लुटेरी सरकार में लूट की वारदातों की भरमार
प्रदेश की कानून व्यवस्था चौपट
रायपुर, 17 मई। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस अपराधीकरण को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रदेश तो दूर की बात है, राजधानी तक की कानून व्यवस्था नहीं सम्हल रही।
पूरा प्रदेश हत्या, चोरी, डकैती, लूट का अड्डा बन गया है। राजधानी में भीड़ भाड़ भरे सड़को में, चौक-चौराहों में खुलेआम चाकूबाजी व गोलियां चल रही है। छत्तीसगढ़ देश भर के अपराधियों की शरणस्थली बन गई है। वीआईपी रोड में युवक से लूट की वारदात के अगले रोज युवती के साथ लूट और गोली मारने की वारदात के बाद अब घर लौट रहे कारोबारी को घायल कर 50 लाख रुपये की लूट की सनसनीखेज वारदात बता रही है कि लूटमार संस्कृति की सरकार में लूट की वारदातों की भरमार है। हर प्रकार के अपराध बढ़ गए हैं।
भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ में बदल दिया गया है। मुख्यमंत्री स्वयं कानून व्यवस्था चौपट करने के जिम्मेदार हैं। पुलिस अपराधियों के ऊपर लगाम कसने के बजाय राजनैतिक गतिविधियों में व सरकार के लिए वसूली में व्यस्त है। पुलिस विभाग ने जब तक अधिकारियों की पदस्थापना बोली लगाकर की जाएगी तब तक कानून व्यवस्था ऐसी ही चौपट रहेगी।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि काबिल पुलिस अफसर के बजाय बोली लगाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिन अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है, वे सरकार की कसौटी पर भले ही खरे उतर रहे हों लेकिन प्रदेश की लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था और अपराधों की बाढ़ यह स्पष्ट कर रही है कि पुलिस की कार्यप्रणाली सरकार के रंग में रंग गई है। अपराधी तत्वों में कानून व पुलिस का कोई खौफ नहीं है। अपराधी तत्वों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है और पुलिस का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है। पुलिस को उसका मूल काम करने नहीं दिया जाता। छत्तीसगढ़ पुलिस सामाजिक सुरक्षा की बजाय राजनीतिक विरोधियों के दमन के काम में लगा दी गई है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार अपराधियों को संरक्षण देने तथा बदले की भावना से राजनीतिक विरोधियों को दबाने में पहले दिन से ही लगी हुई थी, अब तो भूपेश बघेल ने आपातकाल भी लगा दिया है। कर्मचारी से लेकर जनता तक इस सरकार के अत्याचार का प्रतिकार न कर सके, इसके लिए काला कानून का 19 बिंदुओं का आदेश जारी किया गया है। अर्थव्यवस्था के साथ साथ छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था का कबाड़ा करने वाली बेशर्म सरकार का रिपोर्ट कार्ड हर दिन बढ़ रहे अपराधों के जरिये सामने आ रहा है।
लुटेरी सरकार में लूट की वारदातों की भरमार
प्रदेश की कानून व्यवस्था चौपट
रायपुर, 17 मई। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस अपराधीकरण को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रदेश तो दूर की बात है, राजधानी तक की कानून व्यवस्था नहीं सम्हल रही।
पूरा प्रदेश हत्या, चोरी, डकैती, लूट का अड्डा बन गया है। राजधानी में भीड़ भाड़ भरे सड़को में, चौक-चौराहों में खुलेआम चाकूबाजी व गोलियां चल रही है। छत्तीसगढ़ देश भर के अपराधियों की शरणस्थली बन गई है। वीआईपी रोड में युवक से लूट की वारदात के अगले रोज युवती के साथ लूट और गोली मारने की वारदात के बाद अब घर लौट रहे कारोबारी को घायल कर 50 लाख रुपये की लूट की सनसनीखेज वारदात बता रही है कि लूटमार संस्कृति की सरकार में लूट की वारदातों की भरमार है। हर प्रकार के अपराध बढ़ गए हैं।
भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ में बदल दिया गया है। मुख्यमंत्री स्वयं कानून व्यवस्था चौपट करने के जिम्मेदार हैं। पुलिस अपराधियों के ऊपर लगाम कसने के बजाय राजनैतिक गतिविधियों में व सरकार के लिए वसूली में व्यस्त है। पुलिस विभाग ने जब तक अधिकारियों की पदस्थापना बोली लगाकर की जाएगी तब तक कानून व्यवस्था ऐसी ही चौपट रहेगी।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि काबिल पुलिस अफसर के बजाय बोली लगाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिन अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है, वे सरकार की कसौटी पर भले ही खरे उतर रहे हों लेकिन प्रदेश की लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था और अपराधों की बाढ़ यह स्पष्ट कर रही है कि पुलिस की कार्यप्रणाली सरकार के रंग में रंग गई है। अपराधी तत्वों में कानून व पुलिस का कोई खौफ नहीं है। अपराधी तत्वों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है और पुलिस का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है। पुलिस को उसका मूल काम करने नहीं दिया जाता। छत्तीसगढ़ पुलिस सामाजिक सुरक्षा की बजाय राजनीतिक विरोधियों के दमन के काम में लगा दी गई है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार अपराधियों को संरक्षण देने तथा बदले की भावना से राजनीतिक विरोधियों को दबाने में पहले दिन से ही लगी हुई थी, अब तो भूपेश बघेल ने आपातकाल भी लगा दिया है। कर्मचारी से लेकर जनता तक इस सरकार के अत्याचार का प्रतिकार न कर सके, इसके लिए काला कानून का 19 बिंदुओं का आदेश जारी किया गया है। अर्थव्यवस्था के साथ साथ छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था का कबाड़ा करने वाली बेशर्म सरकार का रिपोर्ट कार्ड हर दिन बढ़ रहे अपराधों के जरिये सामने आ रहा है।