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News Raipur :: नया रायपुर किसान आंदोलन, संविदा विद्युत कर्मचारी आंदोलन को कुचलने में भूपेश सरकार का बर्बर, तानाशाहीपूर्ण, अमानवीय चेहरा सामने आया : बृजमोहन:

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रायपुर,24 अप्रैल। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि सोते हुए किसानों को, रात के अंधेरे में, उनके आंदोलन को कुचलने की कार्रवाई करना एवं कल विद्युत संविदा कर्मियों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए लाठी चार्ज की कार्रवाई करने में भूपेश सरकार का बर्बर, तानाशाहीपूर्ण एवं अमानवीय चेहरा सामने आया है। 

श्री अग्रवाल आज पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार अब बर्बर, तानाशाहीपूर्वक एवं विरोध को कुचलने की राजनीति पर उतर आई है। लोकतंत्र में प्रजातांत्रिक तरीके से सभी को अपनी मांग के लिए आंदोलन करने का अधिकार है। जनघोषणा पत्र में किए गए वादों के मुताबिक वादा पूरा कराने के लिए लोग आंदोलन कर रहे है। नया रायपुर में सोते हुए किसानों को मध्यरात्रि में जबरदस्ती उनके पंडाल को उखाड़ कर फेंकना एवं उनके आंदोलन को कुचलने की कार्यवाही करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

उनके साथ यह पहली बार नहीं हुआ है पिछले दिनों राहुल गांधी के प्रवास के दौरान भी उनके साथ ऐसी ही बर्बरता पूर्वक कार्रवाई की गई थी। वैसे ही कल विद्युत संविदा कर्मियों के आंदोलन को तोड़ने के लिए उन पर बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज किया गया एवं अत्याचार किया गया यह घोर निंदनीय है। इन कार्रवाइयों से सरकार का बर्बर, तानाशाहीपूर्ण एवं अमानवीय चेहरा जनता के सामने आ गया है। 


श्री अग्रवाल ने कहा कि किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी बात करने वाली सरकार अब उन पर हमला करने पर उतर आई है। प्रदेश की जनता, किसान, कर्मचारी, मितानिन, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सभी सड़कों पर हैं, क्या यही गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना है? छत्तीसगढ़ की जनता इसको बर्दाश्त नहीं करेगी और आने वाले समय में इसका जवाब देगी।



रायपुर,24 अप्रैल। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि सोते हुए किसानों को, रात के अंधेरे में, उनके आंदोलन को कुचलने की कार्रवाई करना एवं कल विद्युत संविदा कर्मियों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए लाठी चार्ज की कार्रवाई करने में भूपेश सरकार का बर्बर, तानाशाहीपूर्ण एवं अमानवीय चेहरा सामने आया है। 

श्री अग्रवाल आज पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार अब बर्बर, तानाशाहीपूर्वक एवं विरोध को कुचलने की राजनीति पर उतर आई है। लोकतंत्र में प्रजातांत्रिक तरीके से सभी को अपनी मांग के लिए आंदोलन करने का अधिकार है। जनघोषणा पत्र में किए गए वादों के मुताबिक वादा पूरा कराने के लिए लोग आंदोलन कर रहे है। नया रायपुर में सोते हुए किसानों को मध्यरात्रि में जबरदस्ती उनके पंडाल को उखाड़ कर फेंकना एवं उनके आंदोलन को कुचलने की कार्यवाही करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

उनके साथ यह पहली बार नहीं हुआ है पिछले दिनों राहुल गांधी के प्रवास के दौरान भी उनके साथ ऐसी ही बर्बरता पूर्वक कार्रवाई की गई थी। वैसे ही कल विद्युत संविदा कर्मियों के आंदोलन को तोड़ने के लिए उन पर बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज किया गया एवं अत्याचार किया गया यह घोर निंदनीय है। इन कार्रवाइयों से सरकार का बर्बर, तानाशाहीपूर्ण एवं अमानवीय चेहरा जनता के सामने आ गया है। 


श्री अग्रवाल ने कहा कि किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी बात करने वाली सरकार अब उन पर हमला करने पर उतर आई है। प्रदेश की जनता, किसान, कर्मचारी, मितानिन, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सभी सड़कों पर हैं, क्या यही गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना है? छत्तीसगढ़ की जनता इसको बर्दाश्त नहीं करेगी और आने वाले समय में इसका जवाब देगी।


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