कोरबा। नौकरी व पुनर्वास की मांग लेकर आंदोलनरत भू- विस्थापितों ने
कुसमुंडा खदान पहुंच कर काम बंद करा दिए। इससे खदान में कामकाज बंद हो गया।
भू-विस्थापितों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा सकारात्मक पहल नहीं किए जाने
पर की वजह से खदान बंद कराने का निर्णय लेना पड़ा है। प्रबंधन से लंबित
रोजगार प्रकरणों के निराकरण करने तक खदान विस्तार के कार्य पर रोक लगाए। साउथ
इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुंडा खदान के भू- विस्थापित
31 अक्टूबर से लगातार महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष लगातार धरना दे रहे
हैं। इस बीच चार बार खदान बंद कराया और आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया, पर
प्रबंधन द्वारा अभी तक पात्र भू-विस्थापितों को नौकरी नहीं दी गई। भू-
विस्थापित रोजगार एकता संघ के बेनर तले 175 दिनों से धरना जारी है। किसान
सभा के सचिव प्रशांत ने बताया कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे के
प्रति गंभीर नहीं है, अधिकारियों का भू- विस्थापितों के साथ रवैया भी सही
नहीं है।
प्रबंधन भू- विस्थापितों को गुमराह कर आपस में लड़ाना चाहता है, इसमें
अधिकारी कभी कामयाब नहीं होंगे, भू-विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक
संघर्ष जारी रखेंगे। संघ के सचिव दामोदर ने कहना है कि प्रबंधन से लंबित
रोजगार प्रकरणों के निराकरण तक खदान विस्तार के कार्य पर तत्काल रोकने की
मांग करते हुए कुसमुंडा महाप्रबंधक के साथ जिला प्रशासन को भी ज्ञापन सौंपा
गया था। इसमें कहा गया था कि खदान विस्तार के कार्य को नहीं रोकने पर
भू-विस्थापित बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर खदान विस्तार के कार्य को
रोकेंगे। इसके बावजूद प्रबंधन ने कोई पहल नहीं की।
इसलिए मजबूरन खदान के अंदर उतर कर काम बंद कराना पड़ा। खदान में
भूविस्थापितों के उतरने से कामकाज बंद हो गया। स्थल पर एसईसीएल के अधिकारी
समेत पुलिस व सीआईएसएफ के जवान भी उपस्थित है। प्रबंधन समझाईश देने का
प्रयास कर रहा है, पर भूविस्थापित अपनी मांग पर अडे है। उनका कहना है कि
लंबे अरसे समस्या से अवगत कराया जा रहा है, पर अभी तक पहल नही की गई। पुन:
आश्वासन देकर मामला टाल दिया जाएगा।
इस मौके पर किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक
ने कहा कि विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर हजारों लोगों
को विस्थापित किया गया है, अपने पुनर्वास व रोजगार के लिए भू- विस्थापित
परिवार आज भी भटक रहे हैं। आंदोलन के दौरान राधेश्याम कश्यप, जय कौशिक,
दामोदर श्याम, दीपक साहू, बलराम कश्यप, मोहन कौशिक, रामप्रसाद, प्रेम,
अमरपाल ,बजरंग सोनी, बृजमोहन, शिवपाल, ठकराल, अशोक मिश्रा ,दीपक धीवर,
नूतन, हेमन प्रसाद ,रामेश्वर दास, रघुनंदन, बुधवारा बाई, लक्ष्मीन बाई के
साथ बड़ी संख्या में भू- विस्थापित उपस्थित रहे।
कोरबा। नौकरी व पुनर्वास की मांग लेकर आंदोलनरत भू- विस्थापितों ने
कुसमुंडा खदान पहुंच कर काम बंद करा दिए। इससे खदान में कामकाज बंद हो गया।
भू-विस्थापितों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा सकारात्मक पहल नहीं किए जाने
पर की वजह से खदान बंद कराने का निर्णय लेना पड़ा है। प्रबंधन से लंबित
रोजगार प्रकरणों के निराकरण करने तक खदान विस्तार के कार्य पर रोक लगाए। साउथ
इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुंडा खदान के भू- विस्थापित
31 अक्टूबर से लगातार महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष लगातार धरना दे रहे
हैं। इस बीच चार बार खदान बंद कराया और आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया, पर
प्रबंधन द्वारा अभी तक पात्र भू-विस्थापितों को नौकरी नहीं दी गई। भू-
विस्थापित रोजगार एकता संघ के बेनर तले 175 दिनों से धरना जारी है। किसान
सभा के सचिव प्रशांत ने बताया कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे के
प्रति गंभीर नहीं है, अधिकारियों का भू- विस्थापितों के साथ रवैया भी सही
नहीं है।
प्रबंधन भू- विस्थापितों को गुमराह कर आपस में लड़ाना चाहता है, इसमें
अधिकारी कभी कामयाब नहीं होंगे, भू-विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक
संघर्ष जारी रखेंगे। संघ के सचिव दामोदर ने कहना है कि प्रबंधन से लंबित
रोजगार प्रकरणों के निराकरण तक खदान विस्तार के कार्य पर तत्काल रोकने की
मांग करते हुए कुसमुंडा महाप्रबंधक के साथ जिला प्रशासन को भी ज्ञापन सौंपा
गया था। इसमें कहा गया था कि खदान विस्तार के कार्य को नहीं रोकने पर
भू-विस्थापित बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर खदान विस्तार के कार्य को
रोकेंगे। इसके बावजूद प्रबंधन ने कोई पहल नहीं की।
इसलिए मजबूरन खदान के अंदर उतर कर काम बंद कराना पड़ा। खदान में
भूविस्थापितों के उतरने से कामकाज बंद हो गया। स्थल पर एसईसीएल के अधिकारी
समेत पुलिस व सीआईएसएफ के जवान भी उपस्थित है। प्रबंधन समझाईश देने का
प्रयास कर रहा है, पर भूविस्थापित अपनी मांग पर अडे है। उनका कहना है कि
लंबे अरसे समस्या से अवगत कराया जा रहा है, पर अभी तक पहल नही की गई। पुन:
आश्वासन देकर मामला टाल दिया जाएगा।
इस मौके पर किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक
ने कहा कि विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर हजारों लोगों
को विस्थापित किया गया है, अपने पुनर्वास व रोजगार के लिए भू- विस्थापित
परिवार आज भी भटक रहे हैं। आंदोलन के दौरान राधेश्याम कश्यप, जय कौशिक,
दामोदर श्याम, दीपक साहू, बलराम कश्यप, मोहन कौशिक, रामप्रसाद, प्रेम,
अमरपाल ,बजरंग सोनी, बृजमोहन, शिवपाल, ठकराल, अशोक मिश्रा ,दीपक धीवर,
नूतन, हेमन प्रसाद ,रामेश्वर दास, रघुनंदन, बुधवारा बाई, लक्ष्मीन बाई के
साथ बड़ी संख्या में भू- विस्थापित उपस्थित रहे।