news raipur:: प्रदेश में मेडिकल सीटों में हेरफेर की होगी जांच, सूची हो सकती है निरस्त:

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 रायपुर : छत्‍तीसगढ़
प्रदेश में मेडिकल सीटों के आवंटन में गड़बड़ी सामने आने के बाद चिकित्सा
शिक्षा विभाग (डीएमई) ने जांच कराने की बात कही है। वहीं दूसरी काउंसलिंग
के लिए जारी सूची भी निरस्त की जा सकती है। फिलहाल मेडिकल सीट आवंटन में
गड़बड़ी के मामले में पीड़ित छात्रों व चिप्स (छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन
सोसायटी) के अधिकारियों को सोमवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बुलाया है।


भाटापारा, बिलासपुर, अंबिकापुर में सीट आवंटन में गड़बड़ी

बता
दें कि एमबीबीएस व बीडीएस सीटों में दाखिले के लिए दूसरी काउंसलिंग को
लेकर 11 मार्च शाम को सूची जारी की गई थी, लेकिन इस सूची में सीट आवंटन को
लेकर कई गड़बड़ियां सामने आईं। शिकायत के बाद चिप्स ने देर रात दूसरी सूची
जारी की। इसमें भी कई तरह की अनियमतताएं पाई गईं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के
अधिकारी के अनुसार कई गड़बड़ियां उन्होंने भी पकड़ीं, जिन्हें समय रहते ठीक
कराया गया। इसके बावजूद भाटापारा की छात्रा, बिलासपुर, अंबिकापुर के एक-एक
मेडिकल छात्र के सीट आवंटन में गड़बड़ी के अलावा एक बीडीएस के छात्र को भी
गलत सीट आवंटित की गई है।


लेन-देन की आशंका के बीच सूची हो सकती है निरस्त

जिस
तरह से मामला सामने आ रहा है। सीटों के आवंटन में पैसे के लेन-देन की
आशंका जाहिर की जा रही है। मामले को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सीधे
चिप्स को जिम्मेदार बताया है। वहीं चिप्स ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि
विभाग के द्वारा बताए गए नियमों के तहत ही काउंसलिंग की गई है। अधिकारियों
ने बताया कि जांच में यदि सीटों के आवंटन में गड़बड़ी सामने आती है तो दूसरी
काउंसलिंग के लिए जारी सूची निरस्त की जाएगी।

राज्य भर में एमबीबीएस की 1,245 सीटें

मिली
जानकारी के अनुसार प्रदेश में एमबीबीएस की कुल 1,245 सीटें हैं। शासकीय
मेडिकल कालेज की बात करें तो रायपुर, बिलासपुर में 180-180, कांकेर,
अंबिकापुर व जगदलपुर में 125-125 व रायगढ़ में 60 सीटों समेत 795 सीटें हैं।
वे भी पूरी भर चुकी है। वहीं रिम्स, शंकराचार्य व श्रीबालाजी प्राइवेट
मेडिकल कालेज मिलाकर कुल 450 सीटें हैं, जिनमें से कुछ सीटें खाली हैं।


मेडिकल सीटों के आवंटन में सामने आई अनियमितता को लेकर संचालक के
आदेश पर छात्रों व चिप्स के अधिकारियों को बुलाया गया है, मामले की जांच
कराएंगे। यदि सच में किसी तरह की गड़बड़ी हुई है तो दोषियों पर शासन स्तर से
कार्रवाई होगी। -डा. जितेंद्र तिवारी, प्रवक्ता, चिकित्सा शिक्षा विभाग

चिकित्सा
शिक्षा विभाग के बनाए नियमों के तहत ही चिप्स से साफ्टवेयर बनाकर पारदर्शी
तरीके से काउंसलिंग की गई है। हमारी तरफ से किसी तरह की अनियमितता नहीं
हुई है। यदि किसी तरह की समस्या आ रही है तो उसका निराकरण चिकित्सा शिक्षा
विभाग करेगा। -समीर विश्नोई, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, चिप्स


 

 

 


 रायपुर : छत्‍तीसगढ़
प्रदेश में मेडिकल सीटों के आवंटन में गड़बड़ी सामने आने के बाद चिकित्सा
शिक्षा विभाग (डीएमई) ने जांच कराने की बात कही है। वहीं दूसरी काउंसलिंग
के लिए जारी सूची भी निरस्त की जा सकती है। फिलहाल मेडिकल सीट आवंटन में
गड़बड़ी के मामले में पीड़ित छात्रों व चिप्स (छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन
सोसायटी) के अधिकारियों को सोमवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बुलाया है।


भाटापारा, बिलासपुर, अंबिकापुर में सीट आवंटन में गड़बड़ी

बता
दें कि एमबीबीएस व बीडीएस सीटों में दाखिले के लिए दूसरी काउंसलिंग को
लेकर 11 मार्च शाम को सूची जारी की गई थी, लेकिन इस सूची में सीट आवंटन को
लेकर कई गड़बड़ियां सामने आईं। शिकायत के बाद चिप्स ने देर रात दूसरी सूची
जारी की। इसमें भी कई तरह की अनियमतताएं पाई गईं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के
अधिकारी के अनुसार कई गड़बड़ियां उन्होंने भी पकड़ीं, जिन्हें समय रहते ठीक
कराया गया। इसके बावजूद भाटापारा की छात्रा, बिलासपुर, अंबिकापुर के एक-एक
मेडिकल छात्र के सीट आवंटन में गड़बड़ी के अलावा एक बीडीएस के छात्र को भी
गलत सीट आवंटित की गई है।


लेन-देन की आशंका के बीच सूची हो सकती है निरस्त

जिस
तरह से मामला सामने आ रहा है। सीटों के आवंटन में पैसे के लेन-देन की
आशंका जाहिर की जा रही है। मामले को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सीधे
चिप्स को जिम्मेदार बताया है। वहीं चिप्स ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि
विभाग के द्वारा बताए गए नियमों के तहत ही काउंसलिंग की गई है। अधिकारियों
ने बताया कि जांच में यदि सीटों के आवंटन में गड़बड़ी सामने आती है तो दूसरी
काउंसलिंग के लिए जारी सूची निरस्त की जाएगी।

राज्य भर में एमबीबीएस की 1,245 सीटें

मिली
जानकारी के अनुसार प्रदेश में एमबीबीएस की कुल 1,245 सीटें हैं। शासकीय
मेडिकल कालेज की बात करें तो रायपुर, बिलासपुर में 180-180, कांकेर,
अंबिकापुर व जगदलपुर में 125-125 व रायगढ़ में 60 सीटों समेत 795 सीटें हैं।
वे भी पूरी भर चुकी है। वहीं रिम्स, शंकराचार्य व श्रीबालाजी प्राइवेट
मेडिकल कालेज मिलाकर कुल 450 सीटें हैं, जिनमें से कुछ सीटें खाली हैं।


मेडिकल सीटों के आवंटन में सामने आई अनियमितता को लेकर संचालक के
आदेश पर छात्रों व चिप्स के अधिकारियों को बुलाया गया है, मामले की जांच
कराएंगे। यदि सच में किसी तरह की गड़बड़ी हुई है तो दोषियों पर शासन स्तर से
कार्रवाई होगी। -डा. जितेंद्र तिवारी, प्रवक्ता, चिकित्सा शिक्षा विभाग

चिकित्सा
शिक्षा विभाग के बनाए नियमों के तहत ही चिप्स से साफ्टवेयर बनाकर पारदर्शी
तरीके से काउंसलिंग की गई है। हमारी तरफ से किसी तरह की अनियमितता नहीं
हुई है। यदि किसी तरह की समस्या आ रही है तो उसका निराकरण चिकित्सा शिक्षा
विभाग करेगा। -समीर विश्नोई, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, चिप्स


 

 

 


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