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News Ankara:: रूस को घेरने के अमेरिकी प्लान के बीच में आया तुर्की:

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अंकारा, फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने को लेकर रूस भड़का हुआ है। इस बीच तुर्की ने भी कुछ ऐसा कह दिया है जिससे अमेरिका परेशान हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने कहा है कि वह कुर्द आतंकियों पर अंकारा के रुख के कारण स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल होने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों में आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट रुख की कमी है स्वीडन आतंकी संगठनों के लिए एक घोंसला जैसा है।


लेकिन तुर्की फिनलैंड और स्वीडन के विरोध में क्यों है? 

एर्दोगन ने कहा है कि तुर्की नाटो में शामिल होने के लिए तुर्की पर 'प्रतिबंध' लगाने वाले देशों को इजाजत नहीं देगा। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि तुर्की का यह कदम नाटो सहयोगियों के खिलाफ एर्दोगन की गहरी नाराजगी का सबूत है। तुर्की नाटो देशों से कुर्द आतंकियों के बारे में अंकारा की चिंताओं को गंभीरता से नहीं लेने को लेकर चिंतित रहा है। तुर्की चाहता है कि नाटो देश तुक्री पर खतरे को स्वीकार करें और इसे लेकर गठबंधन में सामंजस्य स्थापित किया जाना चाहिए।


सिर्फ तुर्की के रोकने से रुक जाएगी फिनलैंड और स्वीडन की एंट्री?

बता दें कि तुर्की खुद नाटो का अहम सदस्य है और कोई भी देश नाटो में तभी शामिल हो सकता है जब सभी मौजूदा सदस्य सहमत हों।  ऐसे में तुर्की के समर्थन के बिना फिनलैंड और स्वीडन नाटो देश नहीं बन सकते हैं। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल किए जाने के आग्रह पर आपत्ति जताते हुए दोनों देशों पर आरोप लगाया कि उन्होंने कुर्दिश आतंकियों और अन्य उन समूहों पर ‘स्पष्ट’ रूख अख्तियार नहीं किया जिन्हें तुर्की आतंकवादी मानता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने तुर्की पर सैन्य प्रतिबंध लगाए। एर्दोआन ने यह भी आरोप लगाया कि दोनों देशों ने तुर्की में वांछित आतंकवादियों को प्रत्यर्पित करने से भी इनकार किया है। उन्होंने कहा कि हम उनके लिए ‘हां’ नहीं कह सकते हैं जिन्होंने नाटो में शामिल होने पर तुर्की पर प्रतिबंध लगाए हैं।



अंकारा, फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने को लेकर रूस भड़का हुआ है। इस बीच तुर्की ने भी कुछ ऐसा कह दिया है जिससे अमेरिका परेशान हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने कहा है कि वह कुर्द आतंकियों पर अंकारा के रुख के कारण स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल होने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों में आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट रुख की कमी है स्वीडन आतंकी संगठनों के लिए एक घोंसला जैसा है।


लेकिन तुर्की फिनलैंड और स्वीडन के विरोध में क्यों है? 

एर्दोगन ने कहा है कि तुर्की नाटो में शामिल होने के लिए तुर्की पर 'प्रतिबंध' लगाने वाले देशों को इजाजत नहीं देगा। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि तुर्की का यह कदम नाटो सहयोगियों के खिलाफ एर्दोगन की गहरी नाराजगी का सबूत है। तुर्की नाटो देशों से कुर्द आतंकियों के बारे में अंकारा की चिंताओं को गंभीरता से नहीं लेने को लेकर चिंतित रहा है। तुर्की चाहता है कि नाटो देश तुक्री पर खतरे को स्वीकार करें और इसे लेकर गठबंधन में सामंजस्य स्थापित किया जाना चाहिए।


सिर्फ तुर्की के रोकने से रुक जाएगी फिनलैंड और स्वीडन की एंट्री?

बता दें कि तुर्की खुद नाटो का अहम सदस्य है और कोई भी देश नाटो में तभी शामिल हो सकता है जब सभी मौजूदा सदस्य सहमत हों।  ऐसे में तुर्की के समर्थन के बिना फिनलैंड और स्वीडन नाटो देश नहीं बन सकते हैं। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल किए जाने के आग्रह पर आपत्ति जताते हुए दोनों देशों पर आरोप लगाया कि उन्होंने कुर्दिश आतंकियों और अन्य उन समूहों पर ‘स्पष्ट’ रूख अख्तियार नहीं किया जिन्हें तुर्की आतंकवादी मानता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने तुर्की पर सैन्य प्रतिबंध लगाए। एर्दोआन ने यह भी आरोप लगाया कि दोनों देशों ने तुर्की में वांछित आतंकवादियों को प्रत्यर्पित करने से भी इनकार किया है। उन्होंने कहा कि हम उनके लिए ‘हां’ नहीं कह सकते हैं जिन्होंने नाटो में शामिल होने पर तुर्की पर प्रतिबंध लगाए हैं।



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