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news raipur:: छत्‍तीसगढ़ में बाघों की गणना का काम पूरा:

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 रायपुर । राज्य के तीन टाइगर
रिजर्व अचानकमार, इंद्रावती तथा उदंती-सीतानदी में बाघों की तीन फेज में
गणना का काम पूरा हो चुका है। एनटीसीए को बाघों की स्केट कलेक्शन से लेकर
बाघों की पगमार्क के साथ ट्रैप कैमराें में मिले फोटो भेज दिए गए हैं।
विभागीय अफसर किन-किन इलाकों में बाघ के स्केट के अलावा पगमार्क के साथ
ट्रैप कैमराें में मिले फोटो भेजे हैं, इस संबंध में कुछ भी बताने से बच
रहे हैं। इससे वन्यजीवों के जानकार आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि राज्य में
बाघों की संख्या को लेकर विभागीय अफसर असमंजस की स्थिति में हैं। राज्य में
बाघों की संरक्षण के लिए प्रति बाघ औसतन साढ़े 46 लाख रुपए खर्च किए जा
रहे हैं।


इसी के साथ राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने
सभी राज्यों के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को पत्र लिखकर टाइगर रिजर्व के कोर
एरिया में पर्यटकों के अलावा अन्य लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक
लगाने का आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि देश में बाघों की संरक्षण करने
एनटीसीए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करता है। बावजूद इसके बाघों की संख्या
में उम्मीद के मुताबिक वृद्धि नहीं होने की वजह से एनटीसीए चिंतित है। इस
बात को ध्यान में रखते हुए टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में जहां बाघों की
मौजूदगी रहती है, वहां पर्यटन पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश जारी किया
है।



 रायपुर । राज्य के तीन टाइगर
रिजर्व अचानकमार, इंद्रावती तथा उदंती-सीतानदी में बाघों की तीन फेज में
गणना का काम पूरा हो चुका है। एनटीसीए को बाघों की स्केट कलेक्शन से लेकर
बाघों की पगमार्क के साथ ट्रैप कैमराें में मिले फोटो भेज दिए गए हैं।
विभागीय अफसर किन-किन इलाकों में बाघ के स्केट के अलावा पगमार्क के साथ
ट्रैप कैमराें में मिले फोटो भेजे हैं, इस संबंध में कुछ भी बताने से बच
रहे हैं। इससे वन्यजीवों के जानकार आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि राज्य में
बाघों की संख्या को लेकर विभागीय अफसर असमंजस की स्थिति में हैं। राज्य में
बाघों की संरक्षण के लिए प्रति बाघ औसतन साढ़े 46 लाख रुपए खर्च किए जा
रहे हैं।


इसी के साथ राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने
सभी राज्यों के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को पत्र लिखकर टाइगर रिजर्व के कोर
एरिया में पर्यटकों के अलावा अन्य लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक
लगाने का आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि देश में बाघों की संरक्षण करने
एनटीसीए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करता है। बावजूद इसके बाघों की संख्या
में उम्मीद के मुताबिक वृद्धि नहीं होने की वजह से एनटीसीए चिंतित है। इस
बात को ध्यान में रखते हुए टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में जहां बाघों की
मौजूदगी रहती है, वहां पर्यटन पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश जारी किया
है।



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