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News Durg:: रिसाली के 17 वर्षीय देवेंद्र नेवी के लिये चुने गए, करेंगे देश की रक्षा:

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 दुर्ग। डीएमएफ मद के माध्यम से 40 बच्चों की कोचिंग
एनडीए के लिए जिला प्रशासन द्वारा आरंभ की गई थी। इसका बड़ा परिणाम आया है।
डिफेंस की सबसे बड़ी परीक्षा मानी जाने वाली एनडीए की कठिन परीक्षा को
रिसाली के छात्र देवेंद्र साहू ने उत्तीर्ण कर लिया है। देवेंद्र ने
सोमवार को कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे तथा डीईओ अभय जायसवाल से
मुलाकात की और जिला प्रशासन को इस सफलता के लिए श्रेय देते हुए धन्यवाद
दिया। कलेक्टर से चर्चा में देवेंद्र ने बताया कि एनडीए के लिए
तैयारी करने के समय वो काफी कन्फ्यूज था। बहुत सी किताबें थीं, बहुत सा
मटेरियल था। सौभाग्य यह हुआ कि इसी समय कोचिंग आरंभ हुई और कोचिंग में यह
बताया गया कि क्या पढ़ना है क्या नहीं पढ़ना है। देवेंद्र ने बताया कि मेरी
सफलता का श्रेय इस बात को है कि मुझे कोचिंग में पता चल गया था कि क्या
पढ़ना सही होता है। फिर मेरी मुश्किल आसान हो गई। मैंने कड़ी
मेहनत की और सफल हो गया।


अब मैं पुणे जा रहा हूं वहां से ट्रेनिंग के बाद
समंदर में इंडियन नेवी में देश की रक्षा करूंगा। देवेंद्र अभी 14 साल के
हैं। वे शकुंतला विद्यालय के छात्र हैं। उनके पिता प्राइवेट जाब में हैं और
मां हाउसवाइफ हैं। उल्लेखनीय है कि कोचिंग सितंबर माह में कलेक्टर डा.
सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में आरंभ हुई।  इसके पीछे अपर कलेक्टर नूपुर राशि पन्नाा का भी बड़ा योगदान रहा। वे
नियमित रूप से कक्षाओं की मानिटरिंग करती रहीं और समय.समय पर बच्चों को
मोटिवेट भी करती रहीं। यह कोचिंग सेक्टर- 6 में संचालित हो रही है। जिला
प्रशासन द्वारा ही देवेंद्र साहू को एसएसबी प्रशिक्षण के लिए देहरादून भेजा
गया था। वहां से उसकी राह आसान होती गई। अभी एनडीए की द्वितीय बैच संचालित
हो रही है। उल्लेखनीय यह भी है कि दुर्ग प्रदेश का पहला जिला है
जहां एनडीए के लिए छात्राओं की कोचिंग भी सबसे पहले आरंभ हुई। सबसे पहले जब
सुप्रीम कोर्ट ने छात्राओं को एनडीए प्रवेश की अनुमति दी। उसके तुरंत बाद
ही दुर्ग जिले में भी एनडीए की कोचिंग आरंभ हो गई। अब यहां छात्रों के साथ
छात्राएं भी कोचिंग कर सकेंगी। नडीए की कोचिंग की व्यवस्था हो जाने और इसकी लगातार मानिटरिंग की वजह से इस
क्षेत्र में सपने पूरे करने की दिशा में प्रतिभागियों की राह खुल गई है।
उल्लेखनीय है कि अभी 15 विषय विशेषज्ञ नियमित रूप से कोचिंग की मानिटरिंग
कर रहे हैं। इसके प्रभावी परिणाम आज देखने मिले हैं। उल्लेखनीय है कि एनडीए
परीक्षा के माध्यम से सेना के सर्वोच्च पदों तक पहुंचा जा सकता है।



 दुर्ग। डीएमएफ मद के माध्यम से 40 बच्चों की कोचिंग
एनडीए के लिए जिला प्रशासन द्वारा आरंभ की गई थी। इसका बड़ा परिणाम आया है।
डिफेंस की सबसे बड़ी परीक्षा मानी जाने वाली एनडीए की कठिन परीक्षा को
रिसाली के छात्र देवेंद्र साहू ने उत्तीर्ण कर लिया है। देवेंद्र ने
सोमवार को कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे तथा डीईओ अभय जायसवाल से
मुलाकात की और जिला प्रशासन को इस सफलता के लिए श्रेय देते हुए धन्यवाद
दिया। कलेक्टर से चर्चा में देवेंद्र ने बताया कि एनडीए के लिए
तैयारी करने के समय वो काफी कन्फ्यूज था। बहुत सी किताबें थीं, बहुत सा
मटेरियल था। सौभाग्य यह हुआ कि इसी समय कोचिंग आरंभ हुई और कोचिंग में यह
बताया गया कि क्या पढ़ना है क्या नहीं पढ़ना है। देवेंद्र ने बताया कि मेरी
सफलता का श्रेय इस बात को है कि मुझे कोचिंग में पता चल गया था कि क्या
पढ़ना सही होता है। फिर मेरी मुश्किल आसान हो गई। मैंने कड़ी
मेहनत की और सफल हो गया।


अब मैं पुणे जा रहा हूं वहां से ट्रेनिंग के बाद
समंदर में इंडियन नेवी में देश की रक्षा करूंगा। देवेंद्र अभी 14 साल के
हैं। वे शकुंतला विद्यालय के छात्र हैं। उनके पिता प्राइवेट जाब में हैं और
मां हाउसवाइफ हैं। उल्लेखनीय है कि कोचिंग सितंबर माह में कलेक्टर डा.
सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में आरंभ हुई।  इसके पीछे अपर कलेक्टर नूपुर राशि पन्नाा का भी बड़ा योगदान रहा। वे
नियमित रूप से कक्षाओं की मानिटरिंग करती रहीं और समय.समय पर बच्चों को
मोटिवेट भी करती रहीं। यह कोचिंग सेक्टर- 6 में संचालित हो रही है। जिला
प्रशासन द्वारा ही देवेंद्र साहू को एसएसबी प्रशिक्षण के लिए देहरादून भेजा
गया था। वहां से उसकी राह आसान होती गई। अभी एनडीए की द्वितीय बैच संचालित
हो रही है। उल्लेखनीय यह भी है कि दुर्ग प्रदेश का पहला जिला है
जहां एनडीए के लिए छात्राओं की कोचिंग भी सबसे पहले आरंभ हुई। सबसे पहले जब
सुप्रीम कोर्ट ने छात्राओं को एनडीए प्रवेश की अनुमति दी। उसके तुरंत बाद
ही दुर्ग जिले में भी एनडीए की कोचिंग आरंभ हो गई। अब यहां छात्रों के साथ
छात्राएं भी कोचिंग कर सकेंगी। नडीए की कोचिंग की व्यवस्था हो जाने और इसकी लगातार मानिटरिंग की वजह से इस
क्षेत्र में सपने पूरे करने की दिशा में प्रतिभागियों की राह खुल गई है।
उल्लेखनीय है कि अभी 15 विषय विशेषज्ञ नियमित रूप से कोचिंग की मानिटरिंग
कर रहे हैं। इसके प्रभावी परिणाम आज देखने मिले हैं। उल्लेखनीय है कि एनडीए
परीक्षा के माध्यम से सेना के सर्वोच्च पदों तक पहुंचा जा सकता है।



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