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news Gujarat:: XE वेरिएंट ला सकता है चौथी लहर! गुजरात में मिले सैंपल का जीनोमिक विश्लेषण जारी:

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गुजरात से मिले कोरोना वायरस (Coronavirus) के एक्सई स्वरूप (XE Variant) के नमूने का जीनोम विश्लेषण चल रहा है और इसके नतीजे जल्द ही आने की उम्मीद है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने आज यानी शनिवार को इसकी जानकारी दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO, डब्ल्यूएचओ) ने सबसे पहले ब्रिटेन में पाए गए ओमीक्रोन के नए स्वरूप एक्सई के खिलाफ चेतावनी जारी की है


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने XE वेरिएंट को लेकर कहा है कि यह अभी तक कोविड-19 के किसी भी स्वरूप के मुकाबले अधिक संक्रामक हो सकता है. हालांकि, यह कितना घातक हो सकता है इसकी बारे में अभी तक कुछ खास जानकारी नहीं मिल पाई है. गौरतलब है कि, एक्सई स्वरूप (XE Variant) ओमीक्रोन के दो उप-स्वरूपों बीए.1 और बीए.2 दोनों से मिलकर बना है.

गुजरात में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के उप-स्वरूप एक्सई का पहला मामला सामने आया है. मुंबई से वडोदरा आया एक व्यक्ति एक्सई स्वरूप से संक्रमित मिला है. इससे पहले मुंबई नगर निकाय के अधिकारियों ने कहा था कि फरवरी के अंत में दक्षिण अफ्रीका से आयी एक महिला मार्च में एक्सई स्वरूप से संक्रमित पायी गयी थी लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि नहीं की है.


मंत्रालय ने बुधवार शाम को कहा था कि मौजूदा साक्ष्य यह संकेत नहीं देते हैं कि यह एक्सई स्वरूप का मामला है. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा था, ‘भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंर्सोटियम (आईएनएसएसीओजी) विशेषज्ञों ने नमूने की फास्टक्यू फाइल का विश्लेषण किया और पाया कि मुंबई की महिला को संक्रमित करने वाले इस स्वरूप की जीनोमिक संरचना एक्सई स्वरूप की जीनोमिक संरचना के अनुरूप नहीं है.' सूत्रों ने बताया कि गुजरात से मिले एक्सई स्वरूप के नमूने का जीनोमिक विश्लेषण चल रहा है और नतीजे जल्द ही आने उम्मीद है.

WHO ने कही ये बात: कोरोना वायरस के वेरिएंट्स में ba.2 को सबसे ज्यादा संक्रामक माना जाता रहा है. लेकिन WHO के प्रारंभिक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि, ba.2 के मुकाबले XE वेरिएंट 9.8 ज्यादा संक्रामक है. क्योंकि, यह ओमिक्रोन के ba1 और ba2 स्वरूप में बदलाव से नया स्वरूप बना है. सबसे बड़ी बात की जांच के दौरान इसकी पहचान भी मुश्किल से होती है. इस कारण इसे स्टील्थ वेरिएंट कहा जाता है. WHO ने कहा है कि बदलाव के बाद बना वेरिएंट पहले के स्वरूपों से ज्यादा संक्रामक हो सकता है.



गुजरात से मिले कोरोना वायरस (Coronavirus) के एक्सई स्वरूप (XE Variant) के नमूने का जीनोम विश्लेषण चल रहा है और इसके नतीजे जल्द ही आने की उम्मीद है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने आज यानी शनिवार को इसकी जानकारी दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO, डब्ल्यूएचओ) ने सबसे पहले ब्रिटेन में पाए गए ओमीक्रोन के नए स्वरूप एक्सई के खिलाफ चेतावनी जारी की है


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने XE वेरिएंट को लेकर कहा है कि यह अभी तक कोविड-19 के किसी भी स्वरूप के मुकाबले अधिक संक्रामक हो सकता है. हालांकि, यह कितना घातक हो सकता है इसकी बारे में अभी तक कुछ खास जानकारी नहीं मिल पाई है. गौरतलब है कि, एक्सई स्वरूप (XE Variant) ओमीक्रोन के दो उप-स्वरूपों बीए.1 और बीए.2 दोनों से मिलकर बना है.

गुजरात में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के उप-स्वरूप एक्सई का पहला मामला सामने आया है. मुंबई से वडोदरा आया एक व्यक्ति एक्सई स्वरूप से संक्रमित मिला है. इससे पहले मुंबई नगर निकाय के अधिकारियों ने कहा था कि फरवरी के अंत में दक्षिण अफ्रीका से आयी एक महिला मार्च में एक्सई स्वरूप से संक्रमित पायी गयी थी लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि नहीं की है.


मंत्रालय ने बुधवार शाम को कहा था कि मौजूदा साक्ष्य यह संकेत नहीं देते हैं कि यह एक्सई स्वरूप का मामला है. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा था, ‘भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंर्सोटियम (आईएनएसएसीओजी) विशेषज्ञों ने नमूने की फास्टक्यू फाइल का विश्लेषण किया और पाया कि मुंबई की महिला को संक्रमित करने वाले इस स्वरूप की जीनोमिक संरचना एक्सई स्वरूप की जीनोमिक संरचना के अनुरूप नहीं है.' सूत्रों ने बताया कि गुजरात से मिले एक्सई स्वरूप के नमूने का जीनोमिक विश्लेषण चल रहा है और नतीजे जल्द ही आने उम्मीद है.

WHO ने कही ये बात: कोरोना वायरस के वेरिएंट्स में ba.2 को सबसे ज्यादा संक्रामक माना जाता रहा है. लेकिन WHO के प्रारंभिक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि, ba.2 के मुकाबले XE वेरिएंट 9.8 ज्यादा संक्रामक है. क्योंकि, यह ओमिक्रोन के ba1 और ba2 स्वरूप में बदलाव से नया स्वरूप बना है. सबसे बड़ी बात की जांच के दौरान इसकी पहचान भी मुश्किल से होती है. इस कारण इसे स्टील्थ वेरिएंट कहा जाता है. WHO ने कहा है कि बदलाव के बाद बना वेरिएंट पहले के स्वरूपों से ज्यादा संक्रामक हो सकता है.



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