जांजगीर-चांपा। लक्ष्य से 8 प्रतिशत अधिक मकान टैक्स
वसूलने के बावजूद टैक्स वसूली में नपा जांजगीर-नैला की स्थिति इस साल काफी
खराब है क्योंकि अन्य टैक्स वसूली में नपा पिछड़ गई। वित्तीय वर्ष 2021 22
में ले-देकर 50 प्रतिशत ही टैक्स वसूली हुई। जबकि अप्रैल में 15 दिनों की
अतिरिक्त मोहलत भी मिली। बावजूद इसके चार करोड़ में से 2 करोड़ रुपए ही टैक्स
से पालिका के खाते में आए।
नगरपालिका द्वारा संपत्ति कर, समेतिक कर, जल कर, दुकान किराया, यूजर
चार्जेस व अन्य टैक्स की वसूली की जाती है। लेकिन हर बार पालिका टैक्स
वसूली में पीछे ही रहता है। इस बार भी टैक्स वसूली करने में पालिका का
राजस्व अमला इसमें पिछड़ जाता है। हालांकि इस बार मकान टैक्स वसूली करने में
काफी जोर दिया गया जिसके चलते पहली बार ऐसा हुआ है कि संपत्ति कर लक्ष्य
से ज्यादा वसूल हो गया। वित्तीय वर्ष 2021 22 में संपत्ति कर 83 लाख 58
हजार रुपए वसूलने का टारगेट रखा गया था जिसके विरुद्ध 90 लाख 85 हजार रुपए
वसूली हुई। वसूली का प्रतिशत 108 प्रतिशत रहा। बाकी अन्य टैक्स वसूली में
टारगेट का ले-देकर 60 प्रतिशत ही वसूली हुई। यही वजह है कि मकान टैक्स
वसूली में टारगेट से आगे चलने के बावजूद ओवरआल वसूली 51 प्रतिशत रही।
वित्तीय वर्ष 2021 22 में सभी टैक्स मिलाकर कुल 4 करोड़ 10 लाख 10 हजार रुपए
टैक्स वसूलना था जिसके विरुद्ध 15 अप्रैल तक की स्थिति में 2 करोड़ 1 लाख
13 हजार रुपए ही टैक्स वसूली हुई।
में यूजर चार्ज वसूली की स्थिति सबसे दयनीय है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन
के लिए घरों से कचरा उठाने के एवज में हर माह पालिका को यूजर चार्ज लेना है
लेकिन वसूली का काम महिला समूहों के भरोसे छोड़ दिए जाने से नाममात्र वसूली
होती है। यूजर चार्ज के रुप में 51 लाख 88 हजार रुपए वसूली का टारगेट रखा
गया था जिसमें ले-देकर मात्र 54 हजार रुपए ही वसूली हुई है। जबकि डोर टू
डोर कचरा कलेक्शन के लिए पालिका को माह में करीब 5 से 7 लाख रुपए खर्च वहन
करना पड़ता है। इसी तरह जलकर वसूली में स्थिति खराब है। 52 लाख 4 हजार रुपए
टारगेट के विरुद्ध 8 लाख 2 हजार रुपए ही टैक्स वसूली हुई।
जांजगीर-चांपा। लक्ष्य से 8 प्रतिशत अधिक मकान टैक्स
वसूलने के बावजूद टैक्स वसूली में नपा जांजगीर-नैला की स्थिति इस साल काफी
खराब है क्योंकि अन्य टैक्स वसूली में नपा पिछड़ गई। वित्तीय वर्ष 2021 22
में ले-देकर 50 प्रतिशत ही टैक्स वसूली हुई। जबकि अप्रैल में 15 दिनों की
अतिरिक्त मोहलत भी मिली। बावजूद इसके चार करोड़ में से 2 करोड़ रुपए ही टैक्स
से पालिका के खाते में आए।
नगरपालिका द्वारा संपत्ति कर, समेतिक कर, जल कर, दुकान किराया, यूजर
चार्जेस व अन्य टैक्स की वसूली की जाती है। लेकिन हर बार पालिका टैक्स
वसूली में पीछे ही रहता है। इस बार भी टैक्स वसूली करने में पालिका का
राजस्व अमला इसमें पिछड़ जाता है। हालांकि इस बार मकान टैक्स वसूली करने में
काफी जोर दिया गया जिसके चलते पहली बार ऐसा हुआ है कि संपत्ति कर लक्ष्य
से ज्यादा वसूल हो गया। वित्तीय वर्ष 2021 22 में संपत्ति कर 83 लाख 58
हजार रुपए वसूलने का टारगेट रखा गया था जिसके विरुद्ध 90 लाख 85 हजार रुपए
वसूली हुई। वसूली का प्रतिशत 108 प्रतिशत रहा। बाकी अन्य टैक्स वसूली में
टारगेट का ले-देकर 60 प्रतिशत ही वसूली हुई। यही वजह है कि मकान टैक्स
वसूली में टारगेट से आगे चलने के बावजूद ओवरआल वसूली 51 प्रतिशत रही।
वित्तीय वर्ष 2021 22 में सभी टैक्स मिलाकर कुल 4 करोड़ 10 लाख 10 हजार रुपए
टैक्स वसूलना था जिसके विरुद्ध 15 अप्रैल तक की स्थिति में 2 करोड़ 1 लाख
13 हजार रुपए ही टैक्स वसूली हुई।
में यूजर चार्ज वसूली की स्थिति सबसे दयनीय है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन
के लिए घरों से कचरा उठाने के एवज में हर माह पालिका को यूजर चार्ज लेना है
लेकिन वसूली का काम महिला समूहों के भरोसे छोड़ दिए जाने से नाममात्र वसूली
होती है। यूजर चार्ज के रुप में 51 लाख 88 हजार रुपए वसूली का टारगेट रखा
गया था जिसमें ले-देकर मात्र 54 हजार रुपए ही वसूली हुई है। जबकि डोर टू
डोर कचरा कलेक्शन के लिए पालिका को माह में करीब 5 से 7 लाख रुपए खर्च वहन
करना पड़ता है। इसी तरह जलकर वसूली में स्थिति खराब है। 52 लाख 4 हजार रुपए
टारगेट के विरुद्ध 8 लाख 2 हजार रुपए ही टैक्स वसूली हुई।