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news raipur:: होली से पहले बरसे फूल, उड़े गुलाल, गीत-नृत्य पर झूम उठीं महिलाएं:

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रायपुर । दो साल पहले जब कोरोना
महामारी का दौर शुरू हुआ था, तब होली की मस्ती फीकी थी। पिछले साल भी होली
में उत्साह नहीं था। सार्वजनिक होली मिलन जैसे कार्यक्रम नहीं हुए थे। इस
साल महामारी का प्रकोप कम होते ही बच्चों से लेकर बुजुर्गों में होली का
खुमार छाने लगा है। होली से पांच दिन पहले ही शनिवार को राजधानी में होली
की मस्ती छाई रही। स्कूलों में बच्चों ने एक-दूसरे पर जमकर रंग-गुलाल
उड़ाया, वहीं कई जगह सार्वजनिक होली मिलन समारोह में होली की खुशियां छाई
रहीं। महिलाएं होलियाना मूड में होली के गीत गाते हुए मस्ती में झूम उठीं।


मोहे रंग दे, धरती में उतर आया स्वर्ग

ब्राह्मणपारा
स्थित आनंद वाचनालय में जेसीआइ रायपुर वामा कैपिटल के मोहे रंग दे नाम से
हुए आयोजन में होली मिलन की थीम धरती में उतर आया स्वर्ग रखा गया था।
कार्यक्रम में महिलाओं ने विविध देवी-देवताओं का रूप धारण किया। कोई
शंकर-पार्वती बनकर डमरू बजाते हुए मंच पर पहुंची तो कोई बांसुरी बजाते हुए
श्रीकृष्ण के रूप में आईं। राधा के संग गोप-गोपियों की टोली ने फूल, अबीर
गुलाल उड़ाते हुए फाग गीतों की धुन पर नृत्य करके आनंद लिया। अनेक महिलाएं
परी, अप्सरा बनकर जलवा बिखेरा।



रायपुर । दो साल पहले जब कोरोना
महामारी का दौर शुरू हुआ था, तब होली की मस्ती फीकी थी। पिछले साल भी होली
में उत्साह नहीं था। सार्वजनिक होली मिलन जैसे कार्यक्रम नहीं हुए थे। इस
साल महामारी का प्रकोप कम होते ही बच्चों से लेकर बुजुर्गों में होली का
खुमार छाने लगा है। होली से पांच दिन पहले ही शनिवार को राजधानी में होली
की मस्ती छाई रही। स्कूलों में बच्चों ने एक-दूसरे पर जमकर रंग-गुलाल
उड़ाया, वहीं कई जगह सार्वजनिक होली मिलन समारोह में होली की खुशियां छाई
रहीं। महिलाएं होलियाना मूड में होली के गीत गाते हुए मस्ती में झूम उठीं।


मोहे रंग दे, धरती में उतर आया स्वर्ग

ब्राह्मणपारा
स्थित आनंद वाचनालय में जेसीआइ रायपुर वामा कैपिटल के मोहे रंग दे नाम से
हुए आयोजन में होली मिलन की थीम धरती में उतर आया स्वर्ग रखा गया था।
कार्यक्रम में महिलाओं ने विविध देवी-देवताओं का रूप धारण किया। कोई
शंकर-पार्वती बनकर डमरू बजाते हुए मंच पर पहुंची तो कोई बांसुरी बजाते हुए
श्रीकृष्ण के रूप में आईं। राधा के संग गोप-गोपियों की टोली ने फूल, अबीर
गुलाल उड़ाते हुए फाग गीतों की धुन पर नृत्य करके आनंद लिया। अनेक महिलाएं
परी, अप्सरा बनकर जलवा बिखेरा।



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