रायपुर । स्वामी आत्मानंद स्कूलों
में शिक्षा की गुणवत्ता को देखते हुए प्रवेश के लिए भारी मांग है। इसे
देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में
प्रवेश के लिए सीटें बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के
बाद हर कक्षा में 10 सीट बढ़ाकर 50 विद्यार्थियों के प्रवेश का आदेश जारी
कर दिया गया है। सीट तो बढ़ गई है पर यहां शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम
2009 की गाइडलाइन के अनुसार बच्चों की पढ़ाई करवाने की चुनौती होगी।
राजधानी
के पं. आरडी तिवारी स्कूल में एक कक्षा में अधिकतम 40 बच्चों के ही बैठने
के लिए जगह है। ऐसे में 10 अतिरिक्त बच्चों को बैठाने के लिए यहां अलग से
कक्ष भवन की जरूरत होगी। यदि यहां सेक्शन बांटकर पढ़ाई कराई जाती है तो
शिक्षक कम पड़ जाएंगे। कमोबेश यही हालात शहीद स्मारक अंग्रेजी उत्कृष्ट
विद्यालय की भी है। जब राजधानी में ही शिक्षकों की कमी और कक्षाएं कम पड़
रही हैं तो बाकी जगहों पर भी सुविधाओं का सहज ही अंदाजा लगाया सकते हैं।
ऐसे में शिक्षा विभाग को मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप यहां कक्षाएं
संचालित कराने के लिए व्यवस्था भी दुरुस्त करनी पड़ेगी।
रायपुर । स्वामी आत्मानंद स्कूलों
में शिक्षा की गुणवत्ता को देखते हुए प्रवेश के लिए भारी मांग है। इसे
देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में
प्रवेश के लिए सीटें बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के
बाद हर कक्षा में 10 सीट बढ़ाकर 50 विद्यार्थियों के प्रवेश का आदेश जारी
कर दिया गया है। सीट तो बढ़ गई है पर यहां शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम
2009 की गाइडलाइन के अनुसार बच्चों की पढ़ाई करवाने की चुनौती होगी।
राजधानी
के पं. आरडी तिवारी स्कूल में एक कक्षा में अधिकतम 40 बच्चों के ही बैठने
के लिए जगह है। ऐसे में 10 अतिरिक्त बच्चों को बैठाने के लिए यहां अलग से
कक्ष भवन की जरूरत होगी। यदि यहां सेक्शन बांटकर पढ़ाई कराई जाती है तो
शिक्षक कम पड़ जाएंगे। कमोबेश यही हालात शहीद स्मारक अंग्रेजी उत्कृष्ट
विद्यालय की भी है। जब राजधानी में ही शिक्षकों की कमी और कक्षाएं कम पड़
रही हैं तो बाकी जगहों पर भी सुविधाओं का सहज ही अंदाजा लगाया सकते हैं।
ऐसे में शिक्षा विभाग को मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप यहां कक्षाएं
संचालित कराने के लिए व्यवस्था भी दुरुस्त करनी पड़ेगी।