रायपुर । रायपुर नगर निगम का अमला
प्रतिबंधित पालिथीन के खिलाफ लगातार छापामार कार्रवाई कर प्रतिबंधित
पालिथीन, पानी पाउच, डिस्पोजल गिलास आदि जब्त कर रहा है।अब तक दो सौ से
अधिक ठेले, खोमचे, छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई की जा चुकी है लेकिन अब
ब़ड़े कारोबारियों, निर्माण करने वालों पर शिंकजा कसने की तैयारी निगम
प्रशासन ने की है। जल्द ही बड़े स्तर पर छापेमारी की कार्रवाई करने के
संकेत निगम के अधिकारियों ने दिया है। दरअसल आगामी एक जुलाई से प्रदेशभर में पालिथीन का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद
हो जायेगा। राज्य सरकार ने 20 माइक्रान से कम मोटाई का पालिथिन के
इस्तेमाल पर वर्ष 2014 से प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में नगर निगम का अमला
दिखावे के तौर पर हर साल त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते छोटे-मोटे
दुकानों, सब्जी ठेले, बाजार आदि दुकानों पर कार्रवाई करता आ रहा है। अब
चूंकि एक जुलाई से पालिथीन पूरी तरह से प्रतिबंधित करने शासन ने सख्ती के
साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। लिहाजा फिर से निगम के अधिकारी-कर्मचारी रोजाना छोटे दुकानों, ठेले, खोमचे,
होटल, सब्जी दुकानों आदि में दबिश दे रहे है, लेकिन अभी तक किसी बड़े
कारोबारी या फिर पालिथीन निर्माण करने वाली फैक्टरी में छापेमारी की
कार्रवाई नहीं करना कई सवालों को जन्म दे रहा है। अब तक दो सौ से अधिक छोटे
दुकानदारों के यहां छापेमारी कर डिस्पोजल गिलास, पानी पाउच समेत पालिथीन
आदि जब्त कर हजारों का जुर्माना नगर निगम ने वसूल कर कार्रवाई के नाम पर
केवल अपनी पीठ ही थपथपाई है।
रायपुर में हर साल बारिश के मौसम में नाले-नालियों के जाम होने और पानी
निकलकर घरों-बस्तियों में घुसने का कारण सीवेज सिस्टम का जाम होना मुख्य
वजह है।पिछले साल नाले-नालियां जाम हुई तब नगर निगम ने वाटर लागिंग के बाद
तीन चरणों में 250 नाले-नालियों का कचरा साफ कराया तो कचरे में 90 फीसदी से
ज्यादा पालिथिन निकला था। यहीं नहीं नालियों पर बने पाटे और अवैध कब्जे को तोड़कर जब नालियों की सफाई
की गई थी तब सभी जगह से भारी मात्रा में पालिथीन और कैरीबैग निकले
थे।राजधानी में वाटर लागिंग की बड़ी वजह नालियों का चोक होना है।प्लास्टिक
कैरीबैग और एक बार इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिक के थैले नाले-नालियों
में फंस जाने से पानी की निकासी अवरूद्व हो रही है।
में सामान बेचते पकड़े जाने पर जुर्माने के साथ जेल की हवा भी खानी पड़
सकती है।प्रतिबंधित पालिथिन में सामान बेचने पर नगर निगम छत्तीसगढ़
प्लास्टिक अपशिष्ट अधिनियम 2011 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा
16 के अधीन कार्रवाई करेगा।अभी केवल जुर्माने के साथ पालिथिन जब्त ही जब्त
की जा रही है।हालांकि बड़े दुकानदारों में कार्रवाई का डर बना हुआ है।
रायपुर । रायपुर नगर निगम का अमला
प्रतिबंधित पालिथीन के खिलाफ लगातार छापामार कार्रवाई कर प्रतिबंधित
पालिथीन, पानी पाउच, डिस्पोजल गिलास आदि जब्त कर रहा है।अब तक दो सौ से
अधिक ठेले, खोमचे, छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई की जा चुकी है लेकिन अब
ब़ड़े कारोबारियों, निर्माण करने वालों पर शिंकजा कसने की तैयारी निगम
प्रशासन ने की है। जल्द ही बड़े स्तर पर छापेमारी की कार्रवाई करने के
संकेत निगम के अधिकारियों ने दिया है। दरअसल आगामी एक जुलाई से प्रदेशभर में पालिथीन का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद
हो जायेगा। राज्य सरकार ने 20 माइक्रान से कम मोटाई का पालिथिन के
इस्तेमाल पर वर्ष 2014 से प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में नगर निगम का अमला
दिखावे के तौर पर हर साल त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते छोटे-मोटे
दुकानों, सब्जी ठेले, बाजार आदि दुकानों पर कार्रवाई करता आ रहा है। अब
चूंकि एक जुलाई से पालिथीन पूरी तरह से प्रतिबंधित करने शासन ने सख्ती के
साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। लिहाजा फिर से निगम के अधिकारी-कर्मचारी रोजाना छोटे दुकानों, ठेले, खोमचे,
होटल, सब्जी दुकानों आदि में दबिश दे रहे है, लेकिन अभी तक किसी बड़े
कारोबारी या फिर पालिथीन निर्माण करने वाली फैक्टरी में छापेमारी की
कार्रवाई नहीं करना कई सवालों को जन्म दे रहा है। अब तक दो सौ से अधिक छोटे
दुकानदारों के यहां छापेमारी कर डिस्पोजल गिलास, पानी पाउच समेत पालिथीन
आदि जब्त कर हजारों का जुर्माना नगर निगम ने वसूल कर कार्रवाई के नाम पर
केवल अपनी पीठ ही थपथपाई है।
रायपुर में हर साल बारिश के मौसम में नाले-नालियों के जाम होने और पानी
निकलकर घरों-बस्तियों में घुसने का कारण सीवेज सिस्टम का जाम होना मुख्य
वजह है।पिछले साल नाले-नालियां जाम हुई तब नगर निगम ने वाटर लागिंग के बाद
तीन चरणों में 250 नाले-नालियों का कचरा साफ कराया तो कचरे में 90 फीसदी से
ज्यादा पालिथिन निकला था। यहीं नहीं नालियों पर बने पाटे और अवैध कब्जे को तोड़कर जब नालियों की सफाई
की गई थी तब सभी जगह से भारी मात्रा में पालिथीन और कैरीबैग निकले
थे।राजधानी में वाटर लागिंग की बड़ी वजह नालियों का चोक होना है।प्लास्टिक
कैरीबैग और एक बार इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिक के थैले नाले-नालियों
में फंस जाने से पानी की निकासी अवरूद्व हो रही है।
में सामान बेचते पकड़े जाने पर जुर्माने के साथ जेल की हवा भी खानी पड़
सकती है।प्रतिबंधित पालिथिन में सामान बेचने पर नगर निगम छत्तीसगढ़
प्लास्टिक अपशिष्ट अधिनियम 2011 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा
16 के अधीन कार्रवाई करेगा।अभी केवल जुर्माने के साथ पालिथिन जब्त ही जब्त
की जा रही है।हालांकि बड़े दुकानदारों में कार्रवाई का डर बना हुआ है।