रायपुर । नक्सलियों की मांद में खौफ को चुनौती
देने वाली यह कोई और नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहली महिला आइपीएस अधिकारी
अंकिता शर्मा हैं, जो वीरों की भूमि बस्तर में एडिशनल एसपी, नक्सल आपरेशन
के पद पर काम कर रही हैं। इनके जज्बे और हौसले के आगे डर को भी डरना पड़ता
है। बस्तर में ऐसी कोई सुबह नहीं होती, जब इस महिला आइपीएस को नक्सलियों के
खतरे का सामना नहीं करना पड़ता। सूरज उगने की पहली किरण के साथ ही चुनौतियों की सुबह शुरू होती है और रात
को घनघोर अंधेरे में सर्चिंग आपरेशन। इन सबके बीच हौसला इतना बुलंद कि
रोजाना जंगल में 15 से 20 किमी सर्चिंग करके ही वापस लौटती हैं। बस्तर में
पुलिस के अन्य बहादुर जवानों के साथ अंकिता शर्मा भी कंधे से कंधा मिलाकर
एके-47 लेकर दुश्मनों से लोहा लेने के लिए तैयार हैं।
रायपुर । नक्सलियों की मांद में खौफ को चुनौती
देने वाली यह कोई और नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहली महिला आइपीएस अधिकारी
अंकिता शर्मा हैं, जो वीरों की भूमि बस्तर में एडिशनल एसपी, नक्सल आपरेशन
के पद पर काम कर रही हैं। इनके जज्बे और हौसले के आगे डर को भी डरना पड़ता
है। बस्तर में ऐसी कोई सुबह नहीं होती, जब इस महिला आइपीएस को नक्सलियों के
खतरे का सामना नहीं करना पड़ता। सूरज उगने की पहली किरण के साथ ही चुनौतियों की सुबह शुरू होती है और रात
को घनघोर अंधेरे में सर्चिंग आपरेशन। इन सबके बीच हौसला इतना बुलंद कि
रोजाना जंगल में 15 से 20 किमी सर्चिंग करके ही वापस लौटती हैं। बस्तर में
पुलिस के अन्य बहादुर जवानों के साथ अंकिता शर्मा भी कंधे से कंधा मिलाकर
एके-47 लेकर दुश्मनों से लोहा लेने के लिए तैयार हैं।