रायपुर । पंडित रविशंकर शुक्ल
विश्वविद्यालय द्वारा किसानों की जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा भुगतान नहीं करने
पर जिला न्यायालय ने संपत्ति कुर्की के आदेश दिए। मंगलवार को प्रशासन की
टीम विश्वविद्यालय पहुंचकर कुलपति और रजिस्ट्रार के वाहन को कब्जे में लिए। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में 30 करोड़ की डिक्री जारी की गई।
तीन करोड रुपए वसूली के लिए डिक्री की प्रक्रिया की गई। वाहन को कब्जे में
लिए जाने के बाद अधिकारियों को निजी वाहन से आना पड़ा। बताया जा रहा है
2017 के मामले में मुआवजे का ब्याज करीब सात से आठ करोड रुपए हो चुका है। बताया
जा रहा है कि न्यायालय द्वारा आदेश के बाद यह प्रक्रिया महीनों से चल रही
थी लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा मुआवजे को लेकर इसी तरह की
कार्यवाही नहीं की जा रही थी। के माध्यम से समय-समय पर नोटिस भी दिए जा रहे
थे। मामला जस का तस पड़ा रहा। मामले
को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर के एल वर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट
का आदेश मिला है। विश्वविद्यालय के पास राशि नहीं होने की वजह से मुआवजे का
भुगतान नहीं किया जा सका है। शासन स्तर पर चर्चा कर मुआवजे को लेकर कोई
सार्थक कदम उठाएंगे। इधर
कोर्ट के आदेश के बाद हुई कार्रवाई को लेकर कर्मचारी संगठनों ने
विश्वविद्यालय की नीति पर सवाल उठाए हैं उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में
अराजकता व्याप्त है। एक और किसानों को मुआवजे की राशि नहीं दी गई दूसरी
तरफ पदोन्नति राशि कटौती समेत अन्य मुद्दों को लेकर लगातार मांग के बाद भी
कर्मचारियों के हित में कॉलेज प्रबंधन सार्थक कदम उठाते नहीं दिख रही। स्थिति यह है कि बार-बार धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। लेकिन आज तक
मांगों को पूरा नहीं किया गया। कर्मचारी संगठनों द्वारा आज 2:00 बजे आम सभा
का आयोजन किया गया है इसमें कर्मचारियों के मुद्दों समेत विश्वविद्यालय
हित में बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी।
रायपुर । पंडित रविशंकर शुक्ल
विश्वविद्यालय द्वारा किसानों की जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा भुगतान नहीं करने
पर जिला न्यायालय ने संपत्ति कुर्की के आदेश दिए। मंगलवार को प्रशासन की
टीम विश्वविद्यालय पहुंचकर कुलपति और रजिस्ट्रार के वाहन को कब्जे में लिए। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में 30 करोड़ की डिक्री जारी की गई।
तीन करोड रुपए वसूली के लिए डिक्री की प्रक्रिया की गई। वाहन को कब्जे में
लिए जाने के बाद अधिकारियों को निजी वाहन से आना पड़ा। बताया जा रहा है
2017 के मामले में मुआवजे का ब्याज करीब सात से आठ करोड रुपए हो चुका है। बताया
जा रहा है कि न्यायालय द्वारा आदेश के बाद यह प्रक्रिया महीनों से चल रही
थी लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा मुआवजे को लेकर इसी तरह की
कार्यवाही नहीं की जा रही थी। के माध्यम से समय-समय पर नोटिस भी दिए जा रहे
थे। मामला जस का तस पड़ा रहा। मामले
को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर के एल वर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट
का आदेश मिला है। विश्वविद्यालय के पास राशि नहीं होने की वजह से मुआवजे का
भुगतान नहीं किया जा सका है। शासन स्तर पर चर्चा कर मुआवजे को लेकर कोई
सार्थक कदम उठाएंगे। इधर
कोर्ट के आदेश के बाद हुई कार्रवाई को लेकर कर्मचारी संगठनों ने
विश्वविद्यालय की नीति पर सवाल उठाए हैं उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में
अराजकता व्याप्त है। एक और किसानों को मुआवजे की राशि नहीं दी गई दूसरी
तरफ पदोन्नति राशि कटौती समेत अन्य मुद्दों को लेकर लगातार मांग के बाद भी
कर्मचारियों के हित में कॉलेज प्रबंधन सार्थक कदम उठाते नहीं दिख रही। स्थिति यह है कि बार-बार धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। लेकिन आज तक
मांगों को पूरा नहीं किया गया। कर्मचारी संगठनों द्वारा आज 2:00 बजे आम सभा
का आयोजन किया गया है इसमें कर्मचारियों के मुद्दों समेत विश्वविद्यालय
हित में बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी।