बस्तर कांकेर : महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा कांकेर जिले के प्रभारी
मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने आज जिला कार्यालय कांकेर में अधिकारियों की
बैठक लेकर शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा करते
हुए कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। जनसमस्या व
शिकायतों का त्वरित निराकरण किया जावे। प्रकरणों का निराकरण नियमानुसार
करते हुए लोगों को लाभान्वित किया जाये, प्रकरण नियमों के अनुरूप नहीं होने
पर हितग्राही को स्पष्ट रूप से बता दिया जाये ताकि उसे अनावश्यक भटकना न
पड़े। सभी विभागीय अधिकारी अपने दायित्वों का भली-भांति निर्वहन करते हुए
नागरिकों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करें।
प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया द्वारा बैठक में महात्मा
गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत संचालित कार्य एवं मजदूरी
भुगतान, नरवा कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक
योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम
विद्यालय, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन
कृषि मजदूर न्याय योजना, जल-जीवन मिशन, राजीव युवा मितान क्लब,
छात्रावास-आश्रम भवनों की मरम्मत इत्यादि की समीक्षा की गई एवं अधिकारियों
को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। कलेक्टर श्री चन्दन कुमार ने पावर
प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जिले में संचालित गतिविधियों, योजनाओं एवं
कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नरवा कार्यक्रम
के अंतर्गत प्रथम चरण में 2466 कार्य स्वीकृत किये गये, जिसमें से 2465
पूर्ण हो चुके हैं, द्वितीय चरण में 4814 कार्य स्वीकृत किये गये हैं,
जिसमें से 2480 कार्य पूर्ण हो चुके है, शेष कार्य प्रगति पर है। गोधन
न्याय योजनांतर्गत जिले के सभी गौठानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये
गये हैं तथा गौठानों को मल्टी एक्टीविटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा
रहा है, 389 गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है, जिससे वर्मी कम्पोस्ट
बनाये जा रहे हैं। अब तक 48 हजार 183 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया
जा चुका है। 290 आंगनबाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें से 47
भवन पूर्ण हो चुका है तथा शेष प्रगतिरत है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक
योजना के अंतर्गत जिले के 190 हाट-बाजारों में 02 लाख 17 हजार मरीजों का
उपचार कर लाभान्वित किया जा चुका है। इस योजनांतर्गत 75 डेडीकेटेड टीम
बनाया गया है, जो हाट-बाजारों में पहुंचकर मरीजों का उपचार करते हैं।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों तथा
गर्भवती व पोषक माताओं को पौष्टिक गर्म भोजन सुपोषण दूतों के माध्यम से
कोदो की खिचड़ी और रागी का हलवा प्रदान किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप
कुपोषण की दर में लगभग 13 प्रतिशत की कमी आई है।
प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने मातृ वंदना योजना के
क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए जिले के सभी पात्र हितग्राही को लाभान्वित
करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया।
घोटुल एवं देवगुड़ी निर्माण की समीक्षा भी बैठक में की गई, जिसमें बताया गया
कि जिले में डीएमएफ मद अंतर्गत 125 घोटुल एवं 186 देवगुड़ी स्वीकृत किये
गये हैं, जिनका निर्माण कार्य प्रगति पर है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन
कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत जिले के 07 हजार 124 हितग्राहियों को
लाभान्वित किया जा रहा है, अब तक दो किस्त प्राप्त हो चुके हैं। अनुसूचित
जाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम अंतर्गत जिले में 28 हजार 17
व्यक्ति वन अधिकार मान्यता पत्र, 06 हजार 327 सामुदायिक वन अधिकार तथा 383
वन संसाधन हक प्रदान किये गये हैं।
बस्तर कांकेर : महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा कांकेर जिले के प्रभारी
मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने आज जिला कार्यालय कांकेर में अधिकारियों की
बैठक लेकर शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा करते
हुए कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। जनसमस्या व
शिकायतों का त्वरित निराकरण किया जावे। प्रकरणों का निराकरण नियमानुसार
करते हुए लोगों को लाभान्वित किया जाये, प्रकरण नियमों के अनुरूप नहीं होने
पर हितग्राही को स्पष्ट रूप से बता दिया जाये ताकि उसे अनावश्यक भटकना न
पड़े। सभी विभागीय अधिकारी अपने दायित्वों का भली-भांति निर्वहन करते हुए
नागरिकों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करें।
प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया द्वारा बैठक में महात्मा
गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत संचालित कार्य एवं मजदूरी
भुगतान, नरवा कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक
योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम
विद्यालय, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन
कृषि मजदूर न्याय योजना, जल-जीवन मिशन, राजीव युवा मितान क्लब,
छात्रावास-आश्रम भवनों की मरम्मत इत्यादि की समीक्षा की गई एवं अधिकारियों
को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। कलेक्टर श्री चन्दन कुमार ने पावर
प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जिले में संचालित गतिविधियों, योजनाओं एवं
कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नरवा कार्यक्रम
के अंतर्गत प्रथम चरण में 2466 कार्य स्वीकृत किये गये, जिसमें से 2465
पूर्ण हो चुके हैं, द्वितीय चरण में 4814 कार्य स्वीकृत किये गये हैं,
जिसमें से 2480 कार्य पूर्ण हो चुके है, शेष कार्य प्रगति पर है। गोधन
न्याय योजनांतर्गत जिले के सभी गौठानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये
गये हैं तथा गौठानों को मल्टी एक्टीविटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा
रहा है, 389 गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है, जिससे वर्मी कम्पोस्ट
बनाये जा रहे हैं। अब तक 48 हजार 183 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया
जा चुका है। 290 आंगनबाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें से 47
भवन पूर्ण हो चुका है तथा शेष प्रगतिरत है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक
योजना के अंतर्गत जिले के 190 हाट-बाजारों में 02 लाख 17 हजार मरीजों का
उपचार कर लाभान्वित किया जा चुका है। इस योजनांतर्गत 75 डेडीकेटेड टीम
बनाया गया है, जो हाट-बाजारों में पहुंचकर मरीजों का उपचार करते हैं।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों तथा
गर्भवती व पोषक माताओं को पौष्टिक गर्म भोजन सुपोषण दूतों के माध्यम से
कोदो की खिचड़ी और रागी का हलवा प्रदान किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप
कुपोषण की दर में लगभग 13 प्रतिशत की कमी आई है।
प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने मातृ वंदना योजना के
क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए जिले के सभी पात्र हितग्राही को लाभान्वित
करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया।
घोटुल एवं देवगुड़ी निर्माण की समीक्षा भी बैठक में की गई, जिसमें बताया गया
कि जिले में डीएमएफ मद अंतर्गत 125 घोटुल एवं 186 देवगुड़ी स्वीकृत किये
गये हैं, जिनका निर्माण कार्य प्रगति पर है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन
कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत जिले के 07 हजार 124 हितग्राहियों को
लाभान्वित किया जा रहा है, अब तक दो किस्त प्राप्त हो चुके हैं। अनुसूचित
जाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम अंतर्गत जिले में 28 हजार 17
व्यक्ति वन अधिकार मान्यता पत्र, 06 हजार 327 सामुदायिक वन अधिकार तथा 383
वन संसाधन हक प्रदान किये गये हैं।