रायपुर, गर्मी के मौसम में अक्सर सड़क पर चल रही कार में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। पिछले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ समेत देश के अलग-अलग शहरों में दर्जनों कारों में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बीते सप्ताह राजनांदगांव जिले में एक्सीडेंट के बाद कार में आग लगने की वजह से पति पत्नी और उनकी तीन बेटियां जिंदा जल गईं थीं। इससे पहले जशपुर में भी एक महिला डॉक्टर अपने परिवार सहित जिंदा जल गई थी। ऐसी घटनाओं से लोगों को बचाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर सूरज कुमार मुक्ति ने एक अभियान की शुरुआत की है।
डॉक्टर सूरज कुमार मुक्ति अब स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को गर्मी के दिनों में कार को सुरक्षित रखने के तरीके बता रहे हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर सूरज, क्लास रूम से बाहर निकलकर पार्किंग में खड़ी कार को ही अपना ब्लैक बोर्ड बना लेते हैं और स्टूडेंट्स को बताते हैं कि कैसे कार को गर्मी के मौसम में हीट से बचाया जाए। उन्होंने इसके कुछ अहम टिप्स भी शेयर किए हैं।
डॉक्टर सूरज ने बताया कि कार गर्मी के दिनों में कुछ ज्यादा ही गर्म हो जाती है । वाहन अनुसंधान सुविधा के लिए किए गए टेस्ट के मुताबिक कई बार सूरज की गर्मी की वजह से कार की सतह, 195 डिग्री फॉरेनहाइट से भी ज्यादा गर्म हो जाती है। इससे कार के इंटरनल पार्ट्स को काफी नुकसान पहुंचता है और कई बार इन्हीं वजहों से गाड़ियों में आग लग जाती है।
यह हैं बचने के तरीके
सहायक प्रोफेसर ने बताया कि कार को बाहरी और अंदरूनी हिस्सों की सुरक्षा करते हुए आग लगने की घटना से बचाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि कार को छायादार जगह में पार्क किया जाए। कार साफ-सुथरी रहनी चाहिए और नियमित रूप से इसे धोते रहना चाहिए। इसके सभी पार्ट्स की सही तरीके से ऑयलिंग होनी चाहिए और टायर के प्रेशर को भी ठीक रखना बहुत जरूरी है।
गाड़ियों पर वैक्स
- कार की ऊपरी सतह पर गर्मी के दिनों में सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें बुरा असर डालती हैं। ऐसे में अगर कार पर वैक्स की कोटिंग की जाए तो कार की ऊपरी सतह को गर्म होने से बचाया जा सकता है, यह कार के पेंट को भी धूप में खराब होने से रोकता है।
टायर प्रेशर
- कार के टायर का प्रेशर भी ठीक होना बहुत जरूरी है। कई बार गर्म सड़क पर टायर में हवा का प्रेशर सही नहीं होने की वजह से टायर फट भी सकता है। इसके लिए यह देखना चाहिए कि टायर में दरार तो नहीं है, क्या वह पुराने हो गए हैं। इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
विंडशील्ड प्रोटेक्टर
- कार के अंदरूनी हिस्से को ठंडा रखने के लिए विंडशील्ड प्रोटेक्टर का इस्तेमाल करना चाहिए। खिड़कियों के लिए भी सनशेड मिलते हैं जो कपड़ों के होते हैं और खिड़कियों पर आसानी से लगाए जा सकते हैं।
कूलेंट
- कार के इंजन के लिए कूलेंट बेहद जरूरी है अगर यह खत्म हो जाए तो कार रास्ते में बंद हो सकती है। गर्मी के कारण कार के इंजन में हीट की वजह से आग लग जाती है। कूलेंट इंजन को ठंडा करने का काम करता है और इंजन को सीज होने से बचाता है, इसीलिए गर्मियों के दिनों में कूलेंट चेक करना जरूरी है। यह कम नहीं होना चाहिए।
एसी सर्विसिंग जरूरी
- गाड़ी के एयर कंडीशनर को हमेशा ठीक रखना बहुत जरूरी है । इससे अंदर कूलिंग तो बेहतर होगी ही साथ ही इसमें किसी भी तरह की खराबी अचानक आने से लोग बच सकते हैं। कई केस में देखा गया है कि एसी की प्रॉपर सर्विसिंग न होने की वजह से गाड़ियों में आग लग जाती है।
इंजन बेल्ट की जांच
- गाड़ियों के इंजन में लगने वाले बेल्ट गर्मियों के मौसम में अक्सर टूटने लगते हैं। ये कमजोर पड़ जाते हैं और इनमें घर्षण की वजह से आग लग सकती है । इसलिए इन्हें भी हमेशा जांचा जाना और इनका मेंटेनेंस जरूरी है।
रायपुर, गर्मी के मौसम में अक्सर सड़क पर चल रही कार में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। पिछले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ समेत देश के अलग-अलग शहरों में दर्जनों कारों में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बीते सप्ताह राजनांदगांव जिले में एक्सीडेंट के बाद कार में आग लगने की वजह से पति पत्नी और उनकी तीन बेटियां जिंदा जल गईं थीं। इससे पहले जशपुर में भी एक महिला डॉक्टर अपने परिवार सहित जिंदा जल गई थी। ऐसी घटनाओं से लोगों को बचाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर सूरज कुमार मुक्ति ने एक अभियान की शुरुआत की है।
डॉक्टर सूरज कुमार मुक्ति अब स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को गर्मी के दिनों में कार को सुरक्षित रखने के तरीके बता रहे हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर सूरज, क्लास रूम से बाहर निकलकर पार्किंग में खड़ी कार को ही अपना ब्लैक बोर्ड बना लेते हैं और स्टूडेंट्स को बताते हैं कि कैसे कार को गर्मी के मौसम में हीट से बचाया जाए। उन्होंने इसके कुछ अहम टिप्स भी शेयर किए हैं।
डॉक्टर सूरज ने बताया कि कार गर्मी के दिनों में कुछ ज्यादा ही गर्म हो जाती है । वाहन अनुसंधान सुविधा के लिए किए गए टेस्ट के मुताबिक कई बार सूरज की गर्मी की वजह से कार की सतह, 195 डिग्री फॉरेनहाइट से भी ज्यादा गर्म हो जाती है। इससे कार के इंटरनल पार्ट्स को काफी नुकसान पहुंचता है और कई बार इन्हीं वजहों से गाड़ियों में आग लग जाती है।
यह हैं बचने के तरीके
सहायक प्रोफेसर ने बताया कि कार को बाहरी और अंदरूनी हिस्सों की सुरक्षा करते हुए आग लगने की घटना से बचाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि कार को छायादार जगह में पार्क किया जाए। कार साफ-सुथरी रहनी चाहिए और नियमित रूप से इसे धोते रहना चाहिए। इसके सभी पार्ट्स की सही तरीके से ऑयलिंग होनी चाहिए और टायर के प्रेशर को भी ठीक रखना बहुत जरूरी है।
गाड़ियों पर वैक्स
- कार की ऊपरी सतह पर गर्मी के दिनों में सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें बुरा असर डालती हैं। ऐसे में अगर कार पर वैक्स की कोटिंग की जाए तो कार की ऊपरी सतह को गर्म होने से बचाया जा सकता है, यह कार के पेंट को भी धूप में खराब होने से रोकता है।
टायर प्रेशर
- कार के टायर का प्रेशर भी ठीक होना बहुत जरूरी है। कई बार गर्म सड़क पर टायर में हवा का प्रेशर सही नहीं होने की वजह से टायर फट भी सकता है। इसके लिए यह देखना चाहिए कि टायर में दरार तो नहीं है, क्या वह पुराने हो गए हैं। इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
विंडशील्ड प्रोटेक्टर
- कार के अंदरूनी हिस्से को ठंडा रखने के लिए विंडशील्ड प्रोटेक्टर का इस्तेमाल करना चाहिए। खिड़कियों के लिए भी सनशेड मिलते हैं जो कपड़ों के होते हैं और खिड़कियों पर आसानी से लगाए जा सकते हैं।
कूलेंट
- कार के इंजन के लिए कूलेंट बेहद जरूरी है अगर यह खत्म हो जाए तो कार रास्ते में बंद हो सकती है। गर्मी के कारण कार के इंजन में हीट की वजह से आग लग जाती है। कूलेंट इंजन को ठंडा करने का काम करता है और इंजन को सीज होने से बचाता है, इसीलिए गर्मियों के दिनों में कूलेंट चेक करना जरूरी है। यह कम नहीं होना चाहिए।
एसी सर्विसिंग जरूरी
- गाड़ी के एयर कंडीशनर को हमेशा ठीक रखना बहुत जरूरी है । इससे अंदर कूलिंग तो बेहतर होगी ही साथ ही इसमें किसी भी तरह की खराबी अचानक आने से लोग बच सकते हैं। कई केस में देखा गया है कि एसी की प्रॉपर सर्विसिंग न होने की वजह से गाड़ियों में आग लग जाती है।
इंजन बेल्ट की जांच
- गाड़ियों के इंजन में लगने वाले बेल्ट गर्मियों के मौसम में अक्सर टूटने लगते हैं। ये कमजोर पड़ जाते हैं और इनमें घर्षण की वजह से आग लग सकती है । इसलिए इन्हें भी हमेशा जांचा जाना और इनका मेंटेनेंस जरूरी है।