कपालभाति प्राणायाम शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है. यह तनाव दूर करने से
लेकर वजन कम करने तक आपके कई फायदे पहुंचाता है. योगा एक्सपर्ट्स कहते हैं
कि अगर कपालभाति का नियमित अभ्यास किया जाए तो पुराने से पुराना रोग भी
चुटकियों में सही हो जाता है. अगर आप बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो
कपालभाति जरूर ट्राई कीजिए.
क्या है कपालभाति
कपालभाति योग षट्कर्म
(हठ योग) की एक विधि (क्रिया) है. संस्कृत में कपाल का अर्थ होता है माथा
या ललाट और भाति का अर्थ है तेज . अर्थात 'कपाल भाति' वह प्राणायाम है,
जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली
सुचारु रूप से संचालित होती है.
कपालभाति करने का तरीका
- योगा मैट पर बैठ कर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें.
- इसके बाद अपने हाथों को घुटनों पर रखें और गहरी लंबी सांस लें.
- अब सांस छोड़ते हुए धीमी गति से पेट को अंदर की ओर खींचे.
- अपनी नाभि को अंदर की ओर खींचे और कुछ सेकेंड में सांस छोड़ दें.
- आप इसे एक बार में इसे 35 से लेकर 100 बार करें.
- एक राउंड खत्म होने के बाद आराम करें.
- धीरे धीरे करके इस आसान की समयावधि बढ़ाएं.
- कपालभाति करने के बाद थोड़ी देर तक ताली बजाएं.
कपालभाति प्राणायाम के फायदे
- अस्थमा रोगियों को इस प्राणायाम के करने से बहुत ही राहत मिलती है.
- खास बात ये है कि यह आंखों के नीचे के काले घेरों को भी ठीक करता है.
- इसे नियमित करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और वजन कम होने लगता है.
- इस प्राणायाम को करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है.
- कपालभाति करने से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग भी तेजी से काम करता है.
- ये प्राणायाम शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मददगार है
- इसे नियमित करने से खिलाड़ियों के अंदर खेल-कौशल में वृद्धि होती है.
कपालभाति करते वक्त याद रखें ये बात
कपालभाति को करते हुए इस बात का ध्यान रखें की आपके द्वारा ली गई हवा एक ही
झटके में बाहर आ जाए. इस प्राणायाम को करते समय आपको यह सोचना है कि आपके
सारे नकारात्मक तत्व शरीर से बाहर जा रहे हैं.
कपालभाति प्राणायाम शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है. यह तनाव दूर करने से
लेकर वजन कम करने तक आपके कई फायदे पहुंचाता है. योगा एक्सपर्ट्स कहते हैं
कि अगर कपालभाति का नियमित अभ्यास किया जाए तो पुराने से पुराना रोग भी
चुटकियों में सही हो जाता है. अगर आप बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो
कपालभाति जरूर ट्राई कीजिए.
क्या है कपालभाति
कपालभाति योग षट्कर्म
(हठ योग) की एक विधि (क्रिया) है. संस्कृत में कपाल का अर्थ होता है माथा
या ललाट और भाति का अर्थ है तेज . अर्थात 'कपाल भाति' वह प्राणायाम है,
जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली
सुचारु रूप से संचालित होती है.
कपालभाति करने का तरीका
- योगा मैट पर बैठ कर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें.
- इसके बाद अपने हाथों को घुटनों पर रखें और गहरी लंबी सांस लें.
- अब सांस छोड़ते हुए धीमी गति से पेट को अंदर की ओर खींचे.
- अपनी नाभि को अंदर की ओर खींचे और कुछ सेकेंड में सांस छोड़ दें.
- आप इसे एक बार में इसे 35 से लेकर 100 बार करें.
- एक राउंड खत्म होने के बाद आराम करें.
- धीरे धीरे करके इस आसान की समयावधि बढ़ाएं.
- कपालभाति करने के बाद थोड़ी देर तक ताली बजाएं.
कपालभाति प्राणायाम के फायदे
- अस्थमा रोगियों को इस प्राणायाम के करने से बहुत ही राहत मिलती है.
- खास बात ये है कि यह आंखों के नीचे के काले घेरों को भी ठीक करता है.
- इसे नियमित करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और वजन कम होने लगता है.
- इस प्राणायाम को करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है.
- कपालभाति करने से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग भी तेजी से काम करता है.
- ये प्राणायाम शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मददगार है
- इसे नियमित करने से खिलाड़ियों के अंदर खेल-कौशल में वृद्धि होती है.
कपालभाति करते वक्त याद रखें ये बात
कपालभाति को करते हुए इस बात का ध्यान रखें की आपके द्वारा ली गई हवा एक ही
झटके में बाहर आ जाए. इस प्राणायाम को करते समय आपको यह सोचना है कि आपके
सारे नकारात्मक तत्व शरीर से बाहर जा रहे हैं.