जगदलपुर। केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका
सिंह ने कहा बस्तर संभाग से सलवा जुडूम के दौर में नक्सल भय से पलायन कर
दूसरे राज्यों में जाकर विस्थापित जीवन जी रहे लोगों की घर वापसी के लिए
केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार की पूरी मदद करेगी। बुधवार को
केंद्रीय योजनाओं पर काम की समीक्षा के लिए सुकमा जा रही रेणुका सिंह ने
यहां जगदलपुर में मां दंतेश्वरी विमानतल में मीडिया से चर्चा करते हुए
बताया कि वह दो दिन हैदराबाद में थी। वहां उनकी तेलंगाना के गृह सचिव,
ट्राइबल सचिव आदि से बस्तर के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर से पलायन कर
तेलंगाना में विस्थापित के रूप में रह रहे आदिवासियो की स्थिति ओर उनकी
समस्याओं पर चर्चा हुई हैं। वहां इन्हें कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इनकी संख्या 55 हज़ार है।
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार इनकी घर वापसी का प्रयास कर रही है। पिछले
दिनों कुछ आदिवासी परिवार, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली आकर
उनसे मिले थे। इस मामले में केंद्र सरकार गंभीर है। रेणुका सिंह ने कहा केंद्र छत्तीसगढ़ सरकार का पूरा सहयोग करेगी। तेलंगाना
सरकार से भी चर्चा हुई है। केंद्रीय मंत्रियो के देश भर के पिछड़े जिलों के
दौरे की चर्चा करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण
आकांक्षि जिलों का दो साल विकास प्रभावित रहा है। इन जिलों जिनकी संख्या
देश मे 117 है में केंद्रीय योजनाओं के काम की प्रगति की समीक्षा के साथ ही
विकास को गति देने स्थानीय प्रशासन के साथ चर्चा के लिए केंद्रीय मंत्री
दौरा कर रहे है। देश में कुछ आदिवासी संगठनों की तरफ से अगला राष्ट्रपति आदिवासी वर्ग से
चुनने की मांग और रेणुका सिंह ने हंसते हुए कहा कि यह उनका विषय नही है।
इसके पूर्व हैदराबाद से नियमित विमान में जगदलपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर
भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया। एक घंटा सर्किट हाउस में रुकने के बाद
रेणुका सिंह सड़क मार्ग से सुकमा के लिए रवाना हो गई।
जगदलपुर। केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका
सिंह ने कहा बस्तर संभाग से सलवा जुडूम के दौर में नक्सल भय से पलायन कर
दूसरे राज्यों में जाकर विस्थापित जीवन जी रहे लोगों की घर वापसी के लिए
केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार की पूरी मदद करेगी। बुधवार को
केंद्रीय योजनाओं पर काम की समीक्षा के लिए सुकमा जा रही रेणुका सिंह ने
यहां जगदलपुर में मां दंतेश्वरी विमानतल में मीडिया से चर्चा करते हुए
बताया कि वह दो दिन हैदराबाद में थी। वहां उनकी तेलंगाना के गृह सचिव,
ट्राइबल सचिव आदि से बस्तर के सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर से पलायन कर
तेलंगाना में विस्थापित के रूप में रह रहे आदिवासियो की स्थिति ओर उनकी
समस्याओं पर चर्चा हुई हैं। वहां इन्हें कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इनकी संख्या 55 हज़ार है।
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार इनकी घर वापसी का प्रयास कर रही है। पिछले
दिनों कुछ आदिवासी परिवार, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली आकर
उनसे मिले थे। इस मामले में केंद्र सरकार गंभीर है। रेणुका सिंह ने कहा केंद्र छत्तीसगढ़ सरकार का पूरा सहयोग करेगी। तेलंगाना
सरकार से भी चर्चा हुई है। केंद्रीय मंत्रियो के देश भर के पिछड़े जिलों के
दौरे की चर्चा करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण
आकांक्षि जिलों का दो साल विकास प्रभावित रहा है। इन जिलों जिनकी संख्या
देश मे 117 है में केंद्रीय योजनाओं के काम की प्रगति की समीक्षा के साथ ही
विकास को गति देने स्थानीय प्रशासन के साथ चर्चा के लिए केंद्रीय मंत्री
दौरा कर रहे है। देश में कुछ आदिवासी संगठनों की तरफ से अगला राष्ट्रपति आदिवासी वर्ग से
चुनने की मांग और रेणुका सिंह ने हंसते हुए कहा कि यह उनका विषय नही है।
इसके पूर्व हैदराबाद से नियमित विमान में जगदलपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर
भाजपा नेताओं ने उनका स्वागत किया। एक घंटा सर्किट हाउस में रुकने के बाद
रेणुका सिंह सड़क मार्ग से सुकमा के लिए रवाना हो गई।