रायपुर, संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ की पारंपरिक शिल्प व कलाओं पर 21 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर ‘आकार’ का आयोजन 23 मई से किया जाएगा। यह प्रशिक्षण शिविर 13 जून तक चलेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम सुबह 07 से 09 बजे तथा सायं 05 से 07 बजे तक दो पालियों में मंहत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर सिविल लाईन रायपुर में किया जा रहा है। गौरतलब है कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की पांरपरिक कला व विविध आयामों के संरक्षण एवं संवर्धन तथा व्यापक प्रचार-प्रसार और लोगों में रूचि जागृत करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष आकार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि पांरपरिक कलाओं में प्रशिक्षण लेने के इच्छुक प्रशिक्षु, पंजीयन शुल्क 100 रूपए कार्यालय में जमा कर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। विकलांग एवं अनाथ आश्रम के प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण शुल्क में छूट रहेगी। प्रशिक्षुकों को मधुबनी आर्ट, चित्रकला, रजवार भित्ती, नाटक, जापान पेपर कटिंग, क्ले आर्ट, पैरा आर्ट, ग्लास पेंटिंग, ड्राई फ्लावर मेँकिंग, धान ज्वेलरी मेकिंग, जूट शिल्य, फोक नृत्य, बोनसाई आदि विद्याओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिविर में वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी लगायी जाएगी। प्रशिक्षण शिविर से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए, संस्कृति एवं पुरातत्व, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर रायपुर के कार्यालयीन समय पर संस्कृति शाखा से प्राप्त कर सकते हैं अथवा विभागीय E-mail: depe.culture@gmail.com o Website- www.cgculture.in से भी जानकारी का अवलोकन कर सकते हैं। प्रशिक्षण के लिए आवेदन का प्रारूप भी क्वूदसवंक किया जा सकता है। प्रशिक्षण पश्चात् प्रशिक्षुओं द्वारा निर्मित कलाओं को समापन दिवस के अवसर पर परिसर में प्रदर्शित किया जायेगा तथा प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। उक्त आयोजन में कोविड 19 के दिशा-निर्देशों का ध्यान रखा जाएगा। अन्य जानकारी हेतु कार्यालयीन समय में फोन नं. 0771-2537404 पर संपर्क कर प्राप्त कर सकते है।
रायपुर, संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ की पारंपरिक शिल्प व कलाओं पर 21 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर ‘आकार’ का आयोजन 23 मई से किया जाएगा। यह प्रशिक्षण शिविर 13 जून तक चलेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम सुबह 07 से 09 बजे तथा सायं 05 से 07 बजे तक दो पालियों में मंहत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर सिविल लाईन रायपुर में किया जा रहा है। गौरतलब है कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की पांरपरिक कला व विविध आयामों के संरक्षण एवं संवर्धन तथा व्यापक प्रचार-प्रसार और लोगों में रूचि जागृत करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष आकार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि पांरपरिक कलाओं में प्रशिक्षण लेने के इच्छुक प्रशिक्षु, पंजीयन शुल्क 100 रूपए कार्यालय में जमा कर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। विकलांग एवं अनाथ आश्रम के प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण शुल्क में छूट रहेगी। प्रशिक्षुकों को मधुबनी आर्ट, चित्रकला, रजवार भित्ती, नाटक, जापान पेपर कटिंग, क्ले आर्ट, पैरा आर्ट, ग्लास पेंटिंग, ड्राई फ्लावर मेँकिंग, धान ज्वेलरी मेकिंग, जूट शिल्य, फोक नृत्य, बोनसाई आदि विद्याओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिविर में वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी लगायी जाएगी। प्रशिक्षण शिविर से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए, संस्कृति एवं पुरातत्व, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर रायपुर के कार्यालयीन समय पर संस्कृति शाखा से प्राप्त कर सकते हैं अथवा विभागीय E-mail: depe.culture@gmail.com o Website- www.cgculture.in से भी जानकारी का अवलोकन कर सकते हैं। प्रशिक्षण के लिए आवेदन का प्रारूप भी क्वूदसवंक किया जा सकता है। प्रशिक्षण पश्चात् प्रशिक्षुओं द्वारा निर्मित कलाओं को समापन दिवस के अवसर पर परिसर में प्रदर्शित किया जायेगा तथा प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। उक्त आयोजन में कोविड 19 के दिशा-निर्देशों का ध्यान रखा जाएगा। अन्य जानकारी हेतु कार्यालयीन समय में फोन नं. 0771-2537404 पर संपर्क कर प्राप्त कर सकते है।