News Maharashtra:: वन विभाग ने बढ़ते हमलों के बाद तेंदुए को पकड़ा:

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महाराष्ट्र. चंद्रपुर जिले के दुर्गापुर इलाके में वन
विभाग के र्किमयों ने शुक्रवार को तड़के एक मादा तेंदुए को बेहोश कर पकड़
लिया। एक अधिकारी ने बताया कि मनुष्य-पशु के टकराव की बढ़ती घटनाओं को लेकर
ग्रामीणों द्वारा कुछ वन्यर्किमयों को कुछ घंटों तक ‘‘बंधक’’ बनाए जाने के
बाद मादा तेंदुए को पकड़ा गया है। इलाके में पिछले कुछ महीनों में तेंदुए के
हमले की घटनाओं ने स्थानीय निवासियों के बीच घबराहट और अशांति पैदा कर दी
थी। हाल में 10 मई को तेंदुए के हमले में एक लड़की घायल हो गयी थी।



इस घटना के बाद चंद्रपुर मंडल के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) ने तेंदुए को मारने के लिए देखते ही गोली चलाने के आदेश दिए थे। अधिकारी ने बताया कि चंद्रपुर वन रेंज के त्वरित मोचन बल (आरआरयू) और तडोबा
अंधेरी बाघ अभयारण्य (टीएटीआर) के त्वरित मोचन बल (आरआरटी) ने मादा तेंदुए
को पकड़ने के लिए अभियान चलाया। वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि एक तेंदुआ
दुर्गापुर में एक रिहायशी इलाके में घुस गया और उसने मंगलवार को आंगन में
खेल रही तीन साल की लड़की पर हमला कर दिया था। बच्ची की मां ने तेंदुए के
चंगुल से उसे छीनकर उसकी जान बचा ली थी। हमले में घायल हुई बच्ची अराक्षा
पोपवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।



बाद में घटनास्थल पर पहुंचे एक वन रेंजर और पांच अन्य र्किमयों को
गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार की रात को कुछ घंटे तक कथित तौर पर बंधक बना
लिया था। उन्होंने तेंदुए के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। इस
घटना से दुर्गापुर में तनाव पैदा हो गया और वन विभाग के साथ ही पुलिस कर्मी
ग्रामीणों को शांत कराने पहुंचे थे। बहरहाल, विभाग द्वारा तेंदुए को मारने
के लिए देखते ही गोली चलाने का आदेश देने के बाद ग्रामीणों ने पांच घंटे
बाद ‘‘बंधक’’ बनाए गए र्किमयों को छोड़ दिया था।



एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘शुक्रवार को तड़के तडोबा अंधेरी बाघ
अभयारण्य के आरआरटी और चंद्रपुर रेंज के आरआरयू ने दुर्गापुर जंगल इलाके से
तेंदुए को सफलतापूर्वक बेहोश कर पकड़ लिया।’’ सूत्रों ने बताया कि इलाके
में तेंदुओं के हमलों में अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गयी थी।
ये घटनाएं 17 फरवरी, 30 मार्च और एक मई को हुई थीं।



महाराष्ट्र. चंद्रपुर जिले के दुर्गापुर इलाके में वन
विभाग के र्किमयों ने शुक्रवार को तड़के एक मादा तेंदुए को बेहोश कर पकड़
लिया। एक अधिकारी ने बताया कि मनुष्य-पशु के टकराव की बढ़ती घटनाओं को लेकर
ग्रामीणों द्वारा कुछ वन्यर्किमयों को कुछ घंटों तक ‘‘बंधक’’ बनाए जाने के
बाद मादा तेंदुए को पकड़ा गया है। इलाके में पिछले कुछ महीनों में तेंदुए के
हमले की घटनाओं ने स्थानीय निवासियों के बीच घबराहट और अशांति पैदा कर दी
थी। हाल में 10 मई को तेंदुए के हमले में एक लड़की घायल हो गयी थी।



इस घटना के बाद चंद्रपुर मंडल के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) ने तेंदुए को मारने के लिए देखते ही गोली चलाने के आदेश दिए थे। अधिकारी ने बताया कि चंद्रपुर वन रेंज के त्वरित मोचन बल (आरआरयू) और तडोबा
अंधेरी बाघ अभयारण्य (टीएटीआर) के त्वरित मोचन बल (आरआरटी) ने मादा तेंदुए
को पकड़ने के लिए अभियान चलाया। वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि एक तेंदुआ
दुर्गापुर में एक रिहायशी इलाके में घुस गया और उसने मंगलवार को आंगन में
खेल रही तीन साल की लड़की पर हमला कर दिया था। बच्ची की मां ने तेंदुए के
चंगुल से उसे छीनकर उसकी जान बचा ली थी। हमले में घायल हुई बच्ची अराक्षा
पोपवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।



बाद में घटनास्थल पर पहुंचे एक वन रेंजर और पांच अन्य र्किमयों को
गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार की रात को कुछ घंटे तक कथित तौर पर बंधक बना
लिया था। उन्होंने तेंदुए के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। इस
घटना से दुर्गापुर में तनाव पैदा हो गया और वन विभाग के साथ ही पुलिस कर्मी
ग्रामीणों को शांत कराने पहुंचे थे। बहरहाल, विभाग द्वारा तेंदुए को मारने
के लिए देखते ही गोली चलाने का आदेश देने के बाद ग्रामीणों ने पांच घंटे
बाद ‘‘बंधक’’ बनाए गए र्किमयों को छोड़ दिया था।



एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘शुक्रवार को तड़के तडोबा अंधेरी बाघ
अभयारण्य के आरआरटी और चंद्रपुर रेंज के आरआरयू ने दुर्गापुर जंगल इलाके से
तेंदुए को सफलतापूर्वक बेहोश कर पकड़ लिया।’’ सूत्रों ने बताया कि इलाके
में तेंदुओं के हमलों में अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गयी थी।
ये घटनाएं 17 फरवरी, 30 मार्च और एक मई को हुई थीं।



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