Trikonasana yoga जो लोग योग का अभ्यास नियमित ताैर पर करते हैं उनके
लिए त्रिकोणासन योग काफी सरल है। त्रिकोणासन के अभ्यास में आपके शरीर के कई
अंग शामिल होते हैं जिससे उन्हें अच्छे से स्ट्रेच किया जा सकता है। ये
रही पूरी जानकारी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अगर आप अपने शरीर और
दिमाग के बीच संतुलन बनाना जाहते हैं तो आप नियमित करें त्रिकोणासन योग।
इसे ट्रायंगल पाेज भी कहते हैं। इस संबंध में जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट
रूमा शर्मा कहती हैं कि यह सबसे बेहतरीन योगासनों में एक है। इसे करने पर
एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिलती है। योगा अभ्यास के लिए शरीर का बैलेंस
होना बहुत जरूरी है। रूमा शर्मा कहती हैं कि जो लोग योग का अभ्यास नियमित
ताैर पर करते हैं उनके लिए यह योगासन काफी सरल है। त्रिकोणासन के अभ्यास
में आपके शरीर के कई अंग शामिल होते हैं, जिससे उन्हें अच्छे से स्ट्रेच
किया जा सकता है।
इसे करने पर हिप्स, कमर, बाजू, कंधे, हैम्सिट्रंग, काव्स, पैर और
फोरआर्म्स की मसल्स इस आसन के समय काम करती है। यह योग मुद्रा आपके बॉडी
पोस्चर को बेहतर करने में मदद करता है। रूमा शर्मा कहती हैं कि इस आसन के
करने से मांसपेशियों को फैलाने और नियमित शारीरिक फंक्शन को सुधारने के लिए
किया जाता है। दूसरे आसनों के विपरीत इस आसन को करने के समय आप अपनी आंखों
को खोल कर रखना है।
ऐसे करें त्रिकोणासन योग
योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि इस आसन के
अभ्यास के लिए सीधे जमीन पर खड़े हो जाएं। अब अपने पैरों को एक-दूसरे से
तीन फीट की दूरी पर रखें। ध्यान रहे कि आपका दायां पैर आपके सामने 90
डिग्री पर हो और बांया पैर पीछे 15 डिग्री के कोण पर हो। इस दौरान शरीर का
भर दोनों पैरों पर बराबर रखें, गहरी सांस लेते रहें। अब अपने दाएं हाथ को
दाएं पैर के अंगूठे पर रखें और बाएं हाथ को आसमान की ओर सीधा उठाएं। ध्यान
रखें कि बायां हाथ सिर के बिल्कुल उपर होना चाहिए। सिर को भी आसमान की ओर
उठाएं और आंखों को खोलकर उपर की ओर देखें। इस दौरान आपके दोनों हाथ एक सीधी
रेखा में होना चाहिए। जितनी देर हो सके, इसी अवस्था में रहं और गहरी सांस
लेते रहें और छोड़ते रहें। अब इस आसन को दूसरे पैर की ओर दोहराएं।
त्रिकोणासन के फायदे
- त्रिकोणासन पैरों, घुटनों, ऐंड़ी, बाजुओं और सीने को मजबूत करने में मदद करता है।
- यह आसन कूल्हों, हैमस्ट्रिंग, काव्य, कंधों, सीने और रीढ़ को स्ट्रेच
करता है और इन्हें खोलता है। मानसिक और शारीरिक संतुलन को बढ़ाता है। पाचन
में सुधार करने में मदद करता है। चिंता, तनाव, पीठ दर्द को कम करता है। - अगर इस आसन का अभ्यास सही तरीके से किया जाए तो यह कंधों के अलाइमेंट
को सही रखता है और इन्हें बेहतर शेप में लाने में मदद करता है। इसे नियमित
करने से गर्दन के दर्द से आराम मिलता है।त्रिकोणासन की कुछ सावधानियां
अगर
आप माइग्रेन, डायरिया, निम्न या उच्च रक्तचाप या गर्दन और पीठ दर्द से
पीड़ित हैं, तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें। उच्च रक्तचाप वाले इस योग
को कर सकते हैं, लेकिन अपने हाथ को उपर की ओर उठाए बिना, क्योंकि इससे
रक्तचाप बढ़ सकता है। अगर इस आसन का अभ्यास करते समय आपके शरीर के किसी भी
हिस्से में दर्द हो तो इस आसन को तत्काल बंद कर दें। अपने चिकित्सक या योग
विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही करें।
Trikonasana yoga जो लोग योग का अभ्यास नियमित ताैर पर करते हैं उनके
लिए त्रिकोणासन योग काफी सरल है। त्रिकोणासन के अभ्यास में आपके शरीर के कई
अंग शामिल होते हैं जिससे उन्हें अच्छे से स्ट्रेच किया जा सकता है। ये
रही पूरी जानकारी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अगर आप अपने शरीर और
दिमाग के बीच संतुलन बनाना जाहते हैं तो आप नियमित करें त्रिकोणासन योग।
इसे ट्रायंगल पाेज भी कहते हैं। इस संबंध में जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट
रूमा शर्मा कहती हैं कि यह सबसे बेहतरीन योगासनों में एक है। इसे करने पर
एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिलती है। योगा अभ्यास के लिए शरीर का बैलेंस
होना बहुत जरूरी है। रूमा शर्मा कहती हैं कि जो लोग योग का अभ्यास नियमित
ताैर पर करते हैं उनके लिए यह योगासन काफी सरल है। त्रिकोणासन के अभ्यास
में आपके शरीर के कई अंग शामिल होते हैं, जिससे उन्हें अच्छे से स्ट्रेच
किया जा सकता है।
इसे करने पर हिप्स, कमर, बाजू, कंधे, हैम्सिट्रंग, काव्स, पैर और
फोरआर्म्स की मसल्स इस आसन के समय काम करती है। यह योग मुद्रा आपके बॉडी
पोस्चर को बेहतर करने में मदद करता है। रूमा शर्मा कहती हैं कि इस आसन के
करने से मांसपेशियों को फैलाने और नियमित शारीरिक फंक्शन को सुधारने के लिए
किया जाता है। दूसरे आसनों के विपरीत इस आसन को करने के समय आप अपनी आंखों
को खोल कर रखना है।
ऐसे करें त्रिकोणासन योग
योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि इस आसन के
अभ्यास के लिए सीधे जमीन पर खड़े हो जाएं। अब अपने पैरों को एक-दूसरे से
तीन फीट की दूरी पर रखें। ध्यान रहे कि आपका दायां पैर आपके सामने 90
डिग्री पर हो और बांया पैर पीछे 15 डिग्री के कोण पर हो। इस दौरान शरीर का
भर दोनों पैरों पर बराबर रखें, गहरी सांस लेते रहें। अब अपने दाएं हाथ को
दाएं पैर के अंगूठे पर रखें और बाएं हाथ को आसमान की ओर सीधा उठाएं। ध्यान
रखें कि बायां हाथ सिर के बिल्कुल उपर होना चाहिए। सिर को भी आसमान की ओर
उठाएं और आंखों को खोलकर उपर की ओर देखें। इस दौरान आपके दोनों हाथ एक सीधी
रेखा में होना चाहिए। जितनी देर हो सके, इसी अवस्था में रहं और गहरी सांस
लेते रहें और छोड़ते रहें। अब इस आसन को दूसरे पैर की ओर दोहराएं।
त्रिकोणासन के फायदे
- त्रिकोणासन पैरों, घुटनों, ऐंड़ी, बाजुओं और सीने को मजबूत करने में मदद करता है।
- यह आसन कूल्हों, हैमस्ट्रिंग, काव्य, कंधों, सीने और रीढ़ को स्ट्रेच
करता है और इन्हें खोलता है। मानसिक और शारीरिक संतुलन को बढ़ाता है। पाचन
में सुधार करने में मदद करता है। चिंता, तनाव, पीठ दर्द को कम करता है। - अगर इस आसन का अभ्यास सही तरीके से किया जाए तो यह कंधों के अलाइमेंट
को सही रखता है और इन्हें बेहतर शेप में लाने में मदद करता है। इसे नियमित
करने से गर्दन के दर्द से आराम मिलता है।त्रिकोणासन की कुछ सावधानियां
अगर
आप माइग्रेन, डायरिया, निम्न या उच्च रक्तचाप या गर्दन और पीठ दर्द से
पीड़ित हैं, तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें। उच्च रक्तचाप वाले इस योग
को कर सकते हैं, लेकिन अपने हाथ को उपर की ओर उठाए बिना, क्योंकि इससे
रक्तचाप बढ़ सकता है। अगर इस आसन का अभ्यास करते समय आपके शरीर के किसी भी
हिस्से में दर्द हो तो इस आसन को तत्काल बंद कर दें। अपने चिकित्सक या योग
विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही करें।