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news Islamabad:: इमरान के लिए सियासत की आखिरी बॉल है विश्वास मत! समझें क्यों परेशान:

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इस्लामाबाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर विपक्ष गद्दी छोड़ने का दबाव बना रहा है लेकिन क्रिकेटर राजनेता बने इमरान इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं। दूसरी तरफ सेना प्रमुख भी इमरान से नाराज हैं और OIC की बैठक के बाद इस्तीफा देना की बात कह चुके हैं। अब मामला संसद में अविश्वास प्रस्ताव के फैसले पर ही अटका हुआ है। 


विपक्षी दल संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश करना चाहते हैं। इमरान के लिए चिंता की बात यह है कि उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के भी कई सदस्य उनके खिलाफ खड़े हैं और विपक्षी दलों के साथ हाथ मिला चुके हैं। ऐसे में अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो उनकी सरकार गिरनी तय है।


इस समय स्थिति साफ है कि 342 सदस्यों वाली संसद में इमरान खाने के पास संसद में पर्याप्त नंबर्स नहीं हैं। वहीं सेना ने इस मामले में सीधे तौर पर कोई दखल न देने की बात कही है। जैसे-जैसे नो कॉन्फिडेंस मोशन की तारीख पास आ रही है इमरान खाने के लिए बचने के सारे रास्ते भी बंद हो रहे हैं। अगर इमरान खान इस्तीफा नहीं देते हैं तो इस्लामाबाद के हालात खराब हो सकते हैं और सेना को भी दखल देना पड़ सकता है।


अब एक तरफ इमरान खान के सहयोगी बागियों को मनाने में लग गए हैं तो दूसरी तरफ इमरान खान ने इस्लामाबाद में बड़ी जनसभा करने की बात कही है। दरअसल जिस आईएसआई के दम पर वह सरकार चला रहे थे आज वही उन्हें गद्दी से उतार फेंकने पर उतारू है। मीडिया रिपोर्ट्स् का कहना है कि जनरल बाजवा और तीन सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल ने मिलकर इमरान खान को गद्दी से हाटने का फैसला कर लिया है। 


उधर भारत की सेना और विदेश नीति की तारीफ करने के बाद न केवल सेना के आला अफसर भड़के हुए हैं बल्कि विपक्षी दल इसके सहारे उनके खिलाफ माहौल बना रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने रूस से तेल आयात को लेकर भारत की तारीफ की थी और कहा था कि हमारे पड़ोसी देश की विदेश नीति आजाद है। इसके बाद उन्होंने भारतीय सेना की भी तारीख की और कहा कि इंडियन आर्मी भ्रष्ट नहीं है। वह चुनी हुई सरकार में कभी दखल नहीं देती।



इस्लामाबाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर विपक्ष गद्दी छोड़ने का दबाव बना रहा है लेकिन क्रिकेटर राजनेता बने इमरान इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं। दूसरी तरफ सेना प्रमुख भी इमरान से नाराज हैं और OIC की बैठक के बाद इस्तीफा देना की बात कह चुके हैं। अब मामला संसद में अविश्वास प्रस्ताव के फैसले पर ही अटका हुआ है। 


विपक्षी दल संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश करना चाहते हैं। इमरान के लिए चिंता की बात यह है कि उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के भी कई सदस्य उनके खिलाफ खड़े हैं और विपक्षी दलों के साथ हाथ मिला चुके हैं। ऐसे में अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो उनकी सरकार गिरनी तय है।


इस समय स्थिति साफ है कि 342 सदस्यों वाली संसद में इमरान खाने के पास संसद में पर्याप्त नंबर्स नहीं हैं। वहीं सेना ने इस मामले में सीधे तौर पर कोई दखल न देने की बात कही है। जैसे-जैसे नो कॉन्फिडेंस मोशन की तारीख पास आ रही है इमरान खाने के लिए बचने के सारे रास्ते भी बंद हो रहे हैं। अगर इमरान खान इस्तीफा नहीं देते हैं तो इस्लामाबाद के हालात खराब हो सकते हैं और सेना को भी दखल देना पड़ सकता है।


अब एक तरफ इमरान खान के सहयोगी बागियों को मनाने में लग गए हैं तो दूसरी तरफ इमरान खान ने इस्लामाबाद में बड़ी जनसभा करने की बात कही है। दरअसल जिस आईएसआई के दम पर वह सरकार चला रहे थे आज वही उन्हें गद्दी से उतार फेंकने पर उतारू है। मीडिया रिपोर्ट्स् का कहना है कि जनरल बाजवा और तीन सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल ने मिलकर इमरान खान को गद्दी से हाटने का फैसला कर लिया है। 


उधर भारत की सेना और विदेश नीति की तारीफ करने के बाद न केवल सेना के आला अफसर भड़के हुए हैं बल्कि विपक्षी दल इसके सहारे उनके खिलाफ माहौल बना रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने रूस से तेल आयात को लेकर भारत की तारीफ की थी और कहा था कि हमारे पड़ोसी देश की विदेश नीति आजाद है। इसके बाद उन्होंने भारतीय सेना की भी तारीख की और कहा कि इंडियन आर्मी भ्रष्ट नहीं है। वह चुनी हुई सरकार में कभी दखल नहीं देती।



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