रायपुर । पंचायत विभाग में हुई सब
इंजीनियर भर्ती घोटाले का जिन्न् 11 साल के बाद फिर से बाहर आ गया है।
सिविल लाइन पुलिस ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से वर्ष-2011 में हुई
उपयंत्रियों की भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों की जानकारियां मांगी
है। पुलिस ने विभाग को लिखे पत्र के माध्यम से अधिकारी का नाम, नंबर और
वर्तमान पदस्थापना के साथ, भर्ती के दौरान कौन-कौन से दस्तावेज जमा किए गए
थे, उसकी भी जानकारी मांगी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जानकारी
मिलने के बाद एक-एक व्यक्ति को नोटिस देकर थाने बुलाकर पूछताछ की जाएगी। बता
दें कि भर्ती प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा मंडल (व्यापमं) के माध्यम से की
गई थी। भर्ती के बाद ये आरोप लगा कि उप अभियंता, सिविल के पद पर भर्ती में
भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार हुुआ है। अपात्र को सब इंजीनियर बनाने और
पात्र को अपात्र बनाने को लेकर पीड़ित ने कोर्ट में परिवाद दायर की थी।
कोर्ट के आदेश के बाद सिविल लाइन पुलिस ने अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की
थी। इससे पहले 11 वर्षो तक के मामला शासन सहित पुलिस के पास फंसा रहा। बाद
में पीड़ित कोर्ट गए। कोर्ट के आदेश पर अब पुलिस ने विवेचना तेज की है।
रायपुर । पंचायत विभाग में हुई सब
इंजीनियर भर्ती घोटाले का जिन्न् 11 साल के बाद फिर से बाहर आ गया है।
सिविल लाइन पुलिस ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से वर्ष-2011 में हुई
उपयंत्रियों की भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों की जानकारियां मांगी
है। पुलिस ने विभाग को लिखे पत्र के माध्यम से अधिकारी का नाम, नंबर और
वर्तमान पदस्थापना के साथ, भर्ती के दौरान कौन-कौन से दस्तावेज जमा किए गए
थे, उसकी भी जानकारी मांगी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जानकारी
मिलने के बाद एक-एक व्यक्ति को नोटिस देकर थाने बुलाकर पूछताछ की जाएगी। बता
दें कि भर्ती प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा मंडल (व्यापमं) के माध्यम से की
गई थी। भर्ती के बाद ये आरोप लगा कि उप अभियंता, सिविल के पद पर भर्ती में
भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार हुुआ है। अपात्र को सब इंजीनियर बनाने और
पात्र को अपात्र बनाने को लेकर पीड़ित ने कोर्ट में परिवाद दायर की थी।
कोर्ट के आदेश के बाद सिविल लाइन पुलिस ने अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की
थी। इससे पहले 11 वर्षो तक के मामला शासन सहित पुलिस के पास फंसा रहा। बाद
में पीड़ित कोर्ट गए। कोर्ट के आदेश पर अब पुलिस ने विवेचना तेज की है।