रायपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश में
छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री के लिए हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश भर में
जमीन कारोबार में उछाल आई है। शासन ने आगामी वित्तीय वर्ष में प्रदेश भर के
पंजीयन कार्यालय को 20 सौ करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया है। पिछले वित्तीय
वर्ष में 1800 करोड़ रुपये का लक्ष्य था, लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष के लिए
30 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है। वहीं प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने
वाले रायपुर पंजीयन कार्यालय को पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार
सबसे ज्यादा तकरीबन 692 करोड़ रुपये का लक्ष्य मिला है। पंजीयन अधिकारी का
कहना है कि शासन की तरफ से हर वर्ष लक्ष्य में वृद्धि होती है, इस लक्ष्य
को भी प्राप्त कर लिया जाएगा।
किराए के मकान में रहने की मजबूरी हुई खत्म
गौरतलब
है कि शासन ने प्रदेश में छोटे प्लाटों पर रजिस्ट्री की रोक हटा दी है।
छोटे प्लाटों के पंजीयन पर रोक हटने के बाद इसका सबसे ज्यादा फायदा गरीब और
मध्यम वर्गीय परिवार को मिल रहा है, क्योंकि मध्यम वर्गीय परिवार के लोग
बड़े मकानों की रजिस्ट्री कराने के लिए उतने पैसे नहीं जुटा पाते थे।
रायपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश में
छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री के लिए हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश भर में
जमीन कारोबार में उछाल आई है। शासन ने आगामी वित्तीय वर्ष में प्रदेश भर के
पंजीयन कार्यालय को 20 सौ करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया है। पिछले वित्तीय
वर्ष में 1800 करोड़ रुपये का लक्ष्य था, लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष के लिए
30 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है। वहीं प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने
वाले रायपुर पंजीयन कार्यालय को पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार
सबसे ज्यादा तकरीबन 692 करोड़ रुपये का लक्ष्य मिला है। पंजीयन अधिकारी का
कहना है कि शासन की तरफ से हर वर्ष लक्ष्य में वृद्धि होती है, इस लक्ष्य
को भी प्राप्त कर लिया जाएगा।
किराए के मकान में रहने की मजबूरी हुई खत्म
गौरतलब
है कि शासन ने प्रदेश में छोटे प्लाटों पर रजिस्ट्री की रोक हटा दी है।
छोटे प्लाटों के पंजीयन पर रोक हटने के बाद इसका सबसे ज्यादा फायदा गरीब और
मध्यम वर्गीय परिवार को मिल रहा है, क्योंकि मध्यम वर्गीय परिवार के लोग
बड़े मकानों की रजिस्ट्री कराने के लिए उतने पैसे नहीं जुटा पाते थे।