बिलासपुर : दक्षिण पूर्व मध्य
रेलवे के मुख्य स्टेशन प्रबंधक व स्टेशन प्रबंधकों (स्टेशन मास्टर) को अब
अतिरिक्त ड्यूटी भत्ता मिलेगा। रेलवे ने 2019 से इसे बंद कर दिया था। भत्ता
न देकर उनसे अतिरिक्त समय सेवाएं ली जा रही थी। इसे लेकर स्टेशन प्रबंधकों
में खासा नाराजगी थी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे श्रमिक यूनियन समेत अन्य
यूनियनों इसे मुद्दों को उठाया और रेल प्रशासन से मांग की। उनकी पहल कारगर
साबित हुई। अब रेल प्रशासन ने उन्हे ड्यूटी भत्ता देने का निर्णय लिया है।
अच्छी बात यह है कि 2019 से अब तक और आगे भी यह व्यवस्था लागू रहेगी।
स्टेशन प्रबंधक भी रेलवे के फ्रंट लाइन स्टाफ होते हैं। ट्रेनों के
सुरक्षित परिचालन, स्टेशन में ठहराव आदि भी स्टेशन मास्टरों की अहम भूमिका
होती है। नियमानुसार इनका ड्यूटी रोस्टर आठ घंटे का है। पर रेलवे की लचर
व्यवस्था और स्टाफ की कमी के कारण 10 से 12 घंटे तक काम कराया जा रहा है।
लेकिन बदले में अतिरिक्त ड्यूटी भत्ता नहीं दिया जाता। इससे स्टेशन प्रबंधक
नाराज थे और कई बार रेल प्रशासन के समक्ष मांग की। लेकिन रेल प्रशासन ने
उनकी इस मांग को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया। ऐसी
स्थिति में सभी यूनियन ने इस गलत ठहराते हुए मांग करते हुए रेल प्रशासन पर
दबाव बनाया। जुलाई 2021 में तो श्रमिक यूनियन के पदाधिकारियों ने स्टेशन
प्रबंधकों को इस समस्या को लेकर मंडल रेल प्रबंधक से मुलाकात की थी। उन्हें
ज्ञापन सौंपा और कहा गया कि यदि मांग पूरी नहीं होती है तो आंदोलन करेंगे।
धरना-
प्रदर्शन के दौरान इस मांग को भी प्रमुखता से उठाया गया। मंडल कार्यालय से
मामला जोन कार्यालय पहुंचा। एक दिन पहले कार्मिक विभाग ने अतिरिक्त ड्यूटी
भत्ता देने की सहमति दे दी है। इस संबंध में तीनों रेल मंडल को आदेश भी
भेज दिया गया। इस आदेश के बाद से स्टेशन प्रबंधकों में खुशी है।
बिलासपुर : दक्षिण पूर्व मध्य
रेलवे के मुख्य स्टेशन प्रबंधक व स्टेशन प्रबंधकों (स्टेशन मास्टर) को अब
अतिरिक्त ड्यूटी भत्ता मिलेगा। रेलवे ने 2019 से इसे बंद कर दिया था। भत्ता
न देकर उनसे अतिरिक्त समय सेवाएं ली जा रही थी। इसे लेकर स्टेशन प्रबंधकों
में खासा नाराजगी थी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे श्रमिक यूनियन समेत अन्य
यूनियनों इसे मुद्दों को उठाया और रेल प्रशासन से मांग की। उनकी पहल कारगर
साबित हुई। अब रेल प्रशासन ने उन्हे ड्यूटी भत्ता देने का निर्णय लिया है।
अच्छी बात यह है कि 2019 से अब तक और आगे भी यह व्यवस्था लागू रहेगी।
स्टेशन प्रबंधक भी रेलवे के फ्रंट लाइन स्टाफ होते हैं। ट्रेनों के
सुरक्षित परिचालन, स्टेशन में ठहराव आदि भी स्टेशन मास्टरों की अहम भूमिका
होती है। नियमानुसार इनका ड्यूटी रोस्टर आठ घंटे का है। पर रेलवे की लचर
व्यवस्था और स्टाफ की कमी के कारण 10 से 12 घंटे तक काम कराया जा रहा है।
लेकिन बदले में अतिरिक्त ड्यूटी भत्ता नहीं दिया जाता। इससे स्टेशन प्रबंधक
नाराज थे और कई बार रेल प्रशासन के समक्ष मांग की। लेकिन रेल प्रशासन ने
उनकी इस मांग को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया। ऐसी
स्थिति में सभी यूनियन ने इस गलत ठहराते हुए मांग करते हुए रेल प्रशासन पर
दबाव बनाया। जुलाई 2021 में तो श्रमिक यूनियन के पदाधिकारियों ने स्टेशन
प्रबंधकों को इस समस्या को लेकर मंडल रेल प्रबंधक से मुलाकात की थी। उन्हें
ज्ञापन सौंपा और कहा गया कि यदि मांग पूरी नहीं होती है तो आंदोलन करेंगे।
धरना-
प्रदर्शन के दौरान इस मांग को भी प्रमुखता से उठाया गया। मंडल कार्यालय से
मामला जोन कार्यालय पहुंचा। एक दिन पहले कार्मिक विभाग ने अतिरिक्त ड्यूटी
भत्ता देने की सहमति दे दी है। इस संबंध में तीनों रेल मंडल को आदेश भी
भेज दिया गया। इस आदेश के बाद से स्टेशन प्रबंधकों में खुशी है।