नयी दिल्ली. लोकसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान
विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों के व्यवधान पर नाखुशी जताते हुए लोकसभा
अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह नियोजित तरीके से सदन की कार्यवाही स्थगित
नहीं होने देंगे। सोमवार को सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर जब अध्यक्ष
बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने का निर्देश दिया तभी सदन में कांग्रेस के
नेता अधीर रंजन चौधरी समेत विपक्ष के कुछ नेताओं ने अपने – अपने विषय उठाने
का प्रयास किया।
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें प्रश्नकाल के बाद बात रखने का मौका देने
का आश्वासन दिया। हालांकि जब विपक्ष के कुछ सदस्य नारेबाजी करने लगे तो
अध्यक्ष ने कहा , ‘‘ प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। इसमें सदस्य सरकार
से जवाब मांगते हैं। मैं प्रश्नकाल के बाद सभी दलों के नेताओं की बात
सुनूंगा। मैं सदन को नियोजित तरीके से कभी स्थगित नहीं होने दूंगा। ’’
उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘मैंने विपक्ष को हमेशा बोलने का
पर्याप्त मौका और समय दिया है। इसके बावजूद प्रश्नकाल में व्यवधान डालना
ठीक नहीं है। प्रश्नकाल में सरकार की जवाबदेही तय होती है। ’’ बिरला ने
कहा, ‘‘ सदन चलना चाहिए। चर्चा होनी चाहिए। संवाद होना चाहिए। यदि आप जनता
की समस्या उठाना चाहते हैं तो शून्यकाल में मौका दूंगा। मैं पर्याप्त समय ,
पर्याप्त अवसर दूंगा। लेकिन नियोजित तरीके से सदन की कार्यवाही स्थगित
कराने का प्रयास करना उचित नहीं है।’’ इसके बाद प्रश्नकाल सुगमता से पूरा
चला।
नयी दिल्ली. लोकसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान
विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों के व्यवधान पर नाखुशी जताते हुए लोकसभा
अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह नियोजित तरीके से सदन की कार्यवाही स्थगित
नहीं होने देंगे। सोमवार को सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर जब अध्यक्ष
बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने का निर्देश दिया तभी सदन में कांग्रेस के
नेता अधीर रंजन चौधरी समेत विपक्ष के कुछ नेताओं ने अपने – अपने विषय उठाने
का प्रयास किया।
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें प्रश्नकाल के बाद बात रखने का मौका देने
का आश्वासन दिया। हालांकि जब विपक्ष के कुछ सदस्य नारेबाजी करने लगे तो
अध्यक्ष ने कहा , ‘‘ प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। इसमें सदस्य सरकार
से जवाब मांगते हैं। मैं प्रश्नकाल के बाद सभी दलों के नेताओं की बात
सुनूंगा। मैं सदन को नियोजित तरीके से कभी स्थगित नहीं होने दूंगा। ’’
उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘मैंने विपक्ष को हमेशा बोलने का
पर्याप्त मौका और समय दिया है। इसके बावजूद प्रश्नकाल में व्यवधान डालना
ठीक नहीं है। प्रश्नकाल में सरकार की जवाबदेही तय होती है। ’’ बिरला ने
कहा, ‘‘ सदन चलना चाहिए। चर्चा होनी चाहिए। संवाद होना चाहिए। यदि आप जनता
की समस्या उठाना चाहते हैं तो शून्यकाल में मौका दूंगा। मैं पर्याप्त समय ,
पर्याप्त अवसर दूंगा। लेकिन नियोजित तरीके से सदन की कार्यवाही स्थगित
कराने का प्रयास करना उचित नहीं है।’’ इसके बाद प्रश्नकाल सुगमता से पूरा
चला।