस वक्त सभी को हैरान कर दिया जब वो शुक्रवार को झाड़ू लेकर ड्यूटी के लिए पहुंच गईं। एक दिन पहले ही उनके बेटे ने कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार को 37,558 के बड़े अंतर से हराया था।
बलदेव कौर ने कहा, "उन सभी ने सोचा कि मैं अपने बेटे की जीत के कम से कम एक दिन बाद काम पर नहीं आऊंगी। लेकिन मैंने साफ कर दिया कि मेरा बेटा विधायक बना है, मैं नहीं। मैं अभी भी एक संविदा सफाई कर्मचारी हूं। मुझे अपनी नौकरी क्यों छोड़नी चाहिए?"
'मेरी नौकरी ही गुजारे के लिए अहम स्रोत रही' :: बलदेव अब 50 साल से अधिक की हो चुकी हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने विधायक बेटे से साफ तौर पर कहा है कि वह अपनी नौकरी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा, "मैं जो कर रहीं हूं, उस पर मुझे गर्व है। मेरी नौकरी ही उस दौरान आय का अहम स्रोत रही है, जब हमारा परिवार अपना गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहा था।
पंजाब विधानसभा चुनाव में भले ही आप उम्मीदवार लाभ सिंह उगोके ने निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को हरा दिया हो लेकिन उनकी मां सफाईकर्मी की नौकरी छोड़ेंने को तैयार नहीं हैं। लाभ सिंह की मां बलदेव कौर एक सरकारी स्कूल में संविदा सफाई कर्मचारी हैं। बलदेव ने उस वक्त सभी को हैरान कर दिया जब वो शुक्रवार को झाड़ू लेकर ड्यूटी के लिए पहुंच गईं। एक दिन पहले ही उनके बेटे ने कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार को 37,558 के बड़े अंतर से हराया था।
बलदेव कौर ने कहा, "उन सभी ने सोचा कि मैं अपने बेटे की जीत के कम से कम एक दिन बाद काम पर नहीं आऊंगी। लेकिन मैंने साफ कर दिया कि मेरा बेटा विधायक बना है, मैं नहीं। मैं अभी भी एक संविदा सफाई कर्मचारी हूं। मुझे अपनी नौकरी क्यों छोड़नी चाहिए?"
'मेरी नौकरी ही गुजारे के लिए अहम स्रोत रही' :: बलदेव अब 50 साल से अधिक की हो चुकी हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने विधायक बेटे से साफ तौर पर कहा है कि वह अपनी नौकरी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा, "मैं जो कर रहीं हूं, उस पर मुझे गर्व है। मेरी नौकरी ही उस दौरान आय का अहम स्रोत रही है, जब हमारा परिवार अपना गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहा था।