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सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता:

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 राजांदगांव। छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला पुलिस की
टीम ने बोरतालाब-बागनदी के बीच भालूकोंहा के मुंजाल डोंगरी जंगल में नक्सली
डंप बरामद किया है। जिसमें दो किलो वजनी क्लेमोर माइंस के साथ अन्य
सामग्री डंप था। एरिया महाराष्ट्र के गोंदिया जिले की सरहद से लगा हुआ जंगल
है। इसी रास्ते को नक्सलियों की आवाजाही वाला मार्ग माना जाता है। आशंका
जताई जा रही है कि पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने यहां
माइंस लगाया था। वहीं अन्य इलेक्ट्रानिक सामान को भी डंप किया था। जिसकी
खबर मिलते ही पुलिस की संयुक्त टीम जंगल में पहुंचकर नक्सल डंप बरामद किया।
पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि बीते शुक्रवार की शाम सूचना मिलते
ही बागनदी और बोरतलाव पुलिस की संयुक्त टीम मुंजाल डोंगरी के जंगल गई थी।
पूरे जंगल में सर्चिंग की गई, जिसमें डंप बरामद हुआ है। नक्सल डंप की
सूचना मिलते ही बोरतलाव थाना से उप निरीक्षक पिल्लू राम मंडावी के नेतृत्व
में नक्सल सेल व बागनदी से आइटीबीपी एसी अभिषेक मधुकर, बागनदी थाना
प्रभारी केशरी चंद साहू के नेतृत्व में जिला बल व आईटीबीपी, बीडीएस की
अलग-अलग टीम तैयार कर भालूकोन्हा के मुंजाल डोंगरी जंगल में सर्चिंग करने
पहुंची। इसी रास्ते को नक्सलियों की आवाजाही वाला मार्ग माना जाता है।




 राजांदगांव। छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला पुलिस की
टीम ने बोरतालाब-बागनदी के बीच भालूकोंहा के मुंजाल डोंगरी जंगल में नक्सली
डंप बरामद किया है। जिसमें दो किलो वजनी क्लेमोर माइंस के साथ अन्य
सामग्री डंप था। एरिया महाराष्ट्र के गोंदिया जिले की सरहद से लगा हुआ जंगल
है। इसी रास्ते को नक्सलियों की आवाजाही वाला मार्ग माना जाता है। आशंका
जताई जा रही है कि पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने यहां
माइंस लगाया था। वहीं अन्य इलेक्ट्रानिक सामान को भी डंप किया था। जिसकी
खबर मिलते ही पुलिस की संयुक्त टीम जंगल में पहुंचकर नक्सल डंप बरामद किया।
पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि बीते शुक्रवार की शाम सूचना मिलते
ही बागनदी और बोरतलाव पुलिस की संयुक्त टीम मुंजाल डोंगरी के जंगल गई थी।
पूरे जंगल में सर्चिंग की गई, जिसमें डंप बरामद हुआ है। नक्सल डंप की
सूचना मिलते ही बोरतलाव थाना से उप निरीक्षक पिल्लू राम मंडावी के नेतृत्व
में नक्सल सेल व बागनदी से आइटीबीपी एसी अभिषेक मधुकर, बागनदी थाना
प्रभारी केशरी चंद साहू के नेतृत्व में जिला बल व आईटीबीपी, बीडीएस की
अलग-अलग टीम तैयार कर भालूकोन्हा के मुंजाल डोंगरी जंगल में सर्चिंग करने
पहुंची। इसी रास्ते को नक्सलियों की आवाजाही वाला मार्ग माना जाता है।




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