खरगोन, मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा के बाद राज्य की शिवराज सिंह चौहान एक्शन मोड में आ गई है। सोमवार को दंगाईयों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई है। शहर के संवेदनशील छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मकानों को तोड़ा गया है।
रविवार को हुए दंगे के बाद सोमवार को दंगाईयों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई है। शहर के संवेदनशील छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मकानों को तोड़ा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि रविवार को रामनवमीं पर शोभायात्रा निकालने के दौरान सम्प्रदायिक विवाद हो गया था। जिसमे दंगाईयो ने पथराव, आगजनी की घटना की थी। रात 3 बजे तक अलग-अलग हिस्सों में आगजनी हुई थी। साथ ही गोली लगने से खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी और 10 पुलिस कर्मी घायल हुए थे।
CM ने कही यह बात..
इस घटना को लेकर राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस हिंसा में शामिल आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें बख्सा नहीं जाएगी। सीएम ने कहा कि रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्यप्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है। यह दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।
छिन गई नौकरी
एक वरिष्ठ अफसर ने मीडिया को जानकारी दी है कि दंगाइयों के अवैध निर्माण को तोड़ा गया है। कुछ कर्मचारियों के शामिल होने का भी पता चला है, जिन्हें अभी सेवा से निकाल दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार दंगे में शामिल 4 शासकीय कर्मचारियों में से 3 की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। वहीं एक शासकीय कर्मचारी को सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई है। दंगाई की पहचान कर उनके घर बुलडोजर से ढाह दिये गये हैं।
इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। जिसके तहत यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में शामिल चार शासकीयकर्मियों में से तीन की सेवा समाप्त कर दी गई है। वही एक को सस्पेंड किया गया है।
नुकसान की भरपाई दंगाइयों से
खरगोन शहर में रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाएं हुईं। खरगोन के जिलाधिकारी अनुग्रह पी ने कहा कि पूरे खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सीएम ने कहा है कि सार्वजनिक और निजी दोनों संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई इन्हीं से की जाएगी।
कांग्रेस ने बनाई कमेटी
खरगोन के डीआईजी तिलक सिंह ने कहा है कि रविवार को रामनवमी जुलूस पर पथराव के बाद हमने 60-70 लोगों को हिरासत में लिया है। कुछ घर और गाड़ियों को भी दंगाइयों ने जला दिया था। एसपी को भी पांव में गोली लगी है। उनकी हालत अभी स्थिर है।
खरगोन मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने एक कमिटी बनाई बनाई है। इसमें पांच लोग हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ के निर्देश पर सज्जन सिंह वर्मा को अध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही कमिटी में पूर्व मंत्री मुकेश नायक, पूर्व मंत्री बाला बच्चन, पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शेख अलीम हैं।
खरगोन, मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा के बाद राज्य की शिवराज सिंह चौहान एक्शन मोड में आ गई है। सोमवार को दंगाईयों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई है। शहर के संवेदनशील छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मकानों को तोड़ा गया है।
रविवार को हुए दंगे के बाद सोमवार को दंगाईयों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई है। शहर के संवेदनशील छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मकानों को तोड़ा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि रविवार को रामनवमीं पर शोभायात्रा निकालने के दौरान सम्प्रदायिक विवाद हो गया था। जिसमे दंगाईयो ने पथराव, आगजनी की घटना की थी। रात 3 बजे तक अलग-अलग हिस्सों में आगजनी हुई थी। साथ ही गोली लगने से खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी और 10 पुलिस कर्मी घायल हुए थे।
CM ने कही यह बात..
इस घटना को लेकर राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस हिंसा में शामिल आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें बख्सा नहीं जाएगी। सीएम ने कहा कि रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्यप्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है। यह दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।
छिन गई नौकरी
एक वरिष्ठ अफसर ने मीडिया को जानकारी दी है कि दंगाइयों के अवैध निर्माण को तोड़ा गया है। कुछ कर्मचारियों के शामिल होने का भी पता चला है, जिन्हें अभी सेवा से निकाल दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार दंगे में शामिल 4 शासकीय कर्मचारियों में से 3 की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। वहीं एक शासकीय कर्मचारी को सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई है। दंगाई की पहचान कर उनके घर बुलडोजर से ढाह दिये गये हैं।
इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। जिसके तहत यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में शामिल चार शासकीयकर्मियों में से तीन की सेवा समाप्त कर दी गई है। वही एक को सस्पेंड किया गया है।
नुकसान की भरपाई दंगाइयों से
खरगोन शहर में रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाएं हुईं। खरगोन के जिलाधिकारी अनुग्रह पी ने कहा कि पूरे खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सीएम ने कहा है कि सार्वजनिक और निजी दोनों संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई इन्हीं से की जाएगी।
कांग्रेस ने बनाई कमेटी
खरगोन के डीआईजी तिलक सिंह ने कहा है कि रविवार को रामनवमी जुलूस पर पथराव के बाद हमने 60-70 लोगों को हिरासत में लिया है। कुछ घर और गाड़ियों को भी दंगाइयों ने जला दिया था। एसपी को भी पांव में गोली लगी है। उनकी हालत अभी स्थिर है।
खरगोन मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने एक कमिटी बनाई बनाई है। इसमें पांच लोग हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ के निर्देश पर सज्जन सिंह वर्मा को अध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही कमिटी में पूर्व मंत्री मुकेश नायक, पूर्व मंत्री बाला बच्चन, पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शेख अलीम हैं।