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गले में दर्द और इंफेक्शन होने पर करें ये 4 योगासन, जल्द मिलेगा आराम:

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मौसम बदलने पर आमतौर पर गले में दर्द और इंफेक्शन की समस्या हो सकती है।
मुंह और गले में मौजूद गर्म और नम स्थितियां संक्रमण बढ़ने के लिए
उत्तरदायी हो सकती है। इसके अलावा बैक्टीरिया मुंह के भीतर सांस की हवा या
भोजन के माध्यम से पहुंचते हैं। इससे आपका इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता
है और आप कई अन्य बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं। ऐसे में गले की
समस्याओं को दूर करने के लिए आप कुछ योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल कर
सकते हैं। इससे आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत होती है और साथ ही योग के दौरान
आपकी सांसों में गर्माहट आती है, जिससे खराश को दूर करने में मदद मिलती है।
योगासन से गले के अंदरूनी हिस्से को इंफेक्शन दूर करने में सहायता मिलती
है। 


गले में दर्द और इंफेक्शन दूर करने के लिए योग


1. सेतु बंधासन (Setu Bandhasana)


सेतु बंधासन में हमारा हृदय सिर से ऊपर होता है। इससे सिर की तरह ब्लड सर्कुलेशन
तेज होता है। ये आसन गले की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है। इससे
थायरॉयड ग्रंथि और अस्थमा के मरीजों को गले में दर्द से आराम मिल सकता है।
सर्दी-जुकाम को ये ठीक करने में ये काफी फायदेमंद  होता है। 


सेतु बंधासन करने का तरीका



1. योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। इस दौरान नियमित रूप से सांस लेते रहें। 


2. इसके बाद हाथों को बगल में रख लें और अब धीरे-धीरे पैरों को घुटनों से मोड़कर हिप्स के पास ले आएं। 


3. हिप्स को जितना हो सके फर्श से ऊपर की ओर उठाकर रखने का प्रयास करें। इस दौरान हाथों को जमीन पर ही रखें। 


4. कुछ देर के लिए सांस को रोककर रखें। फिर सांसों को छोड़ते हुए वापस जमीन पर आएं। 


5. पैरों को सीधा करें और 10-15 सेकेंड के लिए आराम करें। 


6. इसे योगा ट्रेनर की मदद से ही करने का प्रयास करें। 


yoga-neck-pain



2. हस्त पादासन (Hasta Padasana)


हस्त पादासन का अभ्यास करने के दौरान पूरी पीठ में खिंचाव आता है। ये
सिर से लेकर पैर तक पूरे हिस्से पर प्रभाव डालता है। इस आसन से गले में
दबाव पड़ता है और इंफेक्शन दूर करने में मदद मिलती है। गले पर दबाव पड़ने से
भीतरी मांसपेशियों को मसाज मिलती है और काम करने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है। ये सर्दी-जुकाम और साइनोसाइटिस को दूर करने में भी उपयोगी है। 


हस्त पादासन करने का तरीका


1. योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथ हिप्स पर रख लें।


2. फिर सांस को अंदर की ओर खींचते हुए घुटनों को मुलायम बनाएं। 


3. अब कमर को मोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें। साथ ही शरीर को संतुलित करने की कोशिश करें। 


4. उसके बाद धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की ओर उठाएं और ऊपरी जांघों भार बनाने की कोशिश करें। 


5. अपने हाथों को पैर के पंजे के बगल में जमीन पर रखें। इस दौरान अपने चेस्ट को पैर के ऊपर रखने की कोशिश करें। 


6. फिर जांघों को भीतर की तरफ दबाएं और शरीर को एड़ी के बल स्थिर बनाए रखें। 


7. सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और टांगों के बीच से देखने का प्रयास करें। 


8. इसी स्थिति में 15-30 सेकेंड तक स्थिर बने रहें।


9. अब वापस प्रारंभिक स्थिति में आएं और सांसों को धीरे-धीरे भीतर खींचे। 



3. धनुरासन (Dhanurasana)


धनुरासन में गले, सीने और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करने में
सहायता मिलती है। धनुरासन के अभ्यास से हिप्स, पीठ और गले के बीच में आर्च
बनता है। इससे गले की मांसपेशियों में अच्छी मसाज मिलती है। मसल्स मजबूत और
एक्टिव रहती है। 


धनुरासन योग करने के फायदे


1. योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं और पैरों को सटाकर हाथों को पैरों के पास रखें। 


2. फिर धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ें और हाथों से टखने को पकड़ें। 


3. सांस अंदर की ओर खींचें और चेस्ट को ऊपर की ओर उठाएं।


4. जांघों को जमीन से ऊपर उठाएं और हाथों से पैरों को खीचें। 


5. अपना ध्यान सांसों की गति पर ध्यान देने की कोशिश करें। 


6. शरीर धनुष की तरह खिंचा हुआ रखें जबकि हाथ धनुष की डोरी को खींचने की तरह रखें। 


7. इस दौरान लंबी सांस लें और 30 सेकेंड बाद इसे छोड़ दें।


yoga-neck-pain



4. भुजंगासन (Bhujangasana)


इस आसन की मदद से गले की मांसपेशियों पर दबाव डालकर श्वसन तंत्र को
हेल्दी बनाता है। इसके नियमित अभ्यास से गले की मांसपेशियां मजबूत होती है
और उनमें इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। साथ ही सर्दी-जुकाम भी ठीक हो
सकता है। 


भुजंगासन योग करने के फायदे


1. पेट के बल जमीन पर लेट जाएं और दोनों हथेलियों को जांघों के पास जमीन की तरफ करके रखें। 


2. हाथों को कंधे के बराबर लेकर आएं और हथेलियों की ओर रखें।  


3. शरीर का वजन अपनी हथेलियों पर डालें और सांस भीतर खींचें।


4. सिर को उठाकर पीठ की तरफ खींचें और अपनी कोहनी को मोड़कर रखें। 


5. सिर को पीछे खींचते हुए छाती को भी आगे की तरफ निकालें। 


6. इस दौरान आपके कंधे कान से दूर रहेंगे और कंधों को मजबूत बनाए रखें।


7. शरीर को इस स्थिति में करीब 15 से 30 सेकेंड तक रखें। सांसों की गति को सामान्य रखें। 


8. इस आसन को 2 मिनट तक के लिए कर सकते हैं। 


9. धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में आने की कोशिश करें और हाथों को अपने बगल में रखें। 


10. इसे ट्रेनर की मदद से करने का प्रयास करें।


मौसम बदलने पर आमतौर पर गले में दर्द और इंफेक्शन की समस्या हो सकती है।
मुंह और गले में मौजूद गर्म और नम स्थितियां संक्रमण बढ़ने के लिए
उत्तरदायी हो सकती है। इसके अलावा बैक्टीरिया मुंह के भीतर सांस की हवा या
भोजन के माध्यम से पहुंचते हैं। इससे आपका इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता
है और आप कई अन्य बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं। ऐसे में गले की
समस्याओं को दूर करने के लिए आप कुछ योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल कर
सकते हैं। इससे आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत होती है और साथ ही योग के दौरान
आपकी सांसों में गर्माहट आती है, जिससे खराश को दूर करने में मदद मिलती है।
योगासन से गले के अंदरूनी हिस्से को इंफेक्शन दूर करने में सहायता मिलती
है। 


गले में दर्द और इंफेक्शन दूर करने के लिए योग


1. सेतु बंधासन (Setu Bandhasana)


सेतु बंधासन में हमारा हृदय सिर से ऊपर होता है। इससे सिर की तरह ब्लड सर्कुलेशन
तेज होता है। ये आसन गले की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है। इससे
थायरॉयड ग्रंथि और अस्थमा के मरीजों को गले में दर्द से आराम मिल सकता है।
सर्दी-जुकाम को ये ठीक करने में ये काफी फायदेमंद  होता है। 


सेतु बंधासन करने का तरीका



1. योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। इस दौरान नियमित रूप से सांस लेते रहें। 


2. इसके बाद हाथों को बगल में रख लें और अब धीरे-धीरे पैरों को घुटनों से मोड़कर हिप्स के पास ले आएं। 


3. हिप्स को जितना हो सके फर्श से ऊपर की ओर उठाकर रखने का प्रयास करें। इस दौरान हाथों को जमीन पर ही रखें। 


4. कुछ देर के लिए सांस को रोककर रखें। फिर सांसों को छोड़ते हुए वापस जमीन पर आएं। 


5. पैरों को सीधा करें और 10-15 सेकेंड के लिए आराम करें। 


6. इसे योगा ट्रेनर की मदद से ही करने का प्रयास करें। 


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2. हस्त पादासन (Hasta Padasana)


हस्त पादासन का अभ्यास करने के दौरान पूरी पीठ में खिंचाव आता है। ये
सिर से लेकर पैर तक पूरे हिस्से पर प्रभाव डालता है। इस आसन से गले में
दबाव पड़ता है और इंफेक्शन दूर करने में मदद मिलती है। गले पर दबाव पड़ने से
भीतरी मांसपेशियों को मसाज मिलती है और काम करने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है। ये सर्दी-जुकाम और साइनोसाइटिस को दूर करने में भी उपयोगी है। 


हस्त पादासन करने का तरीका


1. योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथ हिप्स पर रख लें।


2. फिर सांस को अंदर की ओर खींचते हुए घुटनों को मुलायम बनाएं। 


3. अब कमर को मोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें। साथ ही शरीर को संतुलित करने की कोशिश करें। 


4. उसके बाद धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की ओर उठाएं और ऊपरी जांघों भार बनाने की कोशिश करें। 


5. अपने हाथों को पैर के पंजे के बगल में जमीन पर रखें। इस दौरान अपने चेस्ट को पैर के ऊपर रखने की कोशिश करें। 


6. फिर जांघों को भीतर की तरफ दबाएं और शरीर को एड़ी के बल स्थिर बनाए रखें। 


7. सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और टांगों के बीच से देखने का प्रयास करें। 


8. इसी स्थिति में 15-30 सेकेंड तक स्थिर बने रहें।


9. अब वापस प्रारंभिक स्थिति में आएं और सांसों को धीरे-धीरे भीतर खींचे। 



3. धनुरासन (Dhanurasana)


धनुरासन में गले, सीने और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करने में
सहायता मिलती है। धनुरासन के अभ्यास से हिप्स, पीठ और गले के बीच में आर्च
बनता है। इससे गले की मांसपेशियों में अच्छी मसाज मिलती है। मसल्स मजबूत और
एक्टिव रहती है। 


धनुरासन योग करने के फायदे


1. योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं और पैरों को सटाकर हाथों को पैरों के पास रखें। 


2. फिर धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ें और हाथों से टखने को पकड़ें। 


3. सांस अंदर की ओर खींचें और चेस्ट को ऊपर की ओर उठाएं।


4. जांघों को जमीन से ऊपर उठाएं और हाथों से पैरों को खीचें। 


5. अपना ध्यान सांसों की गति पर ध्यान देने की कोशिश करें। 


6. शरीर धनुष की तरह खिंचा हुआ रखें जबकि हाथ धनुष की डोरी को खींचने की तरह रखें। 


7. इस दौरान लंबी सांस लें और 30 सेकेंड बाद इसे छोड़ दें।


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4. भुजंगासन (Bhujangasana)


इस आसन की मदद से गले की मांसपेशियों पर दबाव डालकर श्वसन तंत्र को
हेल्दी बनाता है। इसके नियमित अभ्यास से गले की मांसपेशियां मजबूत होती है
और उनमें इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। साथ ही सर्दी-जुकाम भी ठीक हो
सकता है। 


भुजंगासन योग करने के फायदे


1. पेट के बल जमीन पर लेट जाएं और दोनों हथेलियों को जांघों के पास जमीन की तरफ करके रखें। 


2. हाथों को कंधे के बराबर लेकर आएं और हथेलियों की ओर रखें।  


3. शरीर का वजन अपनी हथेलियों पर डालें और सांस भीतर खींचें।


4. सिर को उठाकर पीठ की तरफ खींचें और अपनी कोहनी को मोड़कर रखें। 


5. सिर को पीछे खींचते हुए छाती को भी आगे की तरफ निकालें। 


6. इस दौरान आपके कंधे कान से दूर रहेंगे और कंधों को मजबूत बनाए रखें।


7. शरीर को इस स्थिति में करीब 15 से 30 सेकेंड तक रखें। सांसों की गति को सामान्य रखें। 


8. इस आसन को 2 मिनट तक के लिए कर सकते हैं। 


9. धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में आने की कोशिश करें और हाथों को अपने बगल में रखें। 


10. इसे ट्रेनर की मदद से करने का प्रयास करें।


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