रायपुर, छत्तीसगढ़ महिला आयोग में
अक्सर परिवारों के बीच हुए विवाद के मामले पहुंचते रहते हैं। ज्यादातर
मामले या तो पति लेकर आते हैं या फिर पत्नियां। मगर इस बार एक मुद्दा छोटे
बच्चे लेकर पहुंचे । 11 और 7 साल उम्र की दो बच्चियों ने अपनी मां को वापस
बुलाने की के लिए मदद की गुहार महिला आयोग में लगाई। यह मामला पति- पत्नी
के बीच हुई तकरार और शादीशुदा महिला के जीवन में दूसरे पुरुष के आ जाने से
जुड़ा हुआ है। महिला
आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक ने बताया कि 2 नाबालिग बच्चियों ने अपनी
मां को वापस बुलाने और मां को बैड अंकल से दूर रखने की बात लिखकर हमें एक
आवेदन दिया था। हैरानी जताते हुए डॉक्टर किरणमई नायक ने कहा कि ऐसा मामला
आयोग में पहली बार आया है, जब बच्चों ने इस तरह से आवेदन किया हो । यह
मामला बेहद संवेदनशील है हम इस पर काफी सतर्कता बरतते हुए इस मामले को
सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।
मां नगर निगम की कर्मचारी
जिस
महिला के लिए दो बच्चियों ने महिला आयोग में आवेदन दिया है वह रायपुर के
नगर निगम में काम करती है । इस शादीशुदा महिला के 3 बच्चे हैं। महिला अपने
डेढ़ साल के बेटे को लेकर किसी और पुरुष के साथ रहती है। इसके पति के पास
11 और 7 साल की दोनों बच्चियां रहती हैं। इन बच्चियों ने ही आयोग में अपनी
मां को वापस बुलाने के लिए आवेदन किया। आवेदन में बच्चों ने उस शख्स का बैड
अंकल लिखा है, जिसके साथ इन बच्चियों की मां पिछले 4 महीनों से रह रही है।
आवेदन
मिलने के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमई नायक ने नगर निगम में काम करने
वाली महिला को आयोग के दफ्तर बुलवाया । पता चला कि महिला और उसके पति के
बीच हुई अनबन के बाद महिला ने किसी और पुरुष का दामन थाम लिया। वो उसके पास
चली गई। पिछले 4 महीनों से छोटी बच्चियां अपनी मां के लिए तरस रही हैं ।
महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक ने बच्चियों की मां से कहा कि वह
वापस अपने घर को बसाने का प्रयास करें मगर महिला नहीं मानी। उसने कह दिया
कि यह उसका फैसला है अब वो पति और बेटियों के पास नहीं लौटेगी।
अब
महिला आयोग की तरफ से कहा गया है कि मामला तकनीकी रूप से बाल संरक्षण आयोग
से जुड़ा है। इस मामले में बच्चों के अधिकार और उनके संरक्षण के नियमों के
साथ कार्रवाई की जाएगी। मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए इस विषय को जिला
बाल संरक्षण अधिकारी को बताया गया है आवेदन से संबंधित दस्तावेज भी जिला
बाल संरक्षण जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दिए गए हैं। आगे की कार्रवाई अब
बाल आयोग करेगा। महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि मानवीय पहलू
को ध्यान में रखकर इस प्रकरण में आयोग सहयोग कर सकता है।
रायपुर, छत्तीसगढ़ महिला आयोग में
अक्सर परिवारों के बीच हुए विवाद के मामले पहुंचते रहते हैं। ज्यादातर
मामले या तो पति लेकर आते हैं या फिर पत्नियां। मगर इस बार एक मुद्दा छोटे
बच्चे लेकर पहुंचे । 11 और 7 साल उम्र की दो बच्चियों ने अपनी मां को वापस
बुलाने की के लिए मदद की गुहार महिला आयोग में लगाई। यह मामला पति- पत्नी
के बीच हुई तकरार और शादीशुदा महिला के जीवन में दूसरे पुरुष के आ जाने से
जुड़ा हुआ है। महिला
आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक ने बताया कि 2 नाबालिग बच्चियों ने अपनी
मां को वापस बुलाने और मां को बैड अंकल से दूर रखने की बात लिखकर हमें एक
आवेदन दिया था। हैरानी जताते हुए डॉक्टर किरणमई नायक ने कहा कि ऐसा मामला
आयोग में पहली बार आया है, जब बच्चों ने इस तरह से आवेदन किया हो । यह
मामला बेहद संवेदनशील है हम इस पर काफी सतर्कता बरतते हुए इस मामले को
सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।
मां नगर निगम की कर्मचारी
जिस
महिला के लिए दो बच्चियों ने महिला आयोग में आवेदन दिया है वह रायपुर के
नगर निगम में काम करती है । इस शादीशुदा महिला के 3 बच्चे हैं। महिला अपने
डेढ़ साल के बेटे को लेकर किसी और पुरुष के साथ रहती है। इसके पति के पास
11 और 7 साल की दोनों बच्चियां रहती हैं। इन बच्चियों ने ही आयोग में अपनी
मां को वापस बुलाने के लिए आवेदन किया। आवेदन में बच्चों ने उस शख्स का बैड
अंकल लिखा है, जिसके साथ इन बच्चियों की मां पिछले 4 महीनों से रह रही है।
आवेदन
मिलने के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमई नायक ने नगर निगम में काम करने
वाली महिला को आयोग के दफ्तर बुलवाया । पता चला कि महिला और उसके पति के
बीच हुई अनबन के बाद महिला ने किसी और पुरुष का दामन थाम लिया। वो उसके पास
चली गई। पिछले 4 महीनों से छोटी बच्चियां अपनी मां के लिए तरस रही हैं ।
महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक ने बच्चियों की मां से कहा कि वह
वापस अपने घर को बसाने का प्रयास करें मगर महिला नहीं मानी। उसने कह दिया
कि यह उसका फैसला है अब वो पति और बेटियों के पास नहीं लौटेगी।
अब
महिला आयोग की तरफ से कहा गया है कि मामला तकनीकी रूप से बाल संरक्षण आयोग
से जुड़ा है। इस मामले में बच्चों के अधिकार और उनके संरक्षण के नियमों के
साथ कार्रवाई की जाएगी। मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए इस विषय को जिला
बाल संरक्षण अधिकारी को बताया गया है आवेदन से संबंधित दस्तावेज भी जिला
बाल संरक्षण जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दिए गए हैं। आगे की कार्रवाई अब
बाल आयोग करेगा। महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि मानवीय पहलू
को ध्यान में रखकर इस प्रकरण में आयोग सहयोग कर सकता है।