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News Jashpurnagar:: सरकारी अस्पतालों में जेनरिक दवा लिखना अनिवार्य:

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जशपुरनगर। जिला चिकित्सालय सहित जिले के सभी सरकारी
अस्पतालों में अब डाक्टरों के लिए जेनरिक दवा की पर्ची लिखना अनिवार्य कर
दिया गया है। कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने जिले के सभी चिकित्सा
अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए मरीजों की सुविधा के लिए कैपिटल लेटर में
जेनरिक मेडीसीन अनिवार्य रूप से लिखने की सख्त हिदायत दी है। कलेक्टर ने
कहा कि सभी डाक्टर पर्ची में दवा के जेनरिक नामों का अंग्रेजी के कैपिटल
लैटर्स में स्पष्ट अक्षरों में लिखेगें। निर्देश में डाक्टरों को कहा गया
है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिये कि दवा का पर्चा तथा दवाओं का
प्रयोग तर्क संगत हो और राज्य स्तर से प्राप्त समय समय पर दिये गये
निर्देशानुसार हो।कलेक्टर ने निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के
लिए कहा है उन्होंने अवहेलना पाए जाने पर आईएमसी के प्रावधानों के तहत
कार्रवाई की करने चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने जरूरतमंद
मरीजों के लिए सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश भर में जेनरिक दवा की
दुकानें खोली है। लेकिन डाक्टरों द्वारा जेनरिक दवा की अनुशंसा ना किए
जाने की लगातार शिकायत प्रदेश सरकार को मिल रही थी। इस पर सरकार व
स्वास्थ्य विभाग ने पर्ची में चिकित्सकों को जेनरिक दवा लिखे जाने का
निर्देश दिया था। वहीं पर्ची में घसीटा छाप अंग्रेजी से छुटकारा दिलाने के
लिए पर्ची में सुस्पष्ट कैपिटल लेटर का प्रयोग करने का निर्देश दिया है।
कलेक्टर रितेश अग्रवाल के इस पहल से जिले के मरीजों को महंगी दवाईयों से
छुटकारा मिलने के साथ ही चिकित्सकों के घसीटा छाप हेंड राइटिंग से मुक्ति
मिल सकेगी। इससे दवा खरीदने व इसके प्रयोग में मरीज व उनके स्वजनों को राहत
मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि शासन व प्रशासन के निर्देश के बाद भी
जिले में डाक्टर जेनरिक दवा नहीं लिख रहे हैं। इससे लोगों को महंगी दवाएं
खरीदनी पड़ रही है। जिससे उन्हें अतिरिक्त आर्थिक खर्च करना पड़ रहा है।
जिससे निम्न, मध्यमवर्गीय लोगों को परेशानी हो रही है।



जशपुरनगर। जिला चिकित्सालय सहित जिले के सभी सरकारी
अस्पतालों में अब डाक्टरों के लिए जेनरिक दवा की पर्ची लिखना अनिवार्य कर
दिया गया है। कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने जिले के सभी चिकित्सा
अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए मरीजों की सुविधा के लिए कैपिटल लेटर में
जेनरिक मेडीसीन अनिवार्य रूप से लिखने की सख्त हिदायत दी है। कलेक्टर ने
कहा कि सभी डाक्टर पर्ची में दवा के जेनरिक नामों का अंग्रेजी के कैपिटल
लैटर्स में स्पष्ट अक्षरों में लिखेगें। निर्देश में डाक्टरों को कहा गया
है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिये कि दवा का पर्चा तथा दवाओं का
प्रयोग तर्क संगत हो और राज्य स्तर से प्राप्त समय समय पर दिये गये
निर्देशानुसार हो।कलेक्टर ने निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के
लिए कहा है उन्होंने अवहेलना पाए जाने पर आईएमसी के प्रावधानों के तहत
कार्रवाई की करने चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने जरूरतमंद
मरीजों के लिए सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश भर में जेनरिक दवा की
दुकानें खोली है। लेकिन डाक्टरों द्वारा जेनरिक दवा की अनुशंसा ना किए
जाने की लगातार शिकायत प्रदेश सरकार को मिल रही थी। इस पर सरकार व
स्वास्थ्य विभाग ने पर्ची में चिकित्सकों को जेनरिक दवा लिखे जाने का
निर्देश दिया था। वहीं पर्ची में घसीटा छाप अंग्रेजी से छुटकारा दिलाने के
लिए पर्ची में सुस्पष्ट कैपिटल लेटर का प्रयोग करने का निर्देश दिया है।
कलेक्टर रितेश अग्रवाल के इस पहल से जिले के मरीजों को महंगी दवाईयों से
छुटकारा मिलने के साथ ही चिकित्सकों के घसीटा छाप हेंड राइटिंग से मुक्ति
मिल सकेगी। इससे दवा खरीदने व इसके प्रयोग में मरीज व उनके स्वजनों को राहत
मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि शासन व प्रशासन के निर्देश के बाद भी
जिले में डाक्टर जेनरिक दवा नहीं लिख रहे हैं। इससे लोगों को महंगी दवाएं
खरीदनी पड़ रही है। जिससे उन्हें अतिरिक्त आर्थिक खर्च करना पड़ रहा है।
जिससे निम्न, मध्यमवर्गीय लोगों को परेशानी हो रही है।



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