रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वनवासी तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित में शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना का कुशलतापूर्वक संचालन हो रहा है। राज्य में योजना के अंतर्गत 05 अगस्त 2020 से माह दिसम्बर 2021 तक 3 हजार 827 प्रकरणों में 57 करोड़ 52 लाख रूपए की राशि का भुगतान किए जा चुके हैं।
इसके तहत स्वीकृत प्रकरणों में वन मंडलवार बीजापुर अंतर्गत 219 प्रकरणों में 03 करोड़ 58 लाख रूपए, सुकमा के 46 प्रकरणों में 81 लाख, दंतेवाड़ा के 78 प्रकरणों में एक करोड़ 37 लाख रूपए तथा जगदलपुर के 16 प्रकरणों में 29 लाख 65 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है। इसी तरह पश्चिम भानुप्रतापपुर के 187 प्रकरणों में 2 करोड़ 83 लाख रूपए, पूर्व भानुप्रतापपुर के 314 प्रकरणों में 4 करोड़ 38 लाख रूपए, कोण्डागांव के 27 प्रकरणों में 34 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है।
वन मंडलवार नारायणपुर के 47 प्रकरणों में 77 लाख रूपए, कांकेर के 262 प्रकरणों में 3 करोड़ 64 लाख रूपए, केशकाल के 22 प्रकरणों में 32 लाख रूपए तथा मरवाही के 31 प्रकरणों में 52 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। बिलासपुर के 53 प्रकरणों में 64 लाख रूपए, कोरबा के 155 प्रकरणों में 02 करोड़ 51 लाख रूपए, कटघोरा के 100 प्रकरणों में 01 करोड़ 57 लाख रूपए, रायगढ़ के 277 प्रकरणों में 04 करोड़ 48 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। इसके अलावा धरमजयगढ़ के 157 प्रकरणों में 02 करोड़ 54 लाख रूपए तथा जांजगीर-चांपा के 34 प्रकरणों में 58 लाख रूपए रूपए की राशि स्वीकृत है।
इसी तरह वन मंडलवार बालोद के 89 प्रकरणों में 01 करोड़ 29 लाख रूपए, कवर्धा के 52 प्रकरणों में 74 लाख रूपए, धमतरी के 137 प्रकरणों में 01 करोड़ 78 लाख रूपए तथा गरियाबंद के 390 प्रकरणों में 05 करोड़ 37 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। महासमुंद के 344 प्रकरणों में 05 करोड़ 30 लाख रूपए, बलौदाबाजार के 47 प्रकरणों में 72 लाख रूपए, सरगुजा के 59 प्रकरणों में 01 करोड़ 11 लाख रूपए तथा सूरजपुर के 73 प्रकरणों में 01 करोड़ 31 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। इसके अलावा बलरामपुर के 172 प्रकरणों में 03 करोड़ 2 लाख रूपए, कोरिया के 38 प्रकरणों में 57 लाख रूपए, मनेन्द्रगढ़ के 47 प्रकरणों में 81 लाख रूपए तथा जशपुर नगर के 75 प्रकरणों में 01 करोड़ 12 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है।
गौरतलब है कि राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना विगत 5 अगस्त 2020 से संचालित है। इस योजना के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 18 से 50 वर्ष तक हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दो लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख रूपए की राशि अतिरिक्त रूप से प्रदान की जाती है। दुर्घटना से पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में दो लाख रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में एक लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है।
इसी तरह तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 51 से 59 वर्ष के बीच हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को 30 हजार रूपए तथा दुर्घटना से मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना में पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में 75 हजार रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है।
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा वनवासी तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित में शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना का कुशलतापूर्वक संचालन हो रहा है। राज्य में योजना के अंतर्गत 05 अगस्त 2020 से माह दिसम्बर 2021 तक 3 हजार 827 प्रकरणों में 57 करोड़ 52 लाख रूपए की राशि का भुगतान किए जा चुके हैं।
इसके तहत स्वीकृत प्रकरणों में वन मंडलवार बीजापुर अंतर्गत 219 प्रकरणों में 03 करोड़ 58 लाख रूपए, सुकमा के 46 प्रकरणों में 81 लाख, दंतेवाड़ा के 78 प्रकरणों में एक करोड़ 37 लाख रूपए तथा जगदलपुर के 16 प्रकरणों में 29 लाख 65 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है। इसी तरह पश्चिम भानुप्रतापपुर के 187 प्रकरणों में 2 करोड़ 83 लाख रूपए, पूर्व भानुप्रतापपुर के 314 प्रकरणों में 4 करोड़ 38 लाख रूपए, कोण्डागांव के 27 प्रकरणों में 34 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है।
वन मंडलवार नारायणपुर के 47 प्रकरणों में 77 लाख रूपए, कांकेर के 262 प्रकरणों में 3 करोड़ 64 लाख रूपए, केशकाल के 22 प्रकरणों में 32 लाख रूपए तथा मरवाही के 31 प्रकरणों में 52 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। बिलासपुर के 53 प्रकरणों में 64 लाख रूपए, कोरबा के 155 प्रकरणों में 02 करोड़ 51 लाख रूपए, कटघोरा के 100 प्रकरणों में 01 करोड़ 57 लाख रूपए, रायगढ़ के 277 प्रकरणों में 04 करोड़ 48 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। इसके अलावा धरमजयगढ़ के 157 प्रकरणों में 02 करोड़ 54 लाख रूपए तथा जांजगीर-चांपा के 34 प्रकरणों में 58 लाख रूपए रूपए की राशि स्वीकृत है।
इसी तरह वन मंडलवार बालोद के 89 प्रकरणों में 01 करोड़ 29 लाख रूपए, कवर्धा के 52 प्रकरणों में 74 लाख रूपए, धमतरी के 137 प्रकरणों में 01 करोड़ 78 लाख रूपए तथा गरियाबंद के 390 प्रकरणों में 05 करोड़ 37 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। महासमुंद के 344 प्रकरणों में 05 करोड़ 30 लाख रूपए, बलौदाबाजार के 47 प्रकरणों में 72 लाख रूपए, सरगुजा के 59 प्रकरणों में 01 करोड़ 11 लाख रूपए तथा सूरजपुर के 73 प्रकरणों में 01 करोड़ 31 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। इसके अलावा बलरामपुर के 172 प्रकरणों में 03 करोड़ 2 लाख रूपए, कोरिया के 38 प्रकरणों में 57 लाख रूपए, मनेन्द्रगढ़ के 47 प्रकरणों में 81 लाख रूपए तथा जशपुर नगर के 75 प्रकरणों में 01 करोड़ 12 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है।
गौरतलब है कि राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना विगत 5 अगस्त 2020 से संचालित है। इस योजना के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 18 से 50 वर्ष तक हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को दो लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना से मृत्यु होने पर दो लाख रूपए की राशि अतिरिक्त रूप से प्रदान की जाती है। दुर्घटना से पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में दो लाख रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में एक लाख रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है।
इसी तरह तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवार के मुखिया, जिनकी आयु मृत्यु दिनांक को 51 से 59 वर्ष के बीच हो, उसकी सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति अथवा उत्तराधिकारी को 30 हजार रूपए तथा दुर्घटना से मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए की सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना में पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में 75 हजार रूपए तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपए की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है।