पीएम मोदी (PM Modi) का संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) एक बार फिर चर्चा में बना हुआ है. इस बार चर्चा की वजह है काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid). बता दें कि काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी सहित कई विग्रहों का सर्वे हो रहा है. ज्ञानवापी परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी मामले में दूसरा पक्ष अदालत पहुंच गया है. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पक्ष के वकीलों ने आपत्ति दाखिल कर कोर्ट कमिश्नर को बदलने की अर्जी दी है.
कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
बता दें क सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने प्रतिवादी के अधिवक्ताओं का आवेदन स्वीकार कर लिया है. मामले में दोपहर दो बजे से सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं ज्ञानवापी में सर्वे को देखते हुए पुलिस अलर्ट मोड में है. मस्जिद कमेटी पक्ष ने सर्वे कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाया है. दूसरे पक्ष के वकील ने कहा कि हम इस आदेश से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है. यहां वादी अधिवक्ता खुद खड़े होकर न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रहे हैं. वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रतिवादी पक्ष ने हमें बैरीकेडिंग के अंदर नहीं जाने दिया और हमें मना कर दिया.
सर्वे पर ओवौसी ने उठाए सवाल
वहीं इस मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कानून का उल्लंघन है. असदुद्दीन ओवैसी ओवैसी ने कहा कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का ऑर्डर 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है. उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह अधिनियम भारत की धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं की रक्षा करता है, जो कि संविधान की बुनियादी विशेषताओं में से एक है.
आज होगा बैरिकेडिंग के अंदर सर्वे
वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि, शनिवार को हम बैरिकेडिंग के अंदर जरूर जाएंगे. खासतौर से उस तहखाने तक जरूर जाएंगे. हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि कोर्ट कमिश्नर ने जिला मजिस्ट्रेट से बात करके बता दिया है कि कल (7 मई) हम लोग बैरीकेडिंग के अंदर जाएंगे. प्रतिवदी पक्ष ने हमें अंदर नहीं जाने दिया और वो सर्वे को लटकाना चाहते हैं. शनिवार को हम बैरीकेडिंग के अंदर जाएंगे और पूरे परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफ़ी करेंगे.
पीएम मोदी (PM Modi) का संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) एक बार फिर चर्चा में बना हुआ है. इस बार चर्चा की वजह है काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid). बता दें कि काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी सहित कई विग्रहों का सर्वे हो रहा है. ज्ञानवापी परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी मामले में दूसरा पक्ष अदालत पहुंच गया है. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पक्ष के वकीलों ने आपत्ति दाखिल कर कोर्ट कमिश्नर को बदलने की अर्जी दी है.
कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
बता दें क सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने प्रतिवादी के अधिवक्ताओं का आवेदन स्वीकार कर लिया है. मामले में दोपहर दो बजे से सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं ज्ञानवापी में सर्वे को देखते हुए पुलिस अलर्ट मोड में है. मस्जिद कमेटी पक्ष ने सर्वे कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाया है. दूसरे पक्ष के वकील ने कहा कि हम इस आदेश से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है. यहां वादी अधिवक्ता खुद खड़े होकर न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रहे हैं. वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रतिवादी पक्ष ने हमें बैरीकेडिंग के अंदर नहीं जाने दिया और हमें मना कर दिया.
सर्वे पर ओवौसी ने उठाए सवाल
वहीं इस मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कानून का उल्लंघन है. असदुद्दीन ओवैसी ओवैसी ने कहा कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का ऑर्डर 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है. उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह अधिनियम भारत की धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं की रक्षा करता है, जो कि संविधान की बुनियादी विशेषताओं में से एक है.
आज होगा बैरिकेडिंग के अंदर सर्वे
वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि, शनिवार को हम बैरिकेडिंग के अंदर जरूर जाएंगे. खासतौर से उस तहखाने तक जरूर जाएंगे. हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि कोर्ट कमिश्नर ने जिला मजिस्ट्रेट से बात करके बता दिया है कि कल (7 मई) हम लोग बैरीकेडिंग के अंदर जाएंगे. प्रतिवदी पक्ष ने हमें अंदर नहीं जाने दिया और वो सर्वे को लटकाना चाहते हैं. शनिवार को हम बैरीकेडिंग के अंदर जाएंगे और पूरे परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफ़ी करेंगे.