नई दिल्ली, दिल्ली के जहांगीरपुरी में आखिरकार बुलडोजर थम गए
हैं। शोभायात्रा पर पथराव के बाद यहां अवैध निर्माण को तोड़ने की शुरू हुई
कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट से दूसरी बार आए आदेश के बाद तुरंत रोक दिया
गया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्टे लगाए जाने की सूचना मीडिया के
माध्यम से आई थी, लेकिन अधिकारियों ने आदेश नहीं मिलने का हवाला देकर
कार्रवाई को जारी रखा था। सुप्रीम कोर्ट के दखल से पहले दर्जनों अवैध
निर्माण को ढहाया जा चुका था।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली
के दंगा प्रभावित जहांगीरपुरी क्षेत्र में शुरू होने वाले अतक्रिमण विरोधी
अभियान पर रोक लगाने का आदेश देते हुए दंगा मामलों के आरोपियों के मकान
तोड़ने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई पर सहमित दे दी है। मुख्य न्यायाधीश
एन. वी. रमाना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की खंडपीठ ने
वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल के विशेष उल्लेख पर यथास्थिति बनाए
रखने का आदेश दिया। खंडपीठ ने कहा, ''हम इस मामले को गुरुवार को सूचीबद्ध
करेंगे।''
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का आदेश अधिकारियों को नहीं मिला
तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई जारी रखी। इस बीच एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट
को जानकारी दी गई कि अतिक्रमण हटाने का काम नहीं रोका गया है। इस पर उच्चतम
न्यायालय ने एनडीएमसी के महापौर और दिल्ली पुलिस प्रमुख को जहांगीरपुरी
में विध्वंस रोकने के आदेश से अवगत कराने को कहा। कोर्ट ने तुरंत काम रोकने
का आदेश दिया। इसके बाद अधिकारियों ने बुलडोजर को थामने को कहा।
हर तरफ मलबे का ढेर
सुप्रीम
कोर्ट के दखल के बाद जब तक बुलडोजर पर ब्रेक लगाया जाता, दर्जनों अवैध
निर्माण को गिराया जा चुका था। एक साथ पहुंचे कई बुलडोजरों ने हर दिशा से
कार्रवाई शुरू कर दी थी। कई मकानों के सड़कों पर बने हिस्से को तोड़ा गया
तो कई दुकानों को भी ढहा दिया गया है। अब हर तरफ मलबे का ढेर नजर आ रहा है।
नई दिल्ली, दिल्ली के जहांगीरपुरी में आखिरकार बुलडोजर थम गए
हैं। शोभायात्रा पर पथराव के बाद यहां अवैध निर्माण को तोड़ने की शुरू हुई
कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट से दूसरी बार आए आदेश के बाद तुरंत रोक दिया
गया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्टे लगाए जाने की सूचना मीडिया के
माध्यम से आई थी, लेकिन अधिकारियों ने आदेश नहीं मिलने का हवाला देकर
कार्रवाई को जारी रखा था। सुप्रीम कोर्ट के दखल से पहले दर्जनों अवैध
निर्माण को ढहाया जा चुका था।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली
के दंगा प्रभावित जहांगीरपुरी क्षेत्र में शुरू होने वाले अतक्रिमण विरोधी
अभियान पर रोक लगाने का आदेश देते हुए दंगा मामलों के आरोपियों के मकान
तोड़ने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई पर सहमित दे दी है। मुख्य न्यायाधीश
एन. वी. रमाना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की खंडपीठ ने
वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल के विशेष उल्लेख पर यथास्थिति बनाए
रखने का आदेश दिया। खंडपीठ ने कहा, ''हम इस मामले को गुरुवार को सूचीबद्ध
करेंगे।''
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का आदेश अधिकारियों को नहीं मिला
तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई जारी रखी। इस बीच एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट
को जानकारी दी गई कि अतिक्रमण हटाने का काम नहीं रोका गया है। इस पर उच्चतम
न्यायालय ने एनडीएमसी के महापौर और दिल्ली पुलिस प्रमुख को जहांगीरपुरी
में विध्वंस रोकने के आदेश से अवगत कराने को कहा। कोर्ट ने तुरंत काम रोकने
का आदेश दिया। इसके बाद अधिकारियों ने बुलडोजर को थामने को कहा।
हर तरफ मलबे का ढेर
सुप्रीम
कोर्ट के दखल के बाद जब तक बुलडोजर पर ब्रेक लगाया जाता, दर्जनों अवैध
निर्माण को गिराया जा चुका था। एक साथ पहुंचे कई बुलडोजरों ने हर दिशा से
कार्रवाई शुरू कर दी थी। कई मकानों के सड़कों पर बने हिस्से को तोड़ा गया
तो कई दुकानों को भी ढहा दिया गया है। अब हर तरफ मलबे का ढेर नजर आ रहा है।