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news raipur:: भीषण गर्मी में ऐसे पहचानें कहीं आपको लू तो नहीं लग गई, जानिए कैसे करें बचाव और इलाज:

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 रायपुर। तापमान में वृद्धि के साथ ही गर्म हवाओं का
चलना भी शुरू हो गया है। दिन में तापमान 43 डिग्री से ऊपर जा रहा है और
मौसम विभाग की मानें तो आगामी दिनों में प्रदेश के कुछ हिस्सों में पारा और
भी बढ़ सकता है। ऐसे में लू लगने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। लू से
बचने के लिए अस्‍पतालों ने भी कमर कस ली है। जिला चिकित्सालय में लू लगने
वाले रोगियों के लिए अलग से बेड की व्यवस्था की गई है और ओआरएस एवं ग्लूकोज
के साथ ही प्राथमिक उपचार की सभी दवाइयां उपलब्ध है। जिला
चिकित्सालय में कंसल्टेंट डॉ. नीरज ओझा ने बताया अस्पताल में एक वार्ड के 6
बेड को लू से प्रभावित होने वाले मरीजों के लिए आरक्षित कर रखा है।
आवश्यकता अनुसार बेड की संख्या में वृद्धि भी की जा सकती है। वहां कूलर की
व्यवस्था भी है। अन्य जरूरी दवाइयां भी उपलब्ध है। हमारी सेवा 24 x7 काम कर
रही हैं। अभी तक कोई भी लू का मरीज नहीं आया है।


लू से बचने इन बातों का रखें ध्‍यान

बीमारी से
ज्यादा अच्छा है उसका बचाव। सुबह के काम 12 से 1 बजे तक कर लें। साथ ही शाम
5 के बाद ही अपना आवश्यक कार्य करें सुबह जल्दी अपने सारे जरूरी काम निपटा
लें। बाहर के खाने पाने से परहेज करें । खुले हुए फलों के रस का प्रयोग ना
करें घर का बना ताजे फलों के रस का प्रयोग करें बहार कि चीजों को खाने से
बचें।‘’ डाक्टर ओझा ने बताया यदि लू लगती है तो तुरंत प्रारंभिक सलाह के
लिए 104 से निशुल्क परामर्श लेना चाहिए हालांकि इलाज से ज्यादा जरूरी है
सावधानी ।


लू के लक्षण

लू कई प्रकार से प्रभावित कर सकती
है और इसके लक्षण भी कई प्रकार के होते हैन जैसे सिर में भारीपन और दर्द का
अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना,चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी
के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न
आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, या फिर बेहोश होना ।


लू से बचाव के उपाय

लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण
शरीर में पानी और खनिज मुख्यत: नमक की कमी हो जाना होती है| अत: इससे बचाव
के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए। बहुत अनिवार्य न हो तो घर के
बाहर न जाएं। धूप में निकलने से पहले सर एवं कानों को कपड़े से अच्छी तरह
से बांध ले। पानी अधिक मात्रा में पिएं। अधिक समय तक धूप में न रहे। गर्मी
के दौरान नरम-मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा कपड़े और पसीने को
सोखती रहे और अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल पिएं| चक्कर और
मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल जल अथवा उपलब्ध हो तो
ताजे फलों का रस, लस्सी, मठा, का सेवन करें। उल्टी, सिर दर्द, तेज़ बुखार की
दशा में निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जरूरी सलाह ले।


लू लगने पर किए जाने वाला प्रारंभिक उपचार

बुखार
पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाएं। अधिक पानी व पेय
पदार्थ पिलाए जैसे कच्चे आम का पन्ना या जलजीरा| पीड़ित व्यक्ति को पंखे के
नीचे हवा में लिटा दें। शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहे और शीघ्र
ही किसी नज़दीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए जाएं| मितानिन और
एएनएम से ओआरएस की पैकेट के लिए संपर्क करें।

 

 

 


 रायपुर। तापमान में वृद्धि के साथ ही गर्म हवाओं का
चलना भी शुरू हो गया है। दिन में तापमान 43 डिग्री से ऊपर जा रहा है और
मौसम विभाग की मानें तो आगामी दिनों में प्रदेश के कुछ हिस्सों में पारा और
भी बढ़ सकता है। ऐसे में लू लगने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। लू से
बचने के लिए अस्‍पतालों ने भी कमर कस ली है। जिला चिकित्सालय में लू लगने
वाले रोगियों के लिए अलग से बेड की व्यवस्था की गई है और ओआरएस एवं ग्लूकोज
के साथ ही प्राथमिक उपचार की सभी दवाइयां उपलब्ध है। जिला
चिकित्सालय में कंसल्टेंट डॉ. नीरज ओझा ने बताया अस्पताल में एक वार्ड के 6
बेड को लू से प्रभावित होने वाले मरीजों के लिए आरक्षित कर रखा है।
आवश्यकता अनुसार बेड की संख्या में वृद्धि भी की जा सकती है। वहां कूलर की
व्यवस्था भी है। अन्य जरूरी दवाइयां भी उपलब्ध है। हमारी सेवा 24 x7 काम कर
रही हैं। अभी तक कोई भी लू का मरीज नहीं आया है।


लू से बचने इन बातों का रखें ध्‍यान

बीमारी से
ज्यादा अच्छा है उसका बचाव। सुबह के काम 12 से 1 बजे तक कर लें। साथ ही शाम
5 के बाद ही अपना आवश्यक कार्य करें सुबह जल्दी अपने सारे जरूरी काम निपटा
लें। बाहर के खाने पाने से परहेज करें । खुले हुए फलों के रस का प्रयोग ना
करें घर का बना ताजे फलों के रस का प्रयोग करें बहार कि चीजों को खाने से
बचें।‘’ डाक्टर ओझा ने बताया यदि लू लगती है तो तुरंत प्रारंभिक सलाह के
लिए 104 से निशुल्क परामर्श लेना चाहिए हालांकि इलाज से ज्यादा जरूरी है
सावधानी ।


लू के लक्षण

लू कई प्रकार से प्रभावित कर सकती
है और इसके लक्षण भी कई प्रकार के होते हैन जैसे सिर में भारीपन और दर्द का
अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना,चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी
के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न
आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, या फिर बेहोश होना ।


लू से बचाव के उपाय

लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण
शरीर में पानी और खनिज मुख्यत: नमक की कमी हो जाना होती है| अत: इससे बचाव
के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए। बहुत अनिवार्य न हो तो घर के
बाहर न जाएं। धूप में निकलने से पहले सर एवं कानों को कपड़े से अच्छी तरह
से बांध ले। पानी अधिक मात्रा में पिएं। अधिक समय तक धूप में न रहे। गर्मी
के दौरान नरम-मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा कपड़े और पसीने को
सोखती रहे और अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल पिएं| चक्कर और
मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल जल अथवा उपलब्ध हो तो
ताजे फलों का रस, लस्सी, मठा, का सेवन करें। उल्टी, सिर दर्द, तेज़ बुखार की
दशा में निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जरूरी सलाह ले।


लू लगने पर किए जाने वाला प्रारंभिक उपचार

बुखार
पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाएं। अधिक पानी व पेय
पदार्थ पिलाए जैसे कच्चे आम का पन्ना या जलजीरा| पीड़ित व्यक्ति को पंखे के
नीचे हवा में लिटा दें। शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहे और शीघ्र
ही किसी नज़दीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए जाएं| मितानिन और
एएनएम से ओआरएस की पैकेट के लिए संपर्क करें।

 

 

 


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