नई दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी में बड़े सांगठनिक बदलाव की तैयारी में जुट गई हैं. पार्टी सूत्रों की ओर से बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सोनिया गांधी ने कई राज्यों के प्रदेश प्रभारियों को फैसला किया गया है. इसके साथ ही कई राज्यों में नए सचिवों की नियुक्ति भी की जा सकती है. सूत्र यह भी बताते हैं कि कांग्रेस में यह बड़ा बदलाव आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किया जा रहा है, ताकि इन चुनावों में कांग्रेस को हार का मुंह न देखना पड़े.
पार्टी में कई सालों खाली पड़े हैं कई पद
पार्टी के सूत्रों की ओर से यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस में कई सालों से कई अहम पद खाली पड़े हैं. हालात यह हैं कि पार्टी के कई नेता को एक से अधिक जिम्मेदारी दी गई है. ऐसे में, पार्टी आलाकमान रिक्त पदों पर नई नियुक्ति करने और एक से अधिक पद संभालने वाले नेताओं को एक जिम्मेदारी तय करने की कवायद में जुट गया है.
एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारियों की होगी नियुक्ति
पार्टी के सूत्र यह भी बताते हैं कि कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई (भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ) के कई प्रदेश प्रभारियों की लंबे समय से नियुक्ति नहीं हुई है. पार्टी इन पदों पर नई नियुक्ति कर सकती है. इसके साथ ही, छात्र इकाई में पूर्णकालिक प्रभारी का पद करीब दो साल से रिक्त पड़ा है. एनएसयूआई की अध्यक्ष रुचिका गुप्ता ने दिसंबर 2020 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से इस पद पर कोई स्थाई नियुक्ति नहीं हो पाई है.
कमलनाथ और अधीर रंजन के कतरे जा सकते हैं पर
इसके साथ ही पार्टी के सूत्र यह भी बताते हैं कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष के साथ विधानसभा में नेता विपक्ष का पद भी संभाल रहे हैं. पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के पास लोकसभा में पार्टी के नेता की जिम्मेदारी है. बंगाल में पूर्णकालिक प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति भी काफी दिनों से नहीं हुई है. जितिन प्रसाद का भाजपा ज्वाइन करने के बाद दिसंबर 2021 में चेला कुमार को पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. कांग्रेस आलाकमान कई नेताओं के पर कतरने और नई नियुक्ति करने पर भी विचार कर सकता है.
नई दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी में बड़े सांगठनिक बदलाव की तैयारी में जुट गई हैं. पार्टी सूत्रों की ओर से बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सोनिया गांधी ने कई राज्यों के प्रदेश प्रभारियों को फैसला किया गया है. इसके साथ ही कई राज्यों में नए सचिवों की नियुक्ति भी की जा सकती है. सूत्र यह भी बताते हैं कि कांग्रेस में यह बड़ा बदलाव आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर किया जा रहा है, ताकि इन चुनावों में कांग्रेस को हार का मुंह न देखना पड़े.
पार्टी में कई सालों खाली पड़े हैं कई पद
पार्टी के सूत्रों की ओर से यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस में कई सालों से कई अहम पद खाली पड़े हैं. हालात यह हैं कि पार्टी के कई नेता को एक से अधिक जिम्मेदारी दी गई है. ऐसे में, पार्टी आलाकमान रिक्त पदों पर नई नियुक्ति करने और एक से अधिक पद संभालने वाले नेताओं को एक जिम्मेदारी तय करने की कवायद में जुट गया है.
एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारियों की होगी नियुक्ति
पार्टी के सूत्र यह भी बताते हैं कि कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई (भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ) के कई प्रदेश प्रभारियों की लंबे समय से नियुक्ति नहीं हुई है. पार्टी इन पदों पर नई नियुक्ति कर सकती है. इसके साथ ही, छात्र इकाई में पूर्णकालिक प्रभारी का पद करीब दो साल से रिक्त पड़ा है. एनएसयूआई की अध्यक्ष रुचिका गुप्ता ने दिसंबर 2020 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से इस पद पर कोई स्थाई नियुक्ति नहीं हो पाई है.
कमलनाथ और अधीर रंजन के कतरे जा सकते हैं पर
इसके साथ ही पार्टी के सूत्र यह भी बताते हैं कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष के साथ विधानसभा में नेता विपक्ष का पद भी संभाल रहे हैं. पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के पास लोकसभा में पार्टी के नेता की जिम्मेदारी है. बंगाल में पूर्णकालिक प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति भी काफी दिनों से नहीं हुई है. जितिन प्रसाद का भाजपा ज्वाइन करने के बाद दिसंबर 2021 में चेला कुमार को पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. कांग्रेस आलाकमान कई नेताओं के पर कतरने और नई नियुक्ति करने पर भी विचार कर सकता है.