रायपुर। परिवहन विभाग ने ड्राइविंग
लाइसेंस में बदलाव करने का निर्णय लिया है। प्रदेशभर के परिवहन कार्यालयों
में 17 मई से क्यूआर कोड वाले ड्राइविंग लाइसेंस बनेंगे। इससे लाइसेंसधारी
की सारी जानकारी एक क्लिक में मिल जाएगी। साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस पर अब
मोबाइल नंबर दर्ज होगा, प्लास्टिक कार्ड की जगह पाली कार्बोनेट कार्ड में
छपेगा, जो टूटेगा नहीं। विभाग ने इस काम का जिम्मा कर्नाटक की एमसीटी
कार्ड्स एंड टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को 10 साल के लिए
सौंपा है। परिवहन विभाग के अधिकारी का कहना है कि मंगलवार से कार्ड पूरी
तरह से बदल जाएगा। ज्ञात हो कि प्रदेश में 60 लाख ड्राइविंग लाइसेंस और 55 लाख आरसी बुक हैं।
एक साल में करीब तीन लाख ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं। देशभर में ड्राइविंग
लाइसेंस का अलग-अलग प्रारूप और फांट इस्तेमाल किया जाता है। इसके चलते
दूसरे राज्यों की पुलिस को ड्राइविंग लाइसेंस की जांच करने में परेशानी
होती है। अलग-अलग प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस होने के चलते फर्जीवाड़ा का
भी खतरा बना रहता है। इस खतरे पर अंकुश लगाने के लिए ड्राविंग लाइसेंस
कार्ड से लेकर शब्दों तक में बदलाव किया जा रहा है। लाइसेंस कार्ड के
अक्षरों को लेजर से लिखा जाएगा। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार
अभी लाइसेंस शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दोपहिया-चारपहिया वाहन
के लिए निर्धारित 1050 रुपये शुल्क ही लिया जाएगा।
रायपुर। परिवहन विभाग ने ड्राइविंग
लाइसेंस में बदलाव करने का निर्णय लिया है। प्रदेशभर के परिवहन कार्यालयों
में 17 मई से क्यूआर कोड वाले ड्राइविंग लाइसेंस बनेंगे। इससे लाइसेंसधारी
की सारी जानकारी एक क्लिक में मिल जाएगी। साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस पर अब
मोबाइल नंबर दर्ज होगा, प्लास्टिक कार्ड की जगह पाली कार्बोनेट कार्ड में
छपेगा, जो टूटेगा नहीं। विभाग ने इस काम का जिम्मा कर्नाटक की एमसीटी
कार्ड्स एंड टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को 10 साल के लिए
सौंपा है। परिवहन विभाग के अधिकारी का कहना है कि मंगलवार से कार्ड पूरी
तरह से बदल जाएगा। ज्ञात हो कि प्रदेश में 60 लाख ड्राइविंग लाइसेंस और 55 लाख आरसी बुक हैं।
एक साल में करीब तीन लाख ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं। देशभर में ड्राइविंग
लाइसेंस का अलग-अलग प्रारूप और फांट इस्तेमाल किया जाता है। इसके चलते
दूसरे राज्यों की पुलिस को ड्राइविंग लाइसेंस की जांच करने में परेशानी
होती है। अलग-अलग प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस होने के चलते फर्जीवाड़ा का
भी खतरा बना रहता है। इस खतरे पर अंकुश लगाने के लिए ड्राविंग लाइसेंस
कार्ड से लेकर शब्दों तक में बदलाव किया जा रहा है। लाइसेंस कार्ड के
अक्षरों को लेजर से लिखा जाएगा। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार
अभी लाइसेंस शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दोपहिया-चारपहिया वाहन
के लिए निर्धारित 1050 रुपये शुल्क ही लिया जाएगा।