News Raipur :: मैट्स यूनिवर्सिटी के जनसम्पर्क अधिकारी Meghanadhudu Katabathuni नहीं रिसीव करते हैं फ़ोन:

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प्रदेश के प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों में से एक मैट्स विश्वविद्यालय का एक अलग ही नाम व पहचान है जो वर्षों के मेहनत के बाद खुद को एस्टेब्लिश किये हैं। रायपुर के पंडरी बस स्टैंड के पास स्थित मैट्स विश्वविद्यालय का क्रेज , रिजल्ट, प्लेसमेंट व आदि विद्यार्थियों को अनायास ही उनके तरफ खींचता है और निजी विश्वविद्यालयों में एक ऊंची मुकाम हासिल किए हुए हैं।

जैसे कि अन्य इंस्टीट्यूशनों में होता है वैसे ही मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर में भी जनसम्पर्क विभाग है जिसका कार्य Shri Meghanadhudu Katabathuni देखते हैं। विश्वविद्यालय इतना बड़ा है तो स्वाभाविक है जनसम्पर्क का कार्य भी वृहद और कठिन होगा। लेकिन Shri Meghanadhudu Katabathuni के कार्यशैली को देखकर ऐसा लगता है कि वे बहुत ही ज्यादा काम के प्रेशर में हैं जिससे वे न तो प्रतिष्ठित पत्रकार / पत्रकारों का फ़ोन रिसीव करते हैं और न ही कॉल बैक करते हैं। उन्हें व्हाट्सएप्प पर मैसेज करने पर भी वे कोई जवाब नहीं देते हैं। जबकि जनसम्पर्क अधिकारियों का मीडिया से interact करना भी एक कार्य है जो श्रीमान पीआरओ साहब कर नहीं रहे हैं या शायद करना नहीं चाहते होंगे या हो सकता है अपने चहेतों से बात करते भी हों और इस कारण से इमेज बिल्डिंग जो हुआ है उसमें ये श्रीमान पीआरओ साहब पलीता लगा रहे हैं ऐसा प्रतीत हो रहा है। नीचे लिस्ट है कि कब कब श्रीमान  Meghanadhudu Katabathuni को फ़ोन लगाया गया और वे उठाये नहीं ...

इस विषय पर मैट्स विश्वविद्यालय के प्रबंधन को ध्यान देते हुए अविलम्ब इस महत्त्वपूर्ण विभाग के पीआरओ के इस तरह के कार्य प्रणाली पर ध्यान देते हुए सठीक निर्णय लेना चाहिए।


प्रदेश के प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों में से एक मैट्स विश्वविद्यालय का एक अलग ही नाम व पहचान है जो वर्षों के मेहनत के बाद खुद को एस्टेब्लिश किये हैं। रायपुर के पंडरी बस स्टैंड के पास स्थित मैट्स विश्वविद्यालय का क्रेज , रिजल्ट, प्लेसमेंट व आदि विद्यार्थियों को अनायास ही उनके तरफ खींचता है और निजी विश्वविद्यालयों में एक ऊंची मुकाम हासिल किए हुए हैं।

जैसे कि अन्य इंस्टीट्यूशनों में होता है वैसे ही मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर में भी जनसम्पर्क विभाग है जिसका कार्य Shri Meghanadhudu Katabathuni देखते हैं। विश्वविद्यालय इतना बड़ा है तो स्वाभाविक है जनसम्पर्क का कार्य भी वृहद और कठिन होगा। लेकिन Shri Meghanadhudu Katabathuni के कार्यशैली को देखकर ऐसा लगता है कि वे बहुत ही ज्यादा काम के प्रेशर में हैं जिससे वे न तो प्रतिष्ठित पत्रकार / पत्रकारों का फ़ोन रिसीव करते हैं और न ही कॉल बैक करते हैं। उन्हें व्हाट्सएप्प पर मैसेज करने पर भी वे कोई जवाब नहीं देते हैं। जबकि जनसम्पर्क अधिकारियों का मीडिया से interact करना भी एक कार्य है जो श्रीमान पीआरओ साहब कर नहीं रहे हैं या शायद करना नहीं चाहते होंगे या हो सकता है अपने चहेतों से बात करते भी हों और इस कारण से इमेज बिल्डिंग जो हुआ है उसमें ये श्रीमान पीआरओ साहब पलीता लगा रहे हैं ऐसा प्रतीत हो रहा है। नीचे लिस्ट है कि कब कब श्रीमान  Meghanadhudu Katabathuni को फ़ोन लगाया गया और वे उठाये नहीं ...

इस विषय पर मैट्स विश्वविद्यालय के प्रबंधन को ध्यान देते हुए अविलम्ब इस महत्त्वपूर्ण विभाग के पीआरओ के इस तरह के कार्य प्रणाली पर ध्यान देते हुए सठीक निर्णय लेना चाहिए।


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