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news Lucknow:: अब आजमगढ़ में सपा को झटका देंगी मायावती!:

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लखनऊ उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से महज 1 पर जीत हासिल करने वाली बसपा अब ऐक्शन मोड में आती दिख रही है। रविवार को पार्टी की चीफ मायावती ने लखनऊ में हार को लेकर समीक्षा बैठक की। इस मीटिंग में प्रदेश के सभी नेता मौजूद थे और मायावती ने अहम फैसला लेते हुए सभी कमेटियों को भंग कर दिया है। इसके अलावा आजमगढ़ लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशी का भी ऐलान कर दिया है। बसपा की ओर से गुड्डू जमाली को उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया  गया है। वह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को छोड़कर बसपा में शामिल हुए हैं।


आजमगढ़ लोकसभा सीट से अखिलेश यादव ने इस्तीफा दे दिया है और करहल का विधायक ही बने रहने का फैसला लिया है। अखिलेश यादव की रणनीति लखनऊ में ज्यादा एक्टिव दिखने की है ताकि योगी सरकार को घेरा जा सके। गुड्डू जमाली को उम्मीदवार घोषित करने से आजमगढ़ के उपचुनाव में सपा को झटका लग सकता है, जिसे आम तौर पर मुस्लिमों के वोट मिलते रहे हैं। आजमगढ़ सीट मुस्लिम और यादव बहुल है, जिसे समाजवादी पार्टी के लिए जिताऊ समीकरण समझा जाता रहा है। ऐसे में बीएसपी का यह ऐलान सपा की चिंताओं को बढ़ाने वाला है।


शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने ओवैसी की पार्टी से ही आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। वह AIMIM के अकेले ऐसे प्रत्याशी थे, जो अपनी जमानत बचा सके। दरअसल असदुद्दीन ओवैसी ने कुल 100 सीटों पर उम्मीदवासर उतारे थे, लेकिन एक ही सीट पर जमानत बच पाई। इससे साफ है कि गुड्डू जमाली का अपना भी कुछ जनाधार है और यही वजह है कि बसपा ने उन्हें कैंडिडेट बनाया है। गुड्डू जमाली को कुल 36,419 वोट हासिल हुए हैं। मुबारकपुर सीट से सपा को जीत हासिल हुई है, जबकि बीएसपी दूसरे स्थान पर थी और भाजपा को तीसरे नंबर पर ही संतोष करना पड़ा।



लखनऊ उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से महज 1 पर जीत हासिल करने वाली बसपा अब ऐक्शन मोड में आती दिख रही है। रविवार को पार्टी की चीफ मायावती ने लखनऊ में हार को लेकर समीक्षा बैठक की। इस मीटिंग में प्रदेश के सभी नेता मौजूद थे और मायावती ने अहम फैसला लेते हुए सभी कमेटियों को भंग कर दिया है। इसके अलावा आजमगढ़ लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशी का भी ऐलान कर दिया है। बसपा की ओर से गुड्डू जमाली को उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया  गया है। वह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को छोड़कर बसपा में शामिल हुए हैं।


आजमगढ़ लोकसभा सीट से अखिलेश यादव ने इस्तीफा दे दिया है और करहल का विधायक ही बने रहने का फैसला लिया है। अखिलेश यादव की रणनीति लखनऊ में ज्यादा एक्टिव दिखने की है ताकि योगी सरकार को घेरा जा सके। गुड्डू जमाली को उम्मीदवार घोषित करने से आजमगढ़ के उपचुनाव में सपा को झटका लग सकता है, जिसे आम तौर पर मुस्लिमों के वोट मिलते रहे हैं। आजमगढ़ सीट मुस्लिम और यादव बहुल है, जिसे समाजवादी पार्टी के लिए जिताऊ समीकरण समझा जाता रहा है। ऐसे में बीएसपी का यह ऐलान सपा की चिंताओं को बढ़ाने वाला है।


शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने ओवैसी की पार्टी से ही आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। वह AIMIM के अकेले ऐसे प्रत्याशी थे, जो अपनी जमानत बचा सके। दरअसल असदुद्दीन ओवैसी ने कुल 100 सीटों पर उम्मीदवासर उतारे थे, लेकिन एक ही सीट पर जमानत बच पाई। इससे साफ है कि गुड्डू जमाली का अपना भी कुछ जनाधार है और यही वजह है कि बसपा ने उन्हें कैंडिडेट बनाया है। गुड्डू जमाली को कुल 36,419 वोट हासिल हुए हैं। मुबारकपुर सीट से सपा को जीत हासिल हुई है, जबकि बीएसपी दूसरे स्थान पर थी और भाजपा को तीसरे नंबर पर ही संतोष करना पड़ा।



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