नोएडा | नोएडा के इतिहास की सबसे बड़ी चोरी में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। पुलिस ने चोरों को पकड़कर करोड़ों रुपये का माल बरामद कर लिया है और आरोपियों को जेल भी भेज दिया, लेकिन 10 माह बीतने के बाद भी अब तक पुलिस यह पता नहीं कर सकी है कि फ्लैट से चोरी हुआ 36 किलो सोना और छह करोड़ से अधिक की नकदी का मालिक कौन है। पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच जारी है।
पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए आयकर विभाग और ईडी को भी पत्र लिखा था, लेकिन अन्य विभागों ने इस मामले की जांच में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। करोड़ों के इस काले धन की पहेली आज भी उलझी हुई है कि आखिर किराये के फ्लैट में इतने बड़े पैमाने पर किसने करोड़ों की नकदी और सोने की ईंट छिपाकर रखी थीं। यह काला धन कहां से आया था, यह किसी हवाला कारोबार का हिस्सा था या फिर अन्य किसी माध्यम से इस रकम और सोने को यहां पर लाया गया था। यह अपनी तरह का पहला मामला है, जिसमें करोड़ों की नकदी और करोड़ों के सोने के बरामद हो जाने के बाद भी कोई भी यह दावेदारी करने को तैयार नहीं है कि यह सोना और नकदी उसकी थी।
ग्रेटर नोएडा की सिल्वर सिटी-2 सोसाइटी के फ्लैट नंबर-301 से अगस्त 2020 में चोरों ने 36 किलो सोना और छह करोड़ से अधिक की नकदी चुरा ली थी। इस चोरी का खुलासा नोएडा पुलिस ने 11 जून 2021 में छह आरोपियों को पकड़कर किया था। बताया गया था कि चोरी में दस आरोपी शामिल थे। अभी तक चोरों से पुलिस 17 किलो सोना और 57 लाख रुपये की नकदी समेत 12 करोड़ का माल बरामद कर चुकी है जिसमें नकदी की एफडी कराने के साथ ही सोने को कोषागार में जमा कराया जा चुका है।
इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों की जमानत हो चुकी है। आरोपियों की जमानत निरस्त कराने के लिए पुलिस न्यायालय में पैरवी कर रही है और उसकी अर्जी न्यायालय में डाल रखी है जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। पुलिस का प्रयास है कि इन आरोपियों को फिर से जेल भेजा जा सके।
पुलिस की छानबीन चल रही : अपर आयुक्त
अपर आयुक्त कानून और व्यवस्था लव कुमार ने कहा कि चोरी किया गया सोना और पैसा किसका था और इसका मालिक कौन है इसकी सच्चाई जानने के लिए राममूर्ति पांडेय और उसके बेटे किशलय पांडेय को पुलिस अनेक बार नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन वे अभी तक नहीं आए हैं। उनसे पूछताछ के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह पैसा किसका था। जिस फ्लैट से यह पैसा चोरी हुआ था, उसे उन्होंने ही किराये पर लिया हुआ था। चोरी की घटना के बाद पकड़े गये आरोपियों से हुई पूछताछ में भी इस रकम और सोने का उनका ही होने का दावा किया था। लेकिन अभी तक इस पैसे और सोने पर किसी ने अपनी दावेदारी नहीं की है।
गोपाल को माना सरगना
सबसे बड़ी चोरी की घटना में पुलिस गोपाल को सरगना मान रही है। गोपाल नोएडा पुलिस को चकमा देकर दिल्ली में पकड़ा गया था। पुलिस की मानें तो गोपाल ने ही पूरा गैंग बनाकर सबसे बड़ी चोरी की इस घटना को अंजाम दिया था। उसने चोरी के लिए सभी नए लड़कों को अपने गिरोह में शामिल किया था और यह उनकी पहली ही घटना थी। पुलिस की मानें तो गोपाल को किशलय पांडे के ड्राइवर सोने और नकदी की जानकारी दी थी।
ईडी भी कर रही मामले की तफ्तीश : जांच अधिकारी
इस घटना का जांच अधिकारी सेक्टर-20 थाना प्रभारी को बनाया गया है। उनका कहना है कि इस मामले की जांच पुलिस के साथ ही ईडी भी कर रही है। ईडी तथा पुलिस की जांच जारी है। यह करोड़ों का सोना और धन किसका था, उसका पता लगाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
नोएडा | नोएडा के इतिहास की सबसे बड़ी चोरी में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। पुलिस ने चोरों को पकड़कर करोड़ों रुपये का माल बरामद कर लिया है और आरोपियों को जेल भी भेज दिया, लेकिन 10 माह बीतने के बाद भी अब तक पुलिस यह पता नहीं कर सकी है कि फ्लैट से चोरी हुआ 36 किलो सोना और छह करोड़ से अधिक की नकदी का मालिक कौन है। पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच जारी है।
पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए आयकर विभाग और ईडी को भी पत्र लिखा था, लेकिन अन्य विभागों ने इस मामले की जांच में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। करोड़ों के इस काले धन की पहेली आज भी उलझी हुई है कि आखिर किराये के फ्लैट में इतने बड़े पैमाने पर किसने करोड़ों की नकदी और सोने की ईंट छिपाकर रखी थीं। यह काला धन कहां से आया था, यह किसी हवाला कारोबार का हिस्सा था या फिर अन्य किसी माध्यम से इस रकम और सोने को यहां पर लाया गया था। यह अपनी तरह का पहला मामला है, जिसमें करोड़ों की नकदी और करोड़ों के सोने के बरामद हो जाने के बाद भी कोई भी यह दावेदारी करने को तैयार नहीं है कि यह सोना और नकदी उसकी थी।
ग्रेटर नोएडा की सिल्वर सिटी-2 सोसाइटी के फ्लैट नंबर-301 से अगस्त 2020 में चोरों ने 36 किलो सोना और छह करोड़ से अधिक की नकदी चुरा ली थी। इस चोरी का खुलासा नोएडा पुलिस ने 11 जून 2021 में छह आरोपियों को पकड़कर किया था। बताया गया था कि चोरी में दस आरोपी शामिल थे। अभी तक चोरों से पुलिस 17 किलो सोना और 57 लाख रुपये की नकदी समेत 12 करोड़ का माल बरामद कर चुकी है जिसमें नकदी की एफडी कराने के साथ ही सोने को कोषागार में जमा कराया जा चुका है।
इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों की जमानत हो चुकी है। आरोपियों की जमानत निरस्त कराने के लिए पुलिस न्यायालय में पैरवी कर रही है और उसकी अर्जी न्यायालय में डाल रखी है जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। पुलिस का प्रयास है कि इन आरोपियों को फिर से जेल भेजा जा सके।
पुलिस की छानबीन चल रही : अपर आयुक्त
अपर आयुक्त कानून और व्यवस्था लव कुमार ने कहा कि चोरी किया गया सोना और पैसा किसका था और इसका मालिक कौन है इसकी सच्चाई जानने के लिए राममूर्ति पांडेय और उसके बेटे किशलय पांडेय को पुलिस अनेक बार नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन वे अभी तक नहीं आए हैं। उनसे पूछताछ के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह पैसा किसका था। जिस फ्लैट से यह पैसा चोरी हुआ था, उसे उन्होंने ही किराये पर लिया हुआ था। चोरी की घटना के बाद पकड़े गये आरोपियों से हुई पूछताछ में भी इस रकम और सोने का उनका ही होने का दावा किया था। लेकिन अभी तक इस पैसे और सोने पर किसी ने अपनी दावेदारी नहीं की है।
गोपाल को माना सरगना
सबसे बड़ी चोरी की घटना में पुलिस गोपाल को सरगना मान रही है। गोपाल नोएडा पुलिस को चकमा देकर दिल्ली में पकड़ा गया था। पुलिस की मानें तो गोपाल ने ही पूरा गैंग बनाकर सबसे बड़ी चोरी की इस घटना को अंजाम दिया था। उसने चोरी के लिए सभी नए लड़कों को अपने गिरोह में शामिल किया था और यह उनकी पहली ही घटना थी। पुलिस की मानें तो गोपाल को किशलय पांडे के ड्राइवर सोने और नकदी की जानकारी दी थी।
ईडी भी कर रही मामले की तफ्तीश : जांच अधिकारी
इस घटना का जांच अधिकारी सेक्टर-20 थाना प्रभारी को बनाया गया है। उनका कहना है कि इस मामले की जांच पुलिस के साथ ही ईडी भी कर रही है। ईडी तथा पुलिस की जांच जारी है। यह करोड़ों का सोना और धन किसका था, उसका पता लगाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।