Breaking News

news New Delhi ::: भारत में कोरोना की चौथी लहर शुरू! चार राज्यों के लिए अलर्ट जारी:

post

नई दिल्ली : पड़ोसी देश चीन के बाद अब भारत में भी कोरोना वायरस ने एक बार फिर अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कोरोना की चौथी लहर जून महीने के दौरान अपने चरम पर होगी. वैज्ञानिकों के अनुमान अब शायद सही साबित होता दिखाई दे रहा है. केंद्र सरकार की ओर से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना रोधी टीके की बूस्टर डोज (एहतियाती खुराक) लगाने संबंधी अनुमति दिए जाने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात वायरस के नए एक्सई वेरिएंट (XE Varient) का पहला मामला सामने आया है. इसके साथ ही, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने दिल्ली समेत चार राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है.

गुजरात में एक्सई वेरिएंट का पहला मामला आया सामने

अंग्रेजी के अखबार 'द हिंदू' की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि गुजरात में कोरोना वायरस के नए एक्सई वेरिएंट का पहला मामला सामने आया है. अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, उक्त अधिकारी ने यह भी बताया कि नया एक्सई वेरिएंट संक्रामक तो है, लेकिन वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से अधिक खतरनाक नहीं है.

सबसे पहले मुंबई ने दी नए वेरिएंट की सूचना

बताते चलें कि इसी हफ्ते मुंबई के स्थानीय निकाय बीएमसी ने फरवरी के दौरान अलग किए कोरोना वायरस के नमूनों में एक्सई वेरिएंट के होने की सूचना दी, लेकिन भारतीय सार्सकोव-2 जीनोम कंसोर्टियम (इन्सकॉग) स्थित अधिकारी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि भारत में एक्सई के नाम से कोरोना वायरस का कोई नया वेरिएंट सामने आया है.

मुंबई के वेरिएंट से मेल खाते हैं गुजरात के नमूने

एक व्यक्ति ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि गुजरात से एकत्र किए गए नमूनों को जीनोम सिक्वेंस टेस्ट के लिए एनसीडीसी भेजे गए हैं, लेकिन हमारे सामने जो वेरिएंट सामने आया है, वह मुंबई में पाए गए नए एक्सई वेरिएंट से अधिक मेल खाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात में भी इन्सकॉग का प्रयोगशाला है और गुजरात गुजरात जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र (जीबीआरसी) ने कथित तौर पर वायरस के इस नए एक्सई वेरिएंट की पुष्टि की है. हालांकि, जीबीआरसी लैब हेड माधवी जोशी ने इस मामले पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार किया है.


केंद्र ने चार राज्यों को किया अलर्ट

उधर, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने केरल, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और मिजोरम के लिए अलर्ट जारी किया है. उसने इन चारों राज्यों में कोरोना के मामलों को काबू में रखने के लिए अभी से ही एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है. उसकी ओर से इन राज्यों में कोरोना के दैनिक मामलों में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर सलाह दी गई है. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने चारों राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश को चिट्ठी लिखकर आगाह किया है.


कोरोना की जांच बढ़ाएं राज्य : राजेश भूषण

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों से कहा है कि कि चिंताजनक स्थिति वाले क्षेत्रों की नियमित निगरानी और लगातार कार्य अहम है और किसी भी तरह की लापरवाही महामारी प्रबंधन को लेकर अब तक मिली सफलता शून्य कर सकती है. चिट्ठी में राज्यों को पांच सूत्रीय रणनीति अपनाने की सलाह दी गई है, जिनमें जांच, पता करना, इलाज, टीकाकरण और कोविड-19 अनुकूल व्यवहार शामिल है. इसके साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की इस चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि जहां पर नए मामले आ रहे हैं, उन इलाकों की निगरानी जारी रखने और संक्रमण को रोकने की कोशिशों के प्रयास करने की जरूरत है और जहां संक्रमण के मामले आ रहे हैं, वहां पर उचित संख्या में जांच कराने की जरूरत है.



नई दिल्ली : पड़ोसी देश चीन के बाद अब भारत में भी कोरोना वायरस ने एक बार फिर अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कोरोना की चौथी लहर जून महीने के दौरान अपने चरम पर होगी. वैज्ञानिकों के अनुमान अब शायद सही साबित होता दिखाई दे रहा है. केंद्र सरकार की ओर से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना रोधी टीके की बूस्टर डोज (एहतियाती खुराक) लगाने संबंधी अनुमति दिए जाने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात वायरस के नए एक्सई वेरिएंट (XE Varient) का पहला मामला सामने आया है. इसके साथ ही, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने दिल्ली समेत चार राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है.

गुजरात में एक्सई वेरिएंट का पहला मामला आया सामने

अंग्रेजी के अखबार 'द हिंदू' की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि गुजरात में कोरोना वायरस के नए एक्सई वेरिएंट का पहला मामला सामने आया है. अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, उक्त अधिकारी ने यह भी बताया कि नया एक्सई वेरिएंट संक्रामक तो है, लेकिन वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से अधिक खतरनाक नहीं है.

सबसे पहले मुंबई ने दी नए वेरिएंट की सूचना

बताते चलें कि इसी हफ्ते मुंबई के स्थानीय निकाय बीएमसी ने फरवरी के दौरान अलग किए कोरोना वायरस के नमूनों में एक्सई वेरिएंट के होने की सूचना दी, लेकिन भारतीय सार्सकोव-2 जीनोम कंसोर्टियम (इन्सकॉग) स्थित अधिकारी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि भारत में एक्सई के नाम से कोरोना वायरस का कोई नया वेरिएंट सामने आया है.

मुंबई के वेरिएंट से मेल खाते हैं गुजरात के नमूने

एक व्यक्ति ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि गुजरात से एकत्र किए गए नमूनों को जीनोम सिक्वेंस टेस्ट के लिए एनसीडीसी भेजे गए हैं, लेकिन हमारे सामने जो वेरिएंट सामने आया है, वह मुंबई में पाए गए नए एक्सई वेरिएंट से अधिक मेल खाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात में भी इन्सकॉग का प्रयोगशाला है और गुजरात गुजरात जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र (जीबीआरसी) ने कथित तौर पर वायरस के इस नए एक्सई वेरिएंट की पुष्टि की है. हालांकि, जीबीआरसी लैब हेड माधवी जोशी ने इस मामले पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार किया है.


केंद्र ने चार राज्यों को किया अलर्ट

उधर, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने केरल, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और मिजोरम के लिए अलर्ट जारी किया है. उसने इन चारों राज्यों में कोरोना के मामलों को काबू में रखने के लिए अभी से ही एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है. उसकी ओर से इन राज्यों में कोरोना के दैनिक मामलों में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर सलाह दी गई है. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने चारों राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश को चिट्ठी लिखकर आगाह किया है.


कोरोना की जांच बढ़ाएं राज्य : राजेश भूषण

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों से कहा है कि कि चिंताजनक स्थिति वाले क्षेत्रों की नियमित निगरानी और लगातार कार्य अहम है और किसी भी तरह की लापरवाही महामारी प्रबंधन को लेकर अब तक मिली सफलता शून्य कर सकती है. चिट्ठी में राज्यों को पांच सूत्रीय रणनीति अपनाने की सलाह दी गई है, जिनमें जांच, पता करना, इलाज, टीकाकरण और कोविड-19 अनुकूल व्यवहार शामिल है. इसके साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की इस चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि जहां पर नए मामले आ रहे हैं, उन इलाकों की निगरानी जारी रखने और संक्रमण को रोकने की कोशिशों के प्रयास करने की जरूरत है और जहां संक्रमण के मामले आ रहे हैं, वहां पर उचित संख्या में जांच कराने की जरूरत है.



...
...
...
...
...
...
...
...
...
...
...
...
...