रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दो सूत्रीय
मांगों को लेकर 41 दिनों से प्रदर्शन कर रहे विद्युत संविदा कर्मचारियों के
आंदोलन को पुलिस द्वारा बलपूर्वक दबाने का प्रयास किया जा रहा है। शनिवार
सुबह पुलिस ने धरनास्थल पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। 40
प्रदर्शनकारियाें को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया। इस दौरान पुलिस
धरनास्थल पर लगे पंडाल भी साथ ले गए। बताया जा रहा है कि पुलिस की
लाठीचार्ज में 15 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इससे पहले
शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर राजधानी में आंदोलनरत संविदा विद्युतकर्मी
मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले। लेकिन पुलिस बल ने स्मार्ट सिटी
कार्यालय के पास प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। प्रदर्शनकारी वहीं सड़क पर
बैठ गए। काफी समझाने के बाद भी प्रदर्शनकारी नहीं माने और रात भर रोड बाधित
कर सड़क पर बैठ गए जिससे आने जाने वालों को काफी परेशानी हुई। आला
अफसरों का कहना है कि आज सुबह आंदोलनकारी उग्र प्रदर्शन नारेबाज़ी करते
हुए अलग अलग टुकड़ों में होकर शासकीय संस्थान के घेराव का प्रयास करने लगे
जिसे पुलिस बल द्वारा रोका गया। बिना अनुमति आंदोलन कर रहे लोगों को खदेड़ा
गया। कुछ मुख्य लोगों को हिरासत में लेकर जेल परिसर ले जाया गया है।
प्रदर्शनकारियों पर आवागमन बाधित करने का अपराध दर्ज किया गया है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दो सूत्रीय
मांगों को लेकर 41 दिनों से प्रदर्शन कर रहे विद्युत संविदा कर्मचारियों के
आंदोलन को पुलिस द्वारा बलपूर्वक दबाने का प्रयास किया जा रहा है। शनिवार
सुबह पुलिस ने धरनास्थल पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। 40
प्रदर्शनकारियाें को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया। इस दौरान पुलिस
धरनास्थल पर लगे पंडाल भी साथ ले गए। बताया जा रहा है कि पुलिस की
लाठीचार्ज में 15 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इससे पहले
शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर राजधानी में आंदोलनरत संविदा विद्युतकर्मी
मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले। लेकिन पुलिस बल ने स्मार्ट सिटी
कार्यालय के पास प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। प्रदर्शनकारी वहीं सड़क पर
बैठ गए। काफी समझाने के बाद भी प्रदर्शनकारी नहीं माने और रात भर रोड बाधित
कर सड़क पर बैठ गए जिससे आने जाने वालों को काफी परेशानी हुई। आला
अफसरों का कहना है कि आज सुबह आंदोलनकारी उग्र प्रदर्शन नारेबाज़ी करते
हुए अलग अलग टुकड़ों में होकर शासकीय संस्थान के घेराव का प्रयास करने लगे
जिसे पुलिस बल द्वारा रोका गया। बिना अनुमति आंदोलन कर रहे लोगों को खदेड़ा
गया। कुछ मुख्य लोगों को हिरासत में लेकर जेल परिसर ले जाया गया है।
प्रदर्शनकारियों पर आवागमन बाधित करने का अपराध दर्ज किया गया है।