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News Raipur : रायपुर में दुकानदारों की दादागिरी, सड़क को भी नहीं छोड़ रहे हैं:

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को बदनाम करने वाले उनके नाम का किस तरह सहारा लेते हैं इसे समझने के लिए स्मार्ट सिटी रायपुर के एमजी रोड पहुंचने की जरूरत है। एमजी अर्थात महात्मा गांधी। यहां के दुकानदारों का काम गांधीगीरी के ठीक उलट दादागीरी है। यहां इन्होंने सड़कों पर 10 से 15 फीट तक कब्जा जमा रखा है। दुकानदारों से बचे हुए फुटपाथ पर गाड़ियां खड़ी हो जाती हैं। यानी, फुटपाथ गायब है। साथ ही वाहनों के आवागमन के लिए सड़क के आधे हिस्से पर भी कब्जेबाजों ने दुकानें सजा रखी हैं। यह अलग से जांच का विषय है कि निगम के अधिकारी किसके दबाव में कब्जेबाजों के संरक्षक बने हुए हैं? फुटपाथ से वंचित लोग इसे रिश्वत का दबाव बताते हैं। कुछ निगम के नेताओं की राजनीति का भी दबाव मानते हैं।


नियमों के अनुसार, दुकान के भीतर तक ही सामान रखने की अनुमति है। दुकानों के बाहर तक सामान रखने और डिस्प्ले करने के खिलाफ बाजार नियमों के तहत कार्रवाई की जा सकती है। ऐसा करते पाए जाने पर सामानों की जब्ती के साथ केस दर्ज किया जा सकता है।

भाजपा पार्षद दल प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे ने कहा, जिस तरह से शहर में आबादी बढ़ रही है, उसके अनुसारसुविधाएं नहीं बढ़ाई जा सकी है। फुटपाथ पर कब्जे के लिए निगम के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी मोटी रकम वसूलते हैं। यह हालात बीते कई महीनों से हैं। इसलिए अवैध कब्जा नहीं हटाया जा सका है।





राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को बदनाम करने वाले उनके नाम का किस तरह सहारा लेते हैं इसे समझने के लिए स्मार्ट सिटी रायपुर के एमजी रोड पहुंचने की जरूरत है। एमजी अर्थात महात्मा गांधी। यहां के दुकानदारों का काम गांधीगीरी के ठीक उलट दादागीरी है। यहां इन्होंने सड़कों पर 10 से 15 फीट तक कब्जा जमा रखा है। दुकानदारों से बचे हुए फुटपाथ पर गाड़ियां खड़ी हो जाती हैं। यानी, फुटपाथ गायब है। साथ ही वाहनों के आवागमन के लिए सड़क के आधे हिस्से पर भी कब्जेबाजों ने दुकानें सजा रखी हैं। यह अलग से जांच का विषय है कि निगम के अधिकारी किसके दबाव में कब्जेबाजों के संरक्षक बने हुए हैं? फुटपाथ से वंचित लोग इसे रिश्वत का दबाव बताते हैं। कुछ निगम के नेताओं की राजनीति का भी दबाव मानते हैं।


नियमों के अनुसार, दुकान के भीतर तक ही सामान रखने की अनुमति है। दुकानों के बाहर तक सामान रखने और डिस्प्ले करने के खिलाफ बाजार नियमों के तहत कार्रवाई की जा सकती है। ऐसा करते पाए जाने पर सामानों की जब्ती के साथ केस दर्ज किया जा सकता है।

भाजपा पार्षद दल प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे ने कहा, जिस तरह से शहर में आबादी बढ़ रही है, उसके अनुसारसुविधाएं नहीं बढ़ाई जा सकी है। फुटपाथ पर कब्जे के लिए निगम के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी मोटी रकम वसूलते हैं। यह हालात बीते कई महीनों से हैं। इसलिए अवैध कब्जा नहीं हटाया जा सका है।





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