नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच क्रेमलिन
के साथ नई दिल्ली के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर भारत पर पश्चिमी देशों का
दबाव बढ़ने लगा है, इस बीच पिछले दो सालों से सीमा पर चले आ रहे भारत-चीन
सैन्य तनाव के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर
नई दिल्ली पहुंचेंगे. द ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि
आधिकारिक तौर पर कोई भी ये नहीं कह रहा है कि चीनी विदेश मंत्री के दौरे से
दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझा का रास्ता साफ हो जाएगा, लेकिन
सूत्र ये मान रहे हैं कि इस दौरे से विदेश मंत्री एस. जयशंकर के लिए बीजिंग
जाकर सीमा विवाद मुद्दे पर विस्तार से बात करने का रास्ता साफ हो जाएगा.
वहीं, अगर सबकुछ ठीक रहा, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra
Modi) ब्रिक्स सम्मेलन के लिए चीन का दौरा कर सकते हैं. ब्रिक्स समूह में
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका शामिल हैं. ब्रिक्स सम्मेलन का
आयोजन रूस-भारत और चीन के समूह वाले सम्मेलन के साथ-साथ हो सकता है. वांग
यी सीधे पाकिस्तान से नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां वे इस्लामिक देशों के
संगठन (OIC) के मंत्री स्तरीय सम्मेलन में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए थे.
हालांकि तेजी से बदलती वैश्विक भौगोलिक राजनीति को देखते हुए भारत ने अपने
उस स्टैंड में ढील दी है, जिसमें लगातार इस बात पर जोर दिया जाता रहा है कि
किसी भी विदेशी हस्ती को अपना भारत दौरा पाकिस्तान के साथ नहीं जोड़ना
चाहिए.