नाभि में तेल डालना बहुत लाभकारी होता है। हमारे पूर्वज भी इसका सुझाव
देते हैं। तभी तो बचपन में बच्चे की मालिश करते हुए उसकी नाभि में तेल जरूर
लगाया जाता है। वहीं आयुर्वेद में भी कई छोटी-बड़ी समस्याओं को दूर करने
के लिए नाभि पर तेल लगाने की सलाह दी जाती रही है। नाभि को शक्ति का केंद्र
बिंदु माना गया है। कहते हैं कि इससे हमारे शरीर की कई तंत्रिकाएं आपस में
जुड़ी हुई हैं। इसलिए नाभि पर तेल डालने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह
की कई तरह की समस्याओं में आराम मिलता है।
आयुर्वेद के मुताबिक तिल के तेल (Sesame oil) की तासीर
बेहद ही गर्म होती है। यह सर्दी-जुकाम को दूर करने, जोड़ों के दर्द से
राहत दिलाने में बेहद ही लाभदायक है। अगर आप इसका सही से इस्तेमाल करते
हैं, तो आप बहुत ही जल्दी कई दर्द से राहत पा सकते हैं। इस लेख में हम तिल
का तेल को नाभि में डालने के फायदे बताने जा रहे हैं।
नाभि में तिल का तेल लगाने से इन स्थितियों में आराम मिलेगा।
जोड़ों का दर्द (Knee pain)
जोड़ों में दर्द होने पर हमारी रोजमर्रा के कार्य प्रभावित होने लगते
हैं। ऐसे में अगर आप नाभि पर तिल का तेल लगाने से जोड़ों में दर्द की
समस्या को दूर कर सकते हैं। आयुर्वेद में नाभि पर तिल का तेल लगाने से आप
जोड़ों के दर्द में काफी हद तक राहत पा सकते हैं।
संक्रमण से बचाव (Prevention of infection)
बहुत से लोग हैं, जो हमेशा ही नाभि की सफाई करना भूल जाते हैं। ऐसे में
नाभि पर मैल, गंदगी और कई तरह के बैक्टीरिया जमा होने लगते हैं। ऐसे में आप
इंफेक्शन से बचने के लिए रोज रात को नाभि पर तिल का तेल लगाकर सोएं। इससे
नाभि में जमा गंदगी निकल धीरे धीरे निकल जाएगी और संक्रमण से भी काफी हद तक
बचाव होगा है।
सर्दी-जुकाम (Cough and cold)
दरअसल, नाभि एक ऐसा केंद्रीय बिंदु है जिससे शरीर की कई तंत्रिकाएं
जुड़ी हुई हैं। ऐसे में नाभि पर रोजाना तिल का तेल लगाने से सर्दी-जुकाम या
खांसी की समस्या को भी काफी हद तक दूर किया जा सकता है। तिल के तेल की
तासीर गर्म होती है, इससे सर्दी जुकाम में बहुत राहत मिलती है।
नाभि में तेल डालना बहुत लाभकारी होता है। हमारे पूर्वज भी इसका सुझाव
देते हैं। तभी तो बचपन में बच्चे की मालिश करते हुए उसकी नाभि में तेल जरूर
लगाया जाता है। वहीं आयुर्वेद में भी कई छोटी-बड़ी समस्याओं को दूर करने
के लिए नाभि पर तेल लगाने की सलाह दी जाती रही है। नाभि को शक्ति का केंद्र
बिंदु माना गया है। कहते हैं कि इससे हमारे शरीर की कई तंत्रिकाएं आपस में
जुड़ी हुई हैं। इसलिए नाभि पर तेल डालने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह
की कई तरह की समस्याओं में आराम मिलता है।
आयुर्वेद के मुताबिक तिल के तेल (Sesame oil) की तासीर
बेहद ही गर्म होती है। यह सर्दी-जुकाम को दूर करने, जोड़ों के दर्द से
राहत दिलाने में बेहद ही लाभदायक है। अगर आप इसका सही से इस्तेमाल करते
हैं, तो आप बहुत ही जल्दी कई दर्द से राहत पा सकते हैं। इस लेख में हम तिल
का तेल को नाभि में डालने के फायदे बताने जा रहे हैं।
नाभि में तिल का तेल लगाने से इन स्थितियों में आराम मिलेगा।
जोड़ों का दर्द (Knee pain)
जोड़ों में दर्द होने पर हमारी रोजमर्रा के कार्य प्रभावित होने लगते
हैं। ऐसे में अगर आप नाभि पर तिल का तेल लगाने से जोड़ों में दर्द की
समस्या को दूर कर सकते हैं। आयुर्वेद में नाभि पर तिल का तेल लगाने से आप
जोड़ों के दर्द में काफी हद तक राहत पा सकते हैं।
संक्रमण से बचाव (Prevention of infection)
बहुत से लोग हैं, जो हमेशा ही नाभि की सफाई करना भूल जाते हैं। ऐसे में
नाभि पर मैल, गंदगी और कई तरह के बैक्टीरिया जमा होने लगते हैं। ऐसे में आप
इंफेक्शन से बचने के लिए रोज रात को नाभि पर तिल का तेल लगाकर सोएं। इससे
नाभि में जमा गंदगी निकल धीरे धीरे निकल जाएगी और संक्रमण से भी काफी हद तक
बचाव होगा है।
सर्दी-जुकाम (Cough and cold)
दरअसल, नाभि एक ऐसा केंद्रीय बिंदु है जिससे शरीर की कई तंत्रिकाएं
जुड़ी हुई हैं। ऐसे में नाभि पर रोजाना तिल का तेल लगाने से सर्दी-जुकाम या
खांसी की समस्या को भी काफी हद तक दूर किया जा सकता है। तिल के तेल की
तासीर गर्म होती है, इससे सर्दी जुकाम में बहुत राहत मिलती है।